पिता की याद में क्रुणाल पांड्या ने लिखी ऐसी पोस्ट। जिसे पढ़कर आप भी हो जाएंगे भावुक..
काफ़ी समय पहले भारतीय क्रिकेट टीम में दो भाइयों की जुगलबंदी काफ़ी अच्छी देखने को मिलती थी। जी हां एक दौर ऐसा था। जब पठान बंधु की तूती बोलती थी और अब आने वाले दिनों में उनके ही जैसे पांड्या ब्रदर्स की जोड़ी क्रिकेट मैदान पर देखी जा सकती है। बता दें कि टीम इंडिया के धाकड़ आलराउंडर हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) के बड़े भाई क्रुणाल ने भी आखिरकार अपना वनडे डेब्यू कर ही लिया। भारत और इंग्लैंड के बीच तीन मैचों की श्रृंखला के पहले मैच में क्रुणाल अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेलते हुए लगभग हर किसी का दिल जीत गए। शानदार प्रदर्शन करने के साथ ही उन्होंने रिकॉर्ड भी बनाया।
क्रुणाल पांड्या ने अपने पहले वनडे मैच में महज 31 गेंद पर 7 चौके और 2 छक्कों की मदद से 58 रन की पारी खेली जो कि किसी भी भारतीय खिलाड़ी द्वारा बेस्ट डेब्यू स्कोर है। गौरतलब हो कि अपने पहले ही मैच से चमके क्रुणाल ने अपने जीवन में काफ़ी उतार चढ़ाव देखे हैं। वह अहमदाबाद में एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे थे। इतना ही नहीं कभी दोनो पांड्या ब्रदर्स 400-500 रुपये के लिए दूसरे गांव जाते थे क्रिकेट खेलने के लिए, लेकिन आज दोनों स्टार खिलाड़ी बन गए हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इन्हीं से जुड़ी कहानी…
बता दें कि क्रुणाल पांड्या और हार्दिक पांड्या दोनों सगे भाई है। दोनों साधारण परिवार से हैं। 1999 में उनके पिता हिमांशु पांड्या बड़ौदा आ गए थे। जिसके बाद बहुत छोटे स्तर पर कार फाइनैंसिंग का काम शुरू किया, लेकिन ज्यादा आमदनी नहीं होती थी। 2010 में उन्हें हार्ट अटैक आ गया। खराब होती सेहत के कारण वह नौकरी नहीं कर पाए। वहीं क्रुणाल पांड्या के पिता हिमांशु क्रिकेट के बड़े फैन थे। वे दोनों भाइयों के साथ में मैच देखते थे और कई बार मैच के लिए स्टेडियम भी ले जाते थे। इसी से दोनों भाइयों का क्रिकेट में इंरेस्ट जगा और 5 साल के हार्दिक और 7 साल के क्रुणाल को जैसे-तैसे उन्हें किरण मोरे की एकेडमी में दाखिला दिलाया।
शुरुआती दिनों में दोनों भाई 400-500 रुपये कमाने के लिए पास के गांव में क्रिकेट खेलने जाते थे। गांव का नाम था ‘पालेज’। उन्हें हर मैच के 400-500 रुपये मिल जाते थे। क्रुणाल के मुताबिक, वो दिन नहीं होते, तो आज के शानदार दिन भी नहीं होते।
मालूम हो कि हार्दिक पांड्या पढ़ाई में अच्छे नहीं थे और नौवीं क्लास में ही फेल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और सिर्फ क्रिकेट पर ही फोकस किया। पूर्व क्रिकेटर किरण मोरे ने हार्दिक पांड्या को अपनी एकेडमी में तीन साल तक फ्री में ट्रेनिंग दी। शुरुआत में हार्दिक पांड्या लेग स्पिनर थे लेकिन किरण मोरे की सलाह से वह फास्ट बॉलर बने। घरेलू क्रिकेट में दोनों भाई बड़ौदा की टीम से खेलते हैं। हार्दिक ने टी-20 में अपना डेब्यू साल 2013 में मुंबई के खिलाफ किया था।
इतना ही नहीं क्रुणाल पांड्या ने वो दिन भी देखे हैं जब उन्हें सिर्फ मैगी खाकर अपनी दिन भर की भूख मिटानी पड़ती थी। क्रुणाल पिछले साल आईपीएल के बाद विवादों में फंसे थे, जब दुबई से अवैध सोना और बेशकीमती सामान लाने के जुर्म में उन्हें सुरक्षा बलों ने हिरासत में ले लिया था। डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) ने उन पर कथित तौर पर हिसाब से ज्यादा सोना और अन्य अवैध चीजें दुबई से लेकर आने के आरोप में फाइन लगाया था।
गौरतलब हो कि पहले मैच में ही शानदार पारी खेलने वाले क्रुणाल पांड्या ने मैच के बाद अपने पिता को याद करते हुए एक भावुक पोस्ट लिखा। उन्होंने लिखा कि, “पापा, हर गेंद के साथ आप मेरे दिमाग में और मेरे दिल में थे। मेरे साथ आपकी उपस्थिति महसूस करते ही आँसू मेरे चेहरे पर आ गए। मेरी ताकत होने के लिए, मेरे पास सबसे बड़ा सपोर्ट होने के लिए धन्यवाद। मुझे आशा है कि मैंने आपको गौरवान्वित किया है। यह आपके लिए है पापा, जो कुछ हम करते हैं वह आपके लिए है पापा।”