गाय-भैंस चराने वाली एक गरीब लड़की बनी IPS? देखें सफलता की अद्भुत कहानी
कहते हैं मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती है। यदि आप किसी चीज को पाने के लिए अपना सबकुछ दाव पर लगा देते हैं तो वह चीज आपको कभी न कभी जरूर मिलती है। फिर आप यह बहाना नहीं बना सकते कि हमे लाइफ में आगे बढ़ने के लिए अच्छी सुख सुविधाएं नहीं मिल इसलिए हम पीछे रह गए।
वह कहते हैं न कि यदि आप गरीब पैदा हुए हैं तो इसमे आपकी कोई गलती नहीं है, लेकिन यदि आप गरीब मरते हैं तो इसमें आपकी गलती है। क्योंकि इंसान चाहे तो गरीब से गरीब हालातों से भी उठकर अमीर और कामयाब बन सकता है। अब गाय भैंस चराकर आईपीएस ऑफिसर बनी इस महिला की कहानी ही ले लीजिए।
केरल के इरोड जिले के एक छोटे से गांव की रहने वाली वनमती एक आईपीएस ऑफिसर है। वनमती एक ऐसे गांव से आती हैं जो अविकसित है। उनके पिता खेती कर परिवार का पेट पालते थे। उनकी खेती भी बहुत कम थी जिससे घर खर्च नहीं चल पाता था। ऐसे में उनके पिता टैक्सी चलाने शहर चले गए थे। घर के छोटे मोटे खर्चों के लिए उन्होंने कुछ जानवर पाल लिए थे। इन पशुओं को चराने का जिम्मेदारी वनमती की ही होती थी।
वनमती का पूरा बचपन इन गाय भैंस को चराने में ही बीता। वे जब भी स्कूल से लौटती थी तो जानवरों को चराने का काम करती थी। जब थोड़ा बहुत समय बचता था तो वे पढ़ाई भी करती थी। उनकी स्कूलिंग गांव के ही सरकारी स्कूल से हुई है। वहीं कॉलेज भी उन्होंने अपने कस्बे से ही किया। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन उन्होंने कंप्यूटर एप्लीकेशन में पूरा किया। इसके बाद वे प्राइवेट बैंक में जॉब करने लगी। इसमें उनकी सैलरी अच्छी थी जिससे घर खर्च आसानी से चल जाता था।
हालांकि वनमती के सपने और भी बड़े थे। उन्हें देश की सबसे कठिन परीक्षा सिविल सर्विस की एग्जाम क्लियर कर आईपीएस बनना था। ऐसे में बैंक की नौकरी के साथ साथ वे सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी भी करने लगी। इसके लिए वे जॉब से कुछ पैसे भी बचा लिया करती थी। जल्द ही वनमती की मेहनत रंग लाई। उन्होंने न सिर्फ सिविल सेवा परीक्षा पास की बल्कि उसमें बढ़िया रैंक भी हासिल की।
वनमती पहले और दूसरे प्रयास में असफल रही थी। लेकिन 2015 की सिविल सेवा परीक्षा में 152 वी रैंक हासिल कर उन्होंने पिता और गाँव का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। जब वनमती आईपीएस बनी तो गांव में किसी को यकीन नहीं हुआ। सब यही सोच रहे थे कि गाय भैस चराने वाली के साधारण सी लड़की आखिर आईपीएस अधिकारी कैसे बन गई। वनमती की यह सफलता गांव की अन्य लड़कियों के लिए भी प्रेरणा बनी। अब हर कोई वहां बड़े सपने देखने लगा है। फिर वह कहते भी तो हैं कि जब तक आप बड़े सपने देखोगे नहीं वह पूरे भी नहीं होंगे। इसकी शुरुआत यहीं से होती है।
आज वनमती अपनी मेहनत, लगन, धैर्य और बल के दम पर आईपीएस ऑफिसर बनी हैं। उनकी इस सफलता को दिल से सलाम करते हैं। उम्मीद है कि आप भी वनमती से प्रेरणा लेकर लाइफ में कुछ अच्छा हासिल करेंगे।