इन में से कोई भी एक वास्तु दोष आपकी शादीशुदा ख़ुशहाल जीवन में ला सकते हैं भूचाल, जानिए क्यों
पति-पत्नी के जीवन में कड़वाहट घोल देगें घर से जुड़ें ये वास्तुदोष।
घर भले ईंट, पत्थर और सीमेंट से बनता है, लेकिन वह घर तब तक सिर्फ़ एक ढांचा ही रहता है। जब तक कि उस घर में कोई रहता न हो। घर कितना भी आलीशान क्यों न हो? जब तक उस घर में रहने वाले लोगों के बीच प्रेम, स्नेह और बन्धुत्व की भावना नहीं होगी तो इस ईंट-पत्थर के घर का कोई विशेष औचित्य नहीं। बता दें कि घर का ईंट- पत्थर से सिर्फ़ ढांचा खड़ा किया जा सकता है, लेकिन उस घर को घर बनाता है। उसमें रहने वालों की खुशी, आपसी प्यार, मधुर संबंध और पॉजिटिव वाइब्रेशन और ये सब तभी संभव हो पाएगा जब आप घर के वास्तु को नजरअंदाज नहीं करेंगे।
कई बार बिना जानकारी के हमारे बीच से ही कई लोग जल्दबाजी में घर बना लेते हैं या फ़िर घर खरीद लेते हैं जो गलत वास्तुशिल्प में बने होते हैं। ऐसे में उनका परिणाम भी ग़लत ही निकलता है। खासतौर पर नव दम्पत्ति को शादी के बाद अपने बेडरूम का खास ख्याल करना चाहिए नहीं तो रिश्ते बिगड़ते और टूटते देर नहीं लगती है। रिश्तों के टूटने में तमाम कारणों में कई बार घर का वास्तु सही न होना भी होता है।
बता दें कि दांपत्य जीवन में प्रवेश करने के बाद कन्या और वर खुशहाल वैवाहिक जीवन की आशा लिए एक नए संसार में कदम रखते हैं। इस उम्मीद के साथ अपनी गृहस्थी की गाड़ी को आगे बढ़ाते हैं कि संसार की सारी खुशियां उन्हें मिलें और दोनों के प्यार में कभी कमी न आए। मगर कई बार न चाहते हुए भी कुछ वजहों से पति और पत्नी के संबंधों में कड़वाहट आने लगती है। घर में कलह पैदा होती है और झगड़े-लड़ाई तक की नौबत आ जाती है। पति-पत्नी के रिश्ते में घर के वास्तु की भी अहम भूमिका होती है। वास्तु के कुछ दोष इस अटूट रिश्ते में भी दरार पैदा कर देते हैं।
तो आइए जानते है कि शादीशुदा जिंदगी में प्यार और स्नेह बरसे इसके लिए वास्तुशास्त्र के अनुसार किन-किन सावधानियों को घर ख़रीदते या बनाते समय रखना चाहिए ताकि नव दम्पत्ति का जीवन सदैव खुशियों से भरा रहें और घर सिर्फ़ ईंट-पत्थर का ढांचा बनकर न रह जाएं, बल्कि वहां खुशियों की अथाह बरसात हो…
1) घर बनवाते समय अक्सर बेडरूम को सही जगह पर स्पेस नहीं देना भारी नुकसान दे सकता है। नव दंपति के लिए बेडरूम उत्तर-पश्चिम के कोण पर रखना उपयुक्त माना गया है। ये ‘वायव्य कोण’ है। यहां पति-पत्नी के बीच एक दूसरे के प्रति रुचि बनी रहती है और संबंध अच्छे होते हैं। यदि आप लंबे समय तक रिश्ते में मधुरता चाहते हैं और घर के मुखिया हैं तो दक्षिण-पश्चिम के कोण पर बना बेडरूम भी अच्छा माना गया है। वहीं अगर आप नवविवाहित दम्पत्ति है। तो आपके कमरे में दर्पण का होना अच्छे रिश्ते की राह में रोड़े डाल सकता है।
2) वही यदि वैवाहिक जीवन में कलह से बचना है तो गलती से भी बेडरूम दक्षिण-पूर्व दिशा में नहीं बनवाना चाहिए। यदि यहां बेडरूम है तो शादी-शुदा लोग उसका उपयोग नहीं करे तो ही अच्छा है।
3) बेडरूम में बेड और उसकी दिशा का भी खास ख्याल रखना चाहिए। बेड वर्गाकार होना चाहिए और लकड़ी का होना चाहिए। उसकी डिजाइन पेचीदगी से भरा नहीं होना चाहिए। बेड का सिरहाना दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर रखें तो अच्छा रहता है।
4) बेडरूम में अक्सर डेसिंग टेबल लगा होता है और उसमें बड़ा सा कांच होता है। बेडरूम में दर्पण आपके रिश्ते में दरार डाल सकता है। ऐसे में ड्रेसिंग टेबल को किसी और स्थान पर रखें तो ज्यादा उपयुक्त होता है।
5) बेडरूम की दीवारों और फर्नीचर में हल्के रंग का उपयोग करें। उसमें ज्यादा सामान न भरें और गंदगी न रखें।
6) किचन का निर्माण उत्तर-पूर्व की दिशा में न करें। ये हमेशा पति-पत्नी के संबंधों पर बुरा असर डालता है। किचन यदि दक्षिण-पूर्व के कोण पर है तो वो ज्यादा उपयुक्त माना गया है।
7) शादी और परिवार से जुडी तस्वीरें, फोटो एलबम्स इत्यादि को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें। ऐसा करने से पति-पत्नी के बीच एक-दूसरे के प्रति अच्छी समझ देखने को मिलती है और परिवार में सौहार्द का माहौल बना रहता है।
8) इतना ही नहीं घर में बाहर से आने वाले किसी व्यक्ति की दृष्टि सीधे आपके बेड पर नहीं पड़नी चाहिए। ऐसा होने से दांपत्य जीवन में कलह बढ़ती है। इसके साथ ही आपके बेडरूम में एक से अधिक दरवाजे नहीं होने चाहिए। यदि टॉयलट शयनकक्ष में है तो उसका दरवाजा सदैव बंद रखें। अन्यथा उसकी नकारात्मक ऊर्जा आपके जीवन में भी कड़वाहट घोल सकती है। पलंग के नीचे कबाड़ सामान भूलकर भी न रखें।
ये कुछ वास्तुशास्त्र से ज़ुड़े ऐसे उपाय है, जिनको अपनाकर एक नव दम्पत्ति अपने जीवन को खुशहाल बना सकता है। याद रखिए हमारे जीवन पर हर वस्तु का कुछ न कुछ प्रभाव पड़ता है। ऐसे में अगर खुशहाल जीवन हमें जीना है तो हर बात पर गौर करना चाहिए। आशा करते है यह जानकारी आपको पसंद आएगी।