‘सोने की मछली’ अमेरिका में बरसा रही कहर, प्रशासन की उड़ी नींद, जारी किया अलर्ट
‘सोने की मछली’ यानि गोल्डेन फिश एक पॉपुलर पेट फिश है। लेकिन अमेरिका के मिनेसोटा राज्य में लोग से तालाब और नदियों में फेंक रहे हैं। इसके बाद वहाँ का प्रशासन टेंशन में आ गया और उसने इसे लेकर चेतवानी जारी कर दी। एक गोल्ड फिश को जब छोटे एक्वैरियम में रखा जाता है तो वह दो इंच से अधिक लंबी नहीं हो पाती है, लेकिन मिनेसोटा के बर्न्सविले शहर के अधिकारी उस समय दंग रह गए जब उन्हें फुटबॉल के आकार की दुर्लभ गोल्डन फिश मिली। यह गोल्ड फिश पर्यावरण के लिहाज से बहुत खतरनाक मानी जाती है।
दरअसल मिनिसोटा राज्य के बर्न्सविले शहर के केलर झील के एक सर्वेक्षण के समय बहुत सी सोने की मछलियों को पकड़ गया। इनका फुटबॉल जितना सीज देख मत्स्य विभाग भी हैरान रह गया। उन्होंने इससे पहली कभी इतनी बड़ी गोल्डन फिश नहीं देखी थी। ऐसे में प्रशासन ने ट्वीट कर बताया कि गोल्डन फिश के द्वारा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जाता है। इसलिए छोटी पालतू गोल्डन फिश को पानी में न फेंके। गोल्डन फिश खुली जगह में फुटबॉल के आकार जितनी बढ़ सकती है। ये पानी की गुणवत्ता को खराब करती है। इसके द्वारा जल में अवांछित तत्वों को जन्म दिया जाता है।
मिनिसोटा शहर में बड़ी बड़ी गोल्डेन फिश का पूरा ग्रुप मिला है। ऐसे में यहां इसे लेकर बहुत निगरानी बरती जा रही है। प्रशासन ने गोल्डेन फिश को सार्वजनिक पोखर या झील में छोड़ना अवैध कर दिया है। मिनिसोटा शहर में एक्वारियम में शीशे के छोटे छोटे बर्तनों में कई छोटी छोटी गोल्डेन फिश बेची जा रही है। लेकिन समस्या यही है कि इन छोटे एक्वेरियम इनका साइज़ जगह न मिलने पर 2 इंच ही रहता है, लेकिन सार्वजनिक तालाब में फेंक दिया जाए तो ये फुटबॉल जितनी बड़ी हो सकती है। फिर इन्हें हटाना बेहद कठिन होता है।
गोल्डेन फिश अपनी आबादी भी तेजी से बढ़ाती है। उनकी प्रजनन दर काफी तेज होती है। फिर तालाब में आने पर यह गोल्डन फिश वहाँ मौजूद दूसरी मछलियों की प्रजाति को भी जल्दी खत्म करने लगती है। ये व्यवहार में बहुत ही आक्रामक होती है और तेजी से प्रजनन कर स्थानीय प्रजातियों पर कहर बरसाती है। ऐसे में अधिकारियों द्वारा वर्जीनिया, वाशिंगटन, ऑस्ट्रेलिया और अन्य जगहों पर मंदारने वाले इस खतरे को लेकर नागरिकों को वार्निंग दी गई है।
यह गोल्डन फिश झीलों के तल में जाकर खान खाती है। ऐसे में वह वहाँ मौजूद दूसरे पौधों को जड़ से काटकर अलग कर देती है। ये सब इनके विशाल ग्रुप द्वारा इतनी तेजी से होता है कि कुछ ही समय में वह झील पौधों से विहीन हो जाती है। इतना ही नहीं ये पानी को गंदा करती है और अल्गल उत्पन्न करती है। यह तत्व बाकी जीव जंतुओं के लिए जहर के समान होता है। ऐसे में कुछ समय बाद तालाब या झील में गोल्डेन फिश के अतिरिक्त और कोई जीव नहीं दिखता है। यही वजह है कि गोल्डेन फिश को सार्वजनिक तालाब से अलग रखा जाता है।
यह कोई पहली बार नहीं है जब अमेरिका में गोल्डन फिश का कहर बरसा हो। इसके पहले पिछले साल अक्टूबर में कार्बर काउंटी में 50 हजार गोल्ड फिश को हटाने में 3 सालों का वक्त लग गया था। अमेरिका के अलावा जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसे देश भी गोल्ड फिश से तंग आ चुके हैं। 2010 की बात है जब ब्रिटेन में गोल्ड फिश ने बहुत सी झीलों से अन्य मछलियों को पूरी तरह नष्ट कर दिया था। तब वहाँ की झीलों से 3 किलो से ज्यादा के गोल्ड फिश मिली थी। बाद में उन्हें बड़ी मुश्किल से हटाया गया था।