नाना पाटेकर का एक ऐसा पहलू जिसे आपने कभी परदे पर नहीं देखा होगा
बॉलीवुड के सफल अभिनेता तो बहुत से है लेकिन सफल अभिनय करने वाले अभिनेताओं में से एक है नाना पाटेकर।
यूँ तो परदे पर हमने नाना के बेबाक और रंगीले दोनों अंदाज़ों को देखा है , उनका अभिनय इतना मंझा हुआ है कि हम तय नहीं कर पाते की उनकी कौन सी फिल्म ज्यादा बेहतर थी। क्रांतिवीर से लेकर वेलकम बैक तक हमारे दिमाग को झकझोरने से हमें हँसाने तक नाना ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
लेकिन भारत देश के कुछ किसानों के लिए नाना केवल अभिनेता नहीं बल्कि ईश्वर का भेजा हुआ फरिश्ता है। नाना ने सुखपीड़ित किसानों के मदद कर के इंसानियत की एक बहुत बड़ी मिसाल कायम की।
तो चलिए आपको रूबरू करते है नाना के एक ऐसे पहलु से जिसे जानने के बाद आप विस्मृत तो होंगे ही साथ ही साथ आपके मन में नाना का कद और भी बढ़ जायेगा और आपको ऐसा लगेगा कि इसका रत्ती भर भी इसका अगर हम अपने जीवन में अपना ले , तो दुनिया और भी बेहतर हो जायेगी।
जब बॉलीवुड की ज्यादातर बड़ी हस्तियां पैसे कमा कर संपत्ति जुटाने में जुड़ी हैं और लोग आलीशान बंगलो में रह रह हैं, ऐसे समय में नाना सादगी को अपना आधार बना कर नाना अपने 750 वर्गफुट के मकान में रहते हैं, जो उन्होंने 1.1लाख रुपये में ख़रीदा था।
अब आप सोच रहें होंगे की अगर नाना इतनी सादगी से रहते हैं, तो उनके कमाये धन का वो क्या करते होंगें? तो आपको बता दें कि नाना ने अपने जीवन का एक उददेश्य बना लिया है कि वें उन किसानों की मदद के लिए हमेशा तैयार हैं जो पानी और आर्थिक तंगी से परेशान हैं। नाना ने ऐसा फैसला हाल में किसानों के द्वारा बढ़ती आत्महत्याओं के मद्देनजर लिया है। नाना ने इसके लिए एक संस्था भी गठित की है जो अबतक 22 करोड़ रुपये आम लोगों से जूता कर किसानों की मदद कर चुकी है।
नाना ने इसी जुड़ी एक घोषणा भी की जिसमे उन्होंने किसानों से कहा कि अगर आप किसी भी तरह से परेशान है और आत्महत्या करने की सोच भी रहे है, तो एक बार मुझे फ़ोन कीजियेगा मई हर संभव मदद करने का प्रयास करूँगा।
हो सकता है बोत बहुत से लोगो को ये रकम बोत छोटी लग रही हो और बदलाव के लिए न के बराबर प्रतीत हो रही हो, लेकिन हमें ऐसे फैसले के लिए नाना की प्रशंसा करनी चाहिए, ऐसा करने से नाना का दिल कितना आमिर है इसका तो अनुमान आप लगा ही सकतें हैं।
नाना के पिता के साथ एक बार बहुत बड़ी ठगी हो चुकी थी जिसने उनके परिवार को गरीबी का सामना करने के लिए मजबूर कर दिया। नाना ने काफी ऐसी छोटी नौकरियाँ कर के मुश्किल दौर में अपने परिवार की बहित मदद की। उन्हें महीने के मात्र 35 रुपये मिलते थे और इसके बदले में उन्हें घूम घूम कर फिल्मो के पोस्टर चिपकाने होते थें।
यही कारण है कि आकाश के सामान सफलता की ऊंचाइयों को छूने के बाद भी नाना के पैर जमीन पर ही रहते हैं।
अपनी फिल्म प्रहार के लिए नाना ने बहुत ही सख्त आर्मी ट्रेनिंग ली ताकि वो उनके किरदार में कोई कमी न रह जाये।
अपनी निजी जिन्दगी में भी नाना अपने वसूलों को लेकर उतने ही पक्के है, जितना की अपनी फ़िल्मी जिंदगी में। नाना का बेटा मल्हार जिसे वो बहुत ही ज्यादा प्यार करते है। नाना ने मल्हार, जो की अब 30 साल के है, के लिए किसी भी तरह की सिफारिश नहीं की मल्हार से मल्हार से मेहनत के दाम पर आगे आने की बात कही।