हिन्दी सिनेमा जगत में यूं तो अपने दमदार अभिनय से कई सितारों ने दर्शकों के दिलों पर राज किया लेकिन एक सितारा ऐसा भी हुआ, जिसे सिर्फ दर्शकों ने ही नहीं बल्कि पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री ने भी ‘राजकुमार’ माना और वह थे संवाद अदायगी के बेताज बादशाह कुलभूषण पंडित उर्फ राजकुमार। जी हाँ 8 अक्टूबर 1926 को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में जन्मे राजकुमार स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद मुंबई के ‘माहिम थाने’ में सब इंस्पेक्टर के रूप में काम करने लगे थे। इसी बीच एक दिन रात में गश्त के दौरान एक सिपाही ने राजकुमार से कहा कि हजूर! आप रंग-ढंग और कद-काठी में किसी हीरो से कम नहीं है। फ़िल्मों में यदि आप हीरो बन जाएं तो लाखों दिलों पर राज कर सकते हैं और राजकुमार को सिपाही की यह बात जंच गई। फ़िर क्या था उन्होंने धीरे-धीरे फ़िल्मी दुनिया की तरफ़ रुख़ किया।
फ़िर एक समय ऐसा आया कि राजकुमार बॉलीवुड के ऐसे कलाकार बन गए कि उन्हें 80 के दशक में सबसे ज्यादा अवार्ड मिले। उनके खास अभिनय को देखते हुए लाखों- करोड़ों लोग उनकी एक झलक पाने के लिए बेताब रहते थे। लेकिन इस चेहरे को दिखाने के लिए ही राजकुमार ने एक बड़ी शर्त रख दी थी। जी हां उनकी शर्त के मुताबिक ही ऐसा हुआ था कि जब राजकुमार का अंतिम संस्कार किया गया तो उस दौरान उनके फैंस को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई।
उनका अंतिम संस्कार बेहद गुपचुप तरीके से किया गया था। उनके अंतिम संस्कार के समय सिर्फ परिवार के चंद लोग ही मौजूद हुए थे। उनके फैंस इस बात को नही जान पाए आखिर राजकुमार का अंतिम संस्कार इतने गुपचुप तरीके से क्यों किया गया? तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि जिस कलाकार को देखने के लिए लोग बेताब रहते थे। उसने आख़िर ऐसी शर्त क्यों रखी कि उनके मरने के बाद कोई उनका दर्शन न कर पाएं।
दरअसल यह मामला उस दरमियान का है। जब राजकुमार को गले में कैंसर हो गया था। उस दौरान उन्हें खाने पीने से लेकर सांस तक लेने में तकलीफ होने लगी थी। राजकुमार की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी, ऐसे हालातों में भी वो नहीं चाहते थे कि किसी को भी उनकी बीमारी के बारे में पता चले। यह बात सिर्फ उनके परिवार वालों को पता थी। गले में कैंसर के चलते राजकुमार की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी और 3 जुलाई 1996 को राजकुमार ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
बता दें कि राजकुमार को अपनी मौत का एहसास पहले ही हो गया था। ऐसे में मरने से पहले उन्होंने अपने परिवार को बुलाया और कहा, कि आज रात ही मै निकाल जाऊं और मैं चाहता हूं कि मेरे मरने के बाद मेरा अंतिम संस्कार करना। मुझे जला लेना, लेकिन मेरे मरने की खबर किसी को नही देना। आशा करते है कि आख़िर अपनी मौत की ख़बर राज कुमार ने क्यों छिपाई थी और क्या रखी थी शर्त। यह सब आपको पता चल गया। ऐसी ही अन्य कहानियों के लिए आप बनें रहें ‘न्यूज़ ट्रेंड’ के साथ और हमें कमेंट कर अवश्य बताएं कि राजकुमार से जुड़ी यह कहानी आपको कैसी लगी…