40 की उम्र में दुनिया छोड़ गए थे रामायण के भरत, पहले लक्ष्मण का रोल हुआ था ऑफर लेकिन
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी.. संजय जोग की अदाकारी से अमर हो गया भरत का किरदार
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी…. रामानंद सागर के मशहूर धारावाहिक ‘रामायण’ में श्री राम के वनवास के बाद जब भरत और राम का संवाद होता है उस वक्त ये गीत बजता है तो हर किसी की आंखें नम हो जाती है. यह गीत सुनकर आज भी लोगों की आंखों में आंसू आ जाते हैं. भगवान श्री राम का अपने भाई के साथ मिलन दर्शनीय था. इसके बाद जब भरत जी श्री राम से मिलकर जाते हैं तो यह गाना इस सीन को अमर कर देता है.
‘रामायण’ में दिखाया गया है कि भरत जी अपने बड़े भाई भगवान श्री राम के खड़ाऊं अपने शीष पर रखकर और आंख में आंसू लेकर वापस अयोध्या जाने लगते हैं. अपने बड़े भाई की गैरहाजिरी में भरत ने अयोध्या के राजसिंहासन पर श्री राम के स्थान पर कभी न बैठने का निश्चय किया था और उन्होंने राजसिंहासन पर श्रीराम की चरण पादुका को स्थान दिया था. रामायण के प्रमुख किरदारों को लेकर चर्चा अक्सर होते रहती है. लेकिन ‘रामायण’ में भरत के किरदार को निभाने वाले अभिनेता के बारे में बहुत कम लोगों को पता है. आइए आज आपको भरत जी का रोल करने वाले अभिनेता के बारे में बताते है…
अमर हो गया भरत का किरदार…
बता दें कि रामायण में ‘भरत जी का किरफार जिस अभिनेता ने निभाया था उनका नाम था संजय जोग. संजय जोग ने अपनी सधी हुई अदाकारी से भरत के किरदार को अमर कर दिया. जो प्यार और सम्मान भगवान श्री राम, माता जानकी, लक्ष्मण जी और रावण का किरदार निभाने वाले कलाकारों को मिला उसी प्रेम और सम्मान के हकदार संजय जोग भी रहे. भरत के किरदार में वे एक दम फिट नज़र आए. दुर्भाग्य से संजय आज हमारे बीच नहीं है. वे करीब 26 साल पहले दुनिया छोड़ चले थे. महज 40 साल की उम्र में इस सितारें ने दुनिया को अलविदा कह दिया था.
संजय जोग का जन्म 24 सितंबर 1955 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था. 1980-90 के दौर में संजय टीवी के मशहूर अभिनेता कहलाए. बताया जाता है कि उन्होंने एयरफोर्स पायलट बनने का सपना देख रखा था, हालांकि उनके माता पता इसके खिलाफ़ थे और बाद में संजय जोग अभिनय की दुनिया में आ गए.
50 से अधिक फिल्मों में किया काम…
इस बात के बारे में भी बहुत ही कम लोगों को जानकारी है कि संजय जोग ने फिल्मों में भी काम किया है. आपको जानकारी के लिए बता दें कि संजय जोग 50 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके थे. इनमे कुछ हिंदी और गुजराती फ़िल्में भी शामिल है. वहीं 50 में से 30 फ़िल्में उन्होंने मराठी भाषा में की थी. हिंदी सिनेमा में संजय ने अपने कदम फिल्म ‘जिगरवाला’ से रखे थे. यह फिल्म साल 1991 में प्रदर्शित हुई थी. बाद में और भी कई हिंदी फिल्मों में संजय देखे गए.
पहले लक्ष्मण का रोल हुआ था ऑफर…
बताया जाता है कि संजय जोग को पहले लक्ष्मण का रोल ऑफर हुआ था और उन्होंने जब इसके लिए ऑडीशन दिया तो वे रिजेक्ट हो गए थे. लेकिन बाद में उन्होंने भरत के किरदार के रूप में काम करने की इच्छा जाहिर की और उन्हें भरत का रोल मिला जिसे उन्होंने अमर कर दिया.
40 की उम्र में हो गया था निधन…
बहुत छोटी उम्र में संजय जोग दुनिया को अलविदा कह गए थे. 27 नवंबर 1995 को उनका निधन हो गया था. उनके निधन का कारण लीवर फेल होना बताया गया.