Success Story: कभी स्कूटर पर घूम बेचता था सामान, आज हर साल कमाता है 18 करोड़ रुपए
कहते हैं मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती है। यदि आप बिना किसी आलस और नेगेटिविटी के मेहनत करते हैं तो अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। शुरुआत में आपके सामने थोड़ी बहुत दिक्कतें जरूर आएगी, लेकिन यदि आप ने अपना कठिन समय अच्छे से निकाल लिया तो आगे सुख ही सुख होगा। कई लोग इस बात का रोना रोते हैं कि उनके पास पर्यपात संसाधन नहीं है, उन्हें अवसर नहीं मिल रहे हैं। लेकिन मेरे दोस्त जिन्हें सफलता का भूत सवार होता है वह कम संसाधनों में भी अपने लिए अवसर खोज लेता है।
अब हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के रहने वाले दिनेश लोहिया को ही ले लीजिए। फर्श से अर्श तक पहुंचना किसे कहते हैं कोई इनसे सीखे। एक जमाना था जब दिनेश स्कूटर पर घूमते हुए जरूरत का समान बेचा करते थे। लेकिन आज उनकी करोड़ों की कंपनी है। इस कंपनी में उन्हें हर साल करीब 18 करोड़ का टर्नओवर होता है। दिलचस्प बात ये है कि अपने सफर के शुरुआत में दिनेश ने महज 18 हज़ार निवेश किए थे। फिर उन्होंने अपने सफर में लगातार मेहनत की और आज इस मुकाम पर आ पहुंची।
दिनेश ने ये सब कैसे हासिल किया? इस बारे में उन्होंने एक इंटरव्यू भी दिया है। उन्होंने 21 साल पहले शुरू हुए सफर की दास्तान सुनाते हुए सफलता के कुछ मंत्र भी बताए। उन्होंने बताया कि कैसे वे 20 से 22 घंटे काम करते थे। कई बार तो सिर्फ दो ही घंटे सोने को मिलता था। एक बार वह सीढ़ी पर से गिर भी गए थे। उनकी हालत खराब थी, लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं माई और स्कूटर से पूरे हिमाचल में घूमकर सामान बेचा।
अपने करियर के बारे में बताते हुए वे कहते हैं कि पहले मैंने इंजीयरिंग की थी, इसके बाद मैं दिल्ली गया। दिल्ली आकर उन्होंने कई कंपनियों में जॉब की और पैसों की जुगाड़ हुई। इन पैसों को लेकर वे वापस सोलन आ गए। यहां पर उन्होंने कुछ कंपनियों को अपने उत्पाद बनाकर देना शुरू किए। धीरे धीरे कुछ कंपनियों से उनकी पहचान हुई और उन्हें काम मिलने लगा। हालंकी इस दौरान भी किसी ने उनका साथ दिया तो किसी ने ठोकर देकर भगा दिया। हालांकि ये सब होने के बाद उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत पर भरोसा रखा।
वर्तमान में वे सोलन में सर्किट बनाने का उद्योग चला रहे हैं। उनकी कंपनी अन्य बड़ी बड़ी कंपनियों को सर्किट प्लेट्स बनाकर देती है। दिनेश बताते हैं कि शुरुआत में मेरे पास खाने तक के पैसे नहीं थे, लेकिन आज मेरी कंपनी में करोड़ों रुपये की मशीनरी लगी है जिसमें पचासों युवाओं को रोज़गार मिल रहा है।
दिनेश बताते हैं कि आप जो भी सपने देखें उसे दिल से देखें और मेहनत करते रहें। आपको हमारी तरह सफलता जरूर मिलेगी। मेरा सपना था कि सोलन में ही कोई बड़ी कंपनी खुले और यहीं पैसों की कमाई हो। अब ये सपना पूरा हुआ। आज दिनेश की कंपनी में बने उत्पाद विदेशों तक जाते हैं। वे अपने उत्पादों में गुणवत्ता की कमी नहीं होने देते हैं। वे पूर्ण ईमानदारी से अपना काम करवाते हैं। रत्न टाटा और स्वामी विवेकानंद जैसे महान लोग उनकी प्रेरणा है। उन्हीं के बारे में पढ़कर वे आज यहां तक पहुंचे हैं।