एयर इंडिया की महिला पायलट कैप्टन जोया अग्रवाल को संयुक्त राष्ट्र में महिला प्रवक्ता चुना गया है। जोया अग्रवाल का संयुक्त राष्ट्र में महिला प्रवक्ता नियुक्त किए जाने पर भारत के लिए बहुत ही गर्व की बात है। बता दें, जोया को यह जिम्मेदारी जेनरेशन इक्वलिटी के तहत सौंपी गई है। जोया एक पायलट है जिन्होंने कई उड़ानों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है और उनके पास करीब 10 साल से ज्यादा का अनुभव है।
इस खास मौके पर जोया ने कहा कि, “मैं बहुत ही विनम्र होकर यह कहना चाहती हूं कि, संयुक्त राष्ट्र महिला जैसे मंच पर अपने देश और एयर इंडिया के ध्वजवाहक का प्रतिनिधित्व करने का मौका मुझे मिला है और यह मेरे लिए बहुत ही गर्व की बात है. दुनिया भर में अपने देश का मान बढ़ाने के लिए मैं बहुत ही सम्मानित महसूस कर रही हूं।” जोया ने अपनी उपलब्धियों के लिए भारत सरकार और एयर इंडिया का धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा कि, “मैं इस वर्दी में राष्ट्रीय की सेवा करने का अवसर पाने के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट और एयरलाइन की आभारी हूं, जिन्होंने मुझे संयुक्त राष्ट्र महिलाओं के वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी है. मैं इक्वलिटी और इंटरनेशनल यूथ डे की प्रवक्ता हूं।
” इसके अलावा जोया ने महिलाओं को लेकर कहा कि, “महिलाओं को सपने देखना चाहिए और उन्हें पूरा करने के लिए खुद पर यकीन होना चाहिए। मुश्किले चाहे कितनी भी क्यों ना हो यदि आप कड़ी मेहनत और ध्यान केंद्रित कर अपने सपनों को 100% देते हैं तो आपके सपने जरूर पुरे होते हैं।”
इस गर्व के क्षण पर नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट कर कहा कि, “‘अब लड़कियां रास्ता तय कर रही है! प्रोफेशनल, क्वालिफाइड और कॉन्फिडेंट- ऑल वीमेन कॉकपिट क्रू वाली एयर इंडिया की फ्लाइट सैन फ्रांसिसको से बंगलुरु के लिए उड़ान भर चुकी है, जो नॉर्थ पोल के ऊपर से गुजरेगी। हमारी नारी शक्ति ने सबसे पहले एक ऐतिहासिक सफलता हासिल की है।”
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बता दें, कैप्टन जोया एयर इंडिया में कमर्शियल पायलट और कमांडर है। उन्होंने इसी साल जनवरी में सबसे लंबी नॉन स्टॉप फ्लाइट उड़ा कर इतिहास रचा था। जोया अग्रवाल बहुत ही सीनियर पायलट है और उनके पास करीब 8000 घंटे से ज्यादा की उड़ान का अनुभव है। इसके अलावा जोया के पास कमांडर- बी 777 हवाई जहाज उड़ाने का उनके पास 10 साल से ज्यादा और 2500 घंटे से ज्यादा उड़ान का अनुभव है।
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जोया ने बताया कि, “जब उन्होंने एयर इंडिया जॉइन किया था तब वह बहुत कम महिला पायलटों में से एक थी। सभी लोग उन्हें एक बच्चे की तरह देखते थे साथ ही उनका बहुत सहयोग करते थे।” आगे जोया ने बताया कि, “वह अपने माता-पिता की अकेली संतान है, उन्हें आज भी याद है कि जब उन्होंने पहली बार घर में बताया था कि वह पायलट बनना चाहती है तो उनकी मां डर के मारे रो पड़ी थी। हालांकि मां जल्द ही बदल गई और जब साल 2013 में मैं जब कैप्टन बनी तो मां की आंखों में आंसू थे लेकिन यह खुशी के आंसू थे।”