शहर त्यागकर पहाड़ों के बीचोंबीच बसा कपल, जमीन से 5 हजार फ़ीट ऊपर बनाया ख़ूबसूरत घर
आज के समय में भाग दौड़ इतनी है कि व्यक्ति हर समय सुकून, चैन और आराम ढूंढता है. कभी कभी वह इसकी तलाश में कुछ ऐसा कर जाता है कि उसका किया गया काम सुर्ख़ियों में आ जाता है. ऐसा ही कुछ एक दंपति ने भी किया है. इस दंपति में पति का नाम अनिल चेरुकुपल्ली और पत्नी का नाम अदिति है. यह दंपति बेहद ख़ास वजह से चर्चाओं में है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस दंपति ने ऐसा कर दिया कि इनकी मीडिया तक में चर्चा हो रही है तो चलिए विस्तार से आपको इनके कारनामे के बारे में बता देते हैं…
अनिल चेरुकुपल्ली और अदिति ने साल 2018 में शहर की दौड़ती भागती ज़िंदगी से दूर बना ली थी और कपल ने पहाड़ों के बीचोंबीच प्रकृति की गोद में अपना घर बनाने का फ़ैसला किया. उनका घर इतना ख़ूबसूरत है कि बाहर से एक नज़र देखने भर से आपके मन को सुकून मिल जाएगा. घर बेहद खूबसूरत जगह पर बना हुआ है और शांति एवं शुद्ध वातावरण का यहां पर समावेश है.
बताया जाता है कि अनिल और अदिति ट्रेवल लवर्स है. दोनों को पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने का बहुत अच्छा अनुभव है और दोनों का प्रकृति प्रेम भी जग जाहिर चुका है. दोनों ‘वर्ल्ड वाइड फण्ड फ़ॉर नेच’ और वन्यजीवों व इकोसिस्टम के संरक्षण के दिशा में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनो ( NGO) में काम कर चुके हैं. अनिल कहते हैं कि, ”दोनो की नौकरी की वजह से उनकी सोच में बदलाव हुआ है, एक छोटा सा घर और एक फार्म वाली संपत्ति के इस आईडिया ने उन्हें संतुष्ट कर दिया. उन्हें मेहमानों के लिए ऐसी ही जगह चाहिए थी जहाँ वो आराम से और सुकून से रह सके, इसलिए उन्होंने अपने फार्मेस्ट के लिए इस जगह को चुना.”
अनिल और अदिति ने अपना घर उत्तराखंड के फगुनीखेत क्षेत्र में बनाया है. उनका घर जमीन से 5000 फ़ीट ऊपर बना है. कपल ने हर का नाम ‘faguniya farmstay’ रखा है. तीन मंजिला घर को देखते ही हर कोई आश्चर्य चकित हो जाता है और हर यह घर हर किसी का मन मोह लेता है. घर भूकंप प्रतिरोधी भी है. जानकारी के मुताबिक़, घर की मजबूती ऐसी है कि 100 सालों तक कमजोर नही पड़ेगा. घर में पत्थर और लकड़ी का कुछ इस तरह का इस्तेमाल किया गया है कि घर का तापमान अनुकूल बना रहता है.
2 साल में तैयार हुआ घर…
अनिल और अदिति ने अपने घर को 2 साल में तैयार कराया है. घर को हर मौसम के हिसाब से तैयार किया गया है. अनिल और अदिति की माने तो दो फुट मोटी पत्थर की दीवार इस घर को गर्मियों में ठंडा और सर्दियों में गरम रखती है. घर कुमायूँ के पारंपरिक ‘आर्किटेक्चरल प्रैक्टिसे’ से बनाया गया है और कपल यह सुकून का जीवन व्यतीत कर रहा है.