प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्या कमजोरियाँ हैं, प्रशांत किशोर ने किया खुलासा
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर हाल ही में राहुल गांधी से अपनी मुलाकात को लेकर चर्चा में हैं। दरअसल, उन्होंने दिल्ली में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी से मुलाकात की, जिसके बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। बता दें, 2014 में हुए आम चुनावों में पीके ने बीजेपी के लिए काम किया था। जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए केंद्र में अपनी सरकार बनाई थी।
हालांकि 2015 में वह बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जेडीयू में शामिल हो गए थे। इतना ही नहीं कुछ समय पहले वह शरद पवार से भी मिलें थे। ऐसे में अब अटकलों का बाज़ार यह गर्म है कि क्या प्रशांत किशोर 2024 के मद्देनजर कहीं विपक्षी दलों की एकता के लिए तो काम नहीं कर रहें, क्योंकि पश्चिम बंगाल चुनाव में भी प्रशांत किशोर ने ममता बनर्जी के लिए काम किया था।
बता दें कि बीजेपी से अलग होने के बाद एक इंटरव्यू के दौरान प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कमजोरियों को लेकर जिक्र किया। एक इंटरव्यू के दौरान जब करण थापर ने प्रशांत से पूछा कि आपने पीएम मोदी को करीब से देखा है तो आपको क्या लगता है कि उनकी ताकत क्या हैं? इस पर उन्होंने कहा कि, “बहुत सारी हैं। आप उनकी ‘ताकत’ को लेकर किताब लिख सकते हैं। अगर मैं एक लाइन में बताऊं तो उनकी सबसे बड़ी ताकत उनका अनूठा अनुभव, जो समकालीन भारत में बेजोड़ है। ”
इतना ही नहीं प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि, “15 सालों तक आरएसएस के प्रचारक के तौर पर उन्हें जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ने का मौका मिला। इसके बाद 15 सालों तक राजनीतिक संजोयक के तौर पर उन्हें राजनीति को समझने का मौका मिला। फिर 15 साल सरकार में सीएम और प्रधानमंत्री के तौर पर उनका अनुभव बिल्कुल अलग रहा। ऐसा अनुभव बेहद ही कम लोगों को मिलता है।”
बता दें कि वहीं जब करण थापर ने प्रशांत किशोर से पीएम नरेंद्र मोदी की कमजोरी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि, “मैं इस बारे में बात करने के लिए बेहद ही छोटा व्यक्ति हूं। मुझसे ये सवाल कई बार किया जाता है लेकिन जब मुझे कुछ बोलना ही पड़ता है तो मैं कहता हूं कि शायद एक व्यक्ति के रूप में, एक नेता के रूप में वह थोड़ा अधिक उदार हो सकते हैं।”
ऐसे में प्रशांत किशोर से जब पत्रकार पूछते हैं कि ‘उदार’ से आपका क्या तात्पर्य है? तो इस पर वह कहते हैं, “अच्छा, क्षमा करने वाला, भूलने वाला और जो भी उदार का मतलब है।” साथ ही प्रशांत किशोर ने उस दौरान बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी एक महान श्रोता हैं। जब भी आप उनसे बात करते हैं या फिर उनके साथ काम करते हैं तो आपको लगता है कि वह आपके साथ मौजूद हैं। वह शरीर, दिमाग और आत्मा से पूरी तरह आपके साथ रहते हैं।
गौरतलब हो कि बीजेपी से अलग होने के बाद लगतार प्रशांत किशोर अलग-अलग पार्टियों के साथ जुड़ते रहें हैं और आजकल कयास यह लगाया जा रहा है कि वह 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्ष को एकजुट करते नज़र आ रहें हैं। बता दें कि इसी विषय पर शरद पवार ने कहा कि, “प्रशांत किशोर मुझे दो बार मिले पर जो भी बात हुई, उनकी कंपनी को लेकर हुई। 2024 के चुनाव के नेतृत्व को लेकर या राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई। प्रशांत किशोर ने मुझे बताया कि अब उन्होंने चुनावी रणनीति बनाने का व्यवसाय छोड़ दिया है।”