I’m Sorry मां लिखकर फंदे पर झूल गया था नाबालिग। अब ‘फ़्री फ़ायर’ गेम के मालिक पर दर्ज हुआ केस…
ऑनलाइन गेम के प्रति युवाओं का झुकाव काफ़ी तेज़ी के साथ बढ़ रहा है। जिसका परिणाम कहीं न कहीं जान गंवाकर या रुपए-पैसे गंवाकर चुकाना पड़ रहा है। जी हां पहले पबजी खेलने का चस्का युवाओं पर ऐसा चढ़ा था कि उसकी क़ीमत कई युवाओं ने जान गंवाकर चुकाई और अब फ़्री फ़ायर ऑनलाइन गेम की वज़ह से युवा सिर्फ़ पैसे ही नहीं गंवा रहें, बल्कि जान से हाथ धो रहें। बता दें कि ताजा मामला मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले से निकलकर आया है। जहां ‘फ़्री फायर’ ऑनलाइन गेम की वज़ह से एक तेरह साल के बच्चें ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है।
बता दें कि छतरपुर (Chhatarpur) में ऑनलाइन गेम फ्री फायर (online game free fire) में 40 हजार रुपए हारने के बाद 13 साल के कृष्णा पांडे ने फांसी लगाकर आत्महत्या (13 year old boy hanged) कर ली है। जिसके बाद इसी मामले में सिविल लाइन पुलिस ने गेम के संचालक के खिलाफ नाबालिग को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का केस दर्ज कर लिया है। वहीं मालूम हो कि बच्चे का सुसाइड नोट, परिजनों के बयान और बैंक खातों व ऑडियो क्लिप के आधार पर पुलिस ने कंपनी के अज्ञात संचालक के खिलाफ केस दर्ज किया है। जानकारी के मुताबिक गेम खेलते समय सभी लोग आपस मे बातचीत कर सकते है। ऐसे में फ्री फायर खिलाने वाले इस बच्चे पर पैसे डालने का दबाब बनाते थे।
धारा 305 के तहत मामला हुआ दर्ज…
गौरतलब हो कि पुलिस ने इस मामले में धारा 305 के तहत मामला दर्ज किया है। इस धारा के अंतर्गत यदि कोई नाबालिग आत्महत्या कर ले तो जो भी कोई ऐसी आत्महत्या के किए जाने का दुष्प्रेरण करेगा वह मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा का हक़दार होगा। हालांकि सजा की अवधि दस वर्ष से अधिक की नहीं होगी।
सिंगापुर की है फ्री फायर कंपनी…
बता दें कि फ्री फायर गेम सिंगापुर में बनाया गया है। फ्री फायर को बनाने वाली कंपनी 111 डॉट्स स्टूडियो सिंगापुर की एक कंपनी है। फ्री फायर को गरेना फ्री फायर और फ्री फायर बैटलग्राउंड के नाम से भी जाना जाता है। फिलहाल फॉरेस्ट ली फ्री फायर के फाउंडर हैं। एंड्रायड मोबाइल पर खेले जाने वाले इस खेल में पचास से अधिक खिलाड़ी होते हैं, जो दूसरे खिलाडिय़ों को मारने के लिए हथियारों और उपकरणों की तलाश में एक द्वीप पर पैराशूट से गिरते हैं। कुल मिलाकर यह पबजी का लाइट वर्जन माना जाता है और एक समय पबजी से देश में कितने युवा मौत के ग्रास में समा रहे थे। यह हम सभी जानते हैं।
यह था पूरा मामला…
दरअसल छतरपुर में ऑनलाइन गेम में 40 हजार रुपए गंवाने पर 13 वर्षीय लड़के ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। जानकारी के मुताबिक मां ने इस गेम को खेलने से मना किया था, जिसके बाद कृष्णा ने सुसाइड कर लिया और मरने से पहले लड़के ने सुसाइड नोट भी लिखा।
छतरपुर में ऑनलाइन गेम “फ्री फायर” के कारण बच्चे की जान जाने की घटना दुखद है, पुलिस ने #FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ऐसे गेम बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए विधि विभाग के अफसरों से राय मशविरा कर रहा हूं। जल्द इन्हें कानून के दायरे में लाकर कार्रवाई करेंगे। pic.twitter.com/jV20lQUnoS
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) August 2, 2021
बता दें कि इस घटना को सूबे के गृहमंत्री ने दुःखद बताया है और ऐसे ऑनलाइन गेम बनाने वाली कम्पनियों को क़ानून के दायरे में लाने की बात कही है।
पहले भी ऑनलाइन गेम की वज़ह से पैसे गंवा चुके हैं बच्चें…
छतरपुर में जो कुछ बच्चें के साथ ऑनलाइन गेम के नाम पर हुआ। यह कोई पहली बार नहीं है। ऐसे में अगर घर में बच्चा मोबाइल में ऑनलाइन गेम खेल रहा हो तो परिजनों को सचेत होने का समय आ गया है। जी हां वरना ऑनलाइन गेम खेलने के चक्कर में बैंक में जमा पूंजी गंवाने के साथ बच्चें से हाथ धोना पड़ सकता है। बता दें कि छतरपुर में पैसा और बच्चा दोनो ऑनलाइन गेम की भेंट चढ़ गया, लेकिन ऐसा ही एक मामला कुछ समय पहले छतीसगढ़ के कांकेर जिले के पखांजूर थाना क्षेत्र में देखने को मिला था।
जहां ऑनलाइन गेम खेलने के चक्कर में शिक्षिका के खाते से बिना ओटीपी और मैसेज आए 278 बार में 3 लाख 22 हजार रुपए कट गए थे। पैसा कटने की जानकारी जब शिक्षिका को हुई तो उसने थाने में ठगी का मामला दर्ज कराया था और जांच में पता चला था कि गेम के चक्कर में पैसे कट गए।