ग्वालियर में ब्राह्मण परिवार के 25 सदस्य बनना चाहते हैं मुस्लिम। पीएम मोदी को लिखा पत्र…
देश में एक तरफ लव जिहाद और जबरन धर्मान्तरण को लेकर कई राज्य सरकारें क़ानून बनाने में लगी हुई हैं। वहीं दूसरी तरफ देश में इस्लाम धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब ताज़ा मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर से निकलकर आया है। जो काफ़ी हैरान करने वाला हैं। बता दें कि ग्वालियर में ब्राह्मण परिवार के 25 सदस्यों ने इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को एक लेटर लिखा है और धर्मान्तरण की इजाजत मांगी है। वहीं गौरतलब हो कि इस धर्मान्तरण के लिए लेटर में पड़ोसी को वजह बताया गया है।
परिवार का आरोप है कि पड़ोसी उन्हें आए दिन प्रताड़ित करता है। पीड़ितों का कहना है कि, “पड़ोस में रहने वाले हिंदू इतना परेशान करते हैं कि अब हम धर्म बदलने की सोच रहे हैं। वो लोग जान से मारने और एससी-एसटी एक्ट में फंसाने की धमकी देते रहते हैं। परेशान करने वाले परिवार में कुछ लोग भाजपा और हिंदू संगठन से जुड़े हैं। जिसके चलते पुलिस हमारी कोई सुनवाई नहीं कर रही है।
इतना ही नहीं पीड़ित परिवार ने एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन देते हुए मुस्लिम बनने की अनुमति मांगी है। पत्र में लिखा है कि जब उनकी कोई हिंदू मदद नहीं कर रहा है तो ऐसे में मुस्लिम समाज का ही सहारा बचता है। हालांकि, प्रशासन और पुलिस के अधिकारों ने पीड़ित परिवार को समझाया है कि वह उनकी हर संभव मदद करेंगे। परेशान करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बीते दिन मंगलवार को सीएसपी आत्माराम शर्मा ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर मदद करने का अश्वासन दिया है।
क्या ब्राह्मण इतना निरीह हो गया हिंदुस्तान में ?
कि एक ब्राह्मण परिवार डरकर मुस्लिम बनना चाहता है ?
ये पत्र मेरे पास ग्वालियर से आया है मैंने अजय शर्मा जी से बातकर उनकी व्यथा को सुना और हर हाल में साथ देने का वादा किया है
आ0 @ChouhanShivrajजी आपसे निवेदन कि तत्काल संज्ञान लें pic.twitter.com/OfJ1lcxdhk
— Dr Roli Tiwari Mishra पण्डित डॉ रोली तिवारी मिश्रा (@RoliTiwariMish1) July 11, 2021
आए दिन होते हैं मानसिक रूप से प्रताड़ित…
Madhya Pradesh: A Gwalior-based Brahmin family has sought collector’s permission to convert into Islam. The family claimed that people belonging to SC category in their locality harass them over petty issues. They also threaten to get FIR register against family under ST/SC Act. pic.twitter.com/8gNqDd3XeO
— Free Press Journal (@fpjindia) July 13, 2021
बता दें कि पंडित अजय शर्मा अपने परिवार के साथ ग्वालियर के माधवगंज के आपागंज इलाके में रहते हैं। उनका आरोप है कि पास में रहने वाला ‘उमरैया परिवार’ उन्हें काफी परेशान करता है। आए दिन गाली-गलौच करना, जान से मारने की धमकी देना और एससी-एसटी एक्ट में फंसाने की धमकी देता है। हम इससे डरे हुए हैं, अगर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो हमें मजबूरन इस्लाम धर्म अपनाना पड़ेगा। अगर हम कुछ कहते हैं तो वह लोग राजनीतिक रसूख़ के चलते झूठे मामलों में फंसाने की बात करते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पत्र…
मालूम हो कि 9 जुलाई को पीड़ित परिवार ने यह लेटर प्रधानमंत्री मोदी को लिखा था। अजय और उनके परिवार के 25 सदस्यों ने हिंदू धर्म छोड़कर मुस्लिम धर्म अपनाने की बात इस लेटर में कही है। परिवार ने ग्वालियर के डीएम कौशलेन्द्र विक्रम सिंह और एसपी अमित सांघी को भी अपना ज्ञापन सौंपा है। अब ऐसे में कहीं न कहीं यह एससी/एसटी क़ानून का दुरूपयोग नहीं तो क्या है। मतलब सरकारें जिस क़ानून को समाज की भलाई के लिए बनाती है। उनका कैसे दुरुपयोग किया जाता है। ग्वालियर की यह घटना इसका जीता-जागता सबूत है। अब अगर किसी क़ानून और राजनीतिक रसूख़ की वज़ह से लोगों को हिन्दू धर्म छोड़ने पर मजबूर होना पड़ें। फ़िर कहीं न कहीं प्रशासन और सरकारी तंत्र दोनों पर सवाल उठना लाज़िमी है।
एक तरफ़ तो मध्यप्रदेश जैसे सूबे में सरकार लव-जिहाद और धर्मान्तरण को लेकर लामबंद होने की बात करती है। वहीं अब ग्वालियर ज़िले में ऐसे मामले का सामने आना कहीं न कहीं सरकारी सोच में बट्टा लगाने का काम करता है और वह भी भाजपा का ही धौंस दिखाकर। ऐसे में कैसे हिंदुत्व और हिन्दू की रक्षा हो पाएगी? यह बड़ा सवाल उठ खड़ा होता है।
वहीं जानकारी के लिए बता दें कि जब यह पत्र वायरल हुआ तो पुलिस हरकत में आई। मंगलवार को सीएसपी (CSP) लश्कर आत्माराम शर्मा ने पीड़ित अजय को मिलने के लिए बुलाया। उन्होंने उसे समझाया है कि डीएम (DM) साहब ने कहा है कि पूरा पुलिस और जिला प्रशासन उनके साथ है। उन्हें कोई परेशान नहीं करेगा। साथ ही बिना जांच के कोई एफआईआर (FIR) दर्ज नहीं की जाएगी। इसके बाद अजय ने पुलिस को आश्वासन दिया है कि यदि पुलिस उनका साथ देगी तो वह फिलहाल धर्म परिवर्तन का विचार मन से निकाल देगें।