2030 तक भारत हर क्षेत्र का करेगा नेतृत्व, अमेरिकी के शीर्ष राजनयिक रिचर्ड वर्मा ने किया दावा
अमेरिका के पूर्व शीर्ष राजनयिक रिचर्ड वर्मा ने जमकर भारत की तारीफ की है। भारत की तारीफ करते हुए इन्होंने कहा है कि साल 2030 तक भारत शायद सभी क्षेत्रों में अगुवाई करे। साथ में ही इन्होंने आने वाले समय में भारत और अमेरिका के संबंध ओर मजबूत होने की बात कही है। वर्मा ने कहा है कि मैंने भारत के हर राज्य की यात्रा की है। इन राज्यों में असीमित संभावनाएं हैं। यही कारण है कि मैं आप जैसे युवाओं को लेकर बहुत ही उत्साहित हूं।
रिचर्ड वर्मा ने सोमवार को ये बयान देते हुए कहा कि अगर साल 2030 की बात करूं तो मैं उदाहरण के लिए भारत को विश्व के लगभग सभी क्षेत्रों की अगुवाई करते हुए देखता हूं। सबसे अधिक आबादी वाला देश, सबसे अधिक स्नातक लोग, बड़ी संख्या में मध्यम-वर्ग, बड़ी संख्या में मोबाइल फोन तथा इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोग, तीसरी सबसे बड़ी सेना और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
‘जिंदल यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस’ को संबोधित करते हुए इन्होंने आगे कहा कि भारत का विकास काफी तेजी से हो रहा है। इस देश में करीब 2000 अरब डॉलर अगले एक दशक में बुनियादी ढांचों के विकास पर खर्च किए जाएंगे। साल 2030 के लिए आवश्यक अधिकांश बुनियादी ढांचे का निर्माण अभी बाकी है। यही कारण है कि आज करीब 100 नए हवाईअड्डों की योजना बनाई जा रही है या उनका निर्माण किया जा रहा है।
भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड ने कहा कि भारत के युवा छात्र एशिया में सबसे युवा कार्यबल हैं। ‘ड्राइविंग शेयर्ड प्रोसपेरिटी: अमेरिका-भारत संबंधों के लिए 21वीं सदी की प्राथमिकता’ पर वर्मा ने कहा, आप इसका फायदा 2050 तक उठा सकते हैं। ये काफी दुर्जय है। हमने 2000 में राष्ट्रपति क्लिंटन की भारत यात्रा के साथ इस युग की शुरुआत की थी। दशकों बाद वो एक सफल यात्रा थी।
वर्मा ने कहा कि अब रिश्ते निभाने का समय आ गया है। हमारे लोगों के लिए कुछ करने का समय आ गया है। आज ये एक बड़ी चुनौती है। लेकिन ये हमारे लिए यहां अमेरिका में काफी रोचक है और आप सभी के लिए भारत में भी खासकर जब आप अपनी पढ़ाई और फिर अपने करियर की शुरुआत करते हैं।
इससे पहले, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी भारत की तारीफ की थी और कहा था कि अमेरिका और भारत के कई साझे हित एवं मूल्य हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि विदेश मंत्री के रूप में ब्लिंकन ने हाल ही में अपनी पहली भारत यात्रा की। ये हमारे लिए उन तरीकों का पता लगाने का भी एक अवसर था। जिनसे हम भारत के साथ व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत और गहरा कर सकते हैं।