जब दिलीप कुमार ने अनुपम खेर से कहा- पठान का हाथ है थप्पड़ मारूंगा तो जिंदगी भर भूल नहीं पाओगे
‘ट्रेजडी किंग’ के नाम से मशहूर हुए दिग्गज़ अभिनेता दिलीप कुमार ने बुधवार को हम सभी को अलविदा कह दिया. हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार रहे दिलीप कुमार के गुजर जाने से सिनेमा को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. बॉलीवुड दिग्गजों ने उन्हें नम आंखों के साथ विदाई दी. कई सितारों ने घर पहुंचकर अंतिम बार उनके दर्शन किए तो वहीं कई सेलेब्स ने अभिनेता को सोशल मीडिया के माध्यम से याद किया.
दिलीप कुमार के साथ हिंदी सिनेमा के कई दिग्गज़ अभिनेताओं ने काम किया है. बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अनुपम खेर भी इस सूची में शामिल है. अनुपम खेर ने दिलीप के साथ कच्छ फिल्मों में कमा किया था. साल 1986 में आई फ़िल्म ‘कर्मा’ के दौरान अनुपम खेर पहली बार दिलीप कुमार से मिले थे और वे दिलीप कुमार को देखते ही रह गए थे. अनुपम खेर ने बताया था कि दिलीप कुमार के कारण ही उन्होंने फिल्मों में आने का मन बनाया था.
दिलीप कुमार को याद करते हुए अनुपम खेर ने फ़िल्म ‘कर्मा’ के दौरान का एक किस्सा साझा किया है. अनुपम खेर ने कहा है कि, ”कर्मा फिल्म में मेरा और दिलीप साहब का एक थप्पड़ वाला सीन है. जिसमें दिलीप साहब, मुझे थप्पड़ मारते हैं. मैं थिएटर से आया था, इसलिए सीन को रियल दिखान के लिए मैंने दिवंगत अभिनेता से कहा कि आप मुझे सच में थप्पड़ मार सकते हैं. इस पर दिलीप साहब ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘यह पठान का हाथ है अगर मैं तुम्हें सच में थप्पड़ मारूंगा, तो तुम इसे पूरी जिंदगी भर भूल नहीं पाओगे, इसलिए सिर्फ एक्टिंग करो, मैं तुम्हें थप्पड़ नहीं मारूंगा.”
अनुपम खेर ने इससे पहले इसी फ़िल्म से जुड़ा एक और किस्सा साझा किया था. जहां उन्होंने बताया था कि वे दिलीप कुमार से पहली बार ‘कर्मा’ के सेट पर ही मिले थे और करीब एक घंटे तक दिलीप को घूरते रहते थे. इसके लिए फ़िल्म के निर्देशक सुभाष घई ने उन्हें टोक दिया था. अनुपम ने कहा था कि, ”जब पहली बार उनसे मुलाक़ात हुई तो तक़रीबन एक घंटे तक उनको ताकता रहा था. सुभाष घई मुझे साइड मेें ले जाकर बोले- तू मेरी फ़िल्म का विलेन है. ऐसे प्यार से उन्हें घूरते रहोगे तो मुश्किल हो जाएगी. मैंने उनसे कहा, जिस शख़्सियत की वजह से फ़िल्मों में आया हूं. उन्हें एक घंटा क्या, ताउम्र घूर सकता हूं.”
अनुपम खेर ने आगे कहा कि, ”मेरे पहले शॉट के बाद जब दिलीप कुमार ने सुभाष घई से कहा, लाले यह तो बड़ा डेंजरस एक्टर आया है, यह दूर तक जाएगा, तो मुझे लगा कि मुझे एक्टिंग का सबसे बड़ा पुरस्कार मिला है. अब मुझे दुनिया की कोई ताक़त नहीं रोक सकती है.” उन्होंने आगे बताया कि, ”दिलीप कुमार के पास कुछ देर बैठना ही अभिनय सिखा जाता है. उनके जैसा पूर्ण कलाकार ना कभी आया था और ना कभी आएगा.” अनुपम कहते हैं कि ”यह मेरा निजी नुक़सान है. मैंने एक दोस्त, गाइड, मेंटॉर और एक्टिंग गुरु खो दिया है.”
98 की उम्र में निधन…
दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद युसूफ खान था. 7 जुलाई को सुबह 7:30 बजे उन्होंने आख़िरी सांस ली. मुंबई में हिंदुजा अस्पताल में वे 98 वर्ष की उम्र में हम सभी को अलविदा कह गए. मुंबई के सांताक्रूज कब्रिस्तान में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.