मां के नाम पर कलंक है ये महिला, बेटी के सुहाग उजाड़ बना दिया विधवा, वजह जान यकीन नहीं होगा
हर मां अपनी बेटी के लिए खुशियां ही चाहती है। जब बेटी की शादी हो जाती है तो मां भगवान से यही दुआ करती है कि उसकी लाड़ली बिटिया रानी खुश रहे। उसका सुहाग सदा सलामत रहे। उसका परिवार खूब फुले फले। एक मां कभी भी अपनी बेटी के सुहाग के लिए कुछ बुरा नहीं चाहेगी। वह उसके घर को और आबाद होते देखना चाहेगी। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी कलयुगी मां से मिलाने जा रहे हैं जिसने अपनी ही बेटी का घर बर्बाद कर दिया।
दरअसल राजस्थान के जोधपुर जिले के मंडोर थाना क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे देख हर कोई दंग रह गया। यहां एक क्रूर मां ने अपनी ही बेटी का सुहाग उजाड़ उसे विधवा बना दिया। महिला ने इस काम के लिए दो लोगों को 5 लाख रुपए की सुपारी तक दे डाली। वह किसी भी तरह से अपने दामाद से छुटकारा पाना चाहती थी। हालांकि जब आप इसकी वजह जानेंगे तो आपके मुंह से भी यही निकलेगा कि हमने आज तक ऐसी खतरनाक मां नहीं देखी।
दरअसल दो दिन पहले पुलिस को एक बोर में एक युवक का शव मिला था। जब पुलिस ने इस मामले की जनच की तो शव की पहचान विनोद ओड के रूप में हुई। विनोद की शादी चार साल पहले ग्यारसी देवी की बेटी से हुई थी। पुलिस ने जब इस मर्डर के रहस्य को सुलझाया तो वह भी एक पल के लिए हैरान रह गई। अपनी जांच में उन्हें पता लगा कि विनोद की हत्यारन और कोई नहीं बल्कि उसकी सास ग्यारसी देवी ही है। उसने अपने दो पड़ोसी जब्बर सिंह राजपुरोहित और धनराज वैष्णव को 5 लाख रुपए की सुपारी देकर दामाद को मरवाया है।
31 जुलाई की रात विनोद ससुराल से अपने घर लौट रहा था। उसकी सास के पड़ोसी जब्बर सिंह राजपुरोहित और धनराज वैष्णव मृतक विनोद को अपने साथ दारू पिलाने के बहाने ले गए थे और वहाँ उन्होंने रस्सी से उसका गला घोंट उसे मौत के घाट उतार दिया। उन्होंने उसका शव कट्टे में भरकर झाड़ियों में डाल दिया। पुलिस ने मृतक की सास और सुपारी लेने वाले हत्यारों को हिरासत में ले लिया है। जब पुलिस ने मृतक की सास से दामाद की हत्या करवाने की वजह पूछी तो वो भी दंग रह गई।
सास ने बताया कि उसकी बेटी ने विनोद से लव मैरिज की थी। विनोद पैसे से मजदूर था, जबकि ग्यारसी देवी की बेटी अमीर थी। बस यही बात उसे चुभे जा रही थी। उसे मजदूर दामाद से चिढ़ थी। उसकी इच्छा थी कि उसकी बेटी की शादी किसी अमीर घराने में हो, इसलिए वह किसी भी तरह से अपने मजदूर दामाद से पीछा छुड़ाना चाहती थी। ऐसे में उसने अपने दो पड़ोसियों संग मिलकर दामाद के मर्डर का प्लान बनाया।
ग्यारसी देवी के पति मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज रिटायर्ड थे। उनके निधन के बाद ग्यारसी देवी को पेंशन मिलती है। वहीं दुकान का किराया भी आता है। मतलब उनके पास पैसों की कोई कमी नहीं थी। वह ये कतई नहीं चाहती थी कि उनकी इकलौती बेटी किसी गरीब की पत्नी बनकर रहे।