यूपी : दलितों ने फेंकी देवी-देवताओं की मूर्तियां, कहा – बन जाएंगे मुसलमान, छोड़ देंगे हिंदू धर्म
नई दिल्ली – एक अंग्रेजी न्यूज पेपर की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में रविवार (21 मई) को करीब 2,000 दलितों ने हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें और मूर्तियां गांव के तालाब में डुबोकर धमकी दी है कि अगर ठाकुर समुदाय के हाथों उनका शोषण नहीं रुका तो वे जल्द ही इस्लाम अपना लेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक दलितों ने तस्वीरें डुबोकर हिंदू धर्म छोड़ने की चेतावनी दी है। गौरतलब है कि इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के अन्य इलाकों के दलित भी धर्म परिवर्तन करने की चेतावनी दे चुके हैं। Bhim army protest from delhi.
इस तरह शुरू हुआ ये विवाद –
यह विवाद अलीगढ़ के केशोपुर झोपड़ी गांव का है। जहां पिछले हफ्ते दलित एक खाली जमीन पर भैरव बाबा का मंदिर बनवा रहे थे जिसकी सूचना मिलने पर वहां के ठाकुरों ने मंदिर निर्माण का विरोध किया। स्थानीय दलित नेता बंटी के मुताबिक, इन लोगों ने लगातार हो रहे “उत्पीड़न और शोषण” के चलते मुसलमान बनने का फैसला किया है। बंटी के मुताबिक ये लोग दलितों को हिंदू नहीं मानते और उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए ये लोग मुसलमान बन जाना चाहते हैं।
इससे पहले भी यूपी के सहारनपुर में ठाकुरों और दलितों के बीच हिंसा में एक ठाकुर की जान चली गई जिसके बाद ठाकुरों ने दलितों के जला दिया। दरअसल, यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब 5 मई को सहारनपुर के शब्बीरपुर में महाराणा प्रताप की शोभायात्रा निकाली जिसके दौरान दलित और राजपूत समुदायों के बीच झड़प हो गई। दलितों का आरोप है कि राजपूत समुदाय के लोगों ने उनके घरों में आग लगा दी।
उग्र विरोध में भीम सेना बस एक हिस्सा –
अलीगढ़ का विवाद तो अभी तक शांत है लेकिन, सहारनपुर के बाद भीम सेना लामबंद हो चुकी और उसने दिल्ली में दस्तक दे दिया है। हजारों की संख्या में दलित समुदाय के लोग जंतर-मंतर पर पहुंच चुके हैं। ये लोग हाल ही में सांप्रदायिक दंगों में 85 घरों को जलाए जाने के विरोध में केंद्र सरकार से न्याय की मांग कर रहे हैं। भीम सेना के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने पीएम मोदी से पीडि़तों को मुआवजा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
भीम सेना के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने इंसाफ की लड़ाई का आह्वान करते ही जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार, दलित कार्यकर्ता जिग्नेश मेवानी भी इन प्रदर्शनकारियों में शामिल हो गये। जहां पर चंद्रशेखर ने कहा कि अपने समाज की लड़ाई के लिए अगर पुलिस मुझे नक्सली समझती है तो मुझे नक्सली बनना स्वीकार है। दरअसल, पुलिस को शक है कि भीम सेना के नक्सलियों से साथ संबंध हैं।