जाने असली बेसन की पहचान करने का तरीका, गंभीर बीमारियों को दावत देता है नकली बेसन
बेसन एक ऐसी चीज है जो आपको लगभग हर भारतीय किचन में मिल जाएगा। लोगों को बेसन से बनी चीजें खाना पसंद होता है। फिर ये मिठाई हो या नमकीन वे इसे शौक से खाते हैं। बेसन सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। ये चने की दाल को पीसकर बनाया जाता है। बेसन तभी फायदा करता है जब वही असली हो। आजकल बाजार में नकली बेसन भी खूब बिकता है। खुला हो या पैकेटबंद, ये असली और नकली दोनों ही हो सकता है। कंपनियां बेसन के नाम पर इसमें क्या क्या मिलाती है इस बात से आप अनजान रहते हैं।
बेसन में ऐसे होती है मिलावट
ऐसे में सवाल ये उठता है कि असली और नकली बेसन के बीच फर्क कैसे पता किया जाए? आज हम आपको असली बेसन की पहचान करना सिखाने वाले हैं। लेकिन उसके पहले ये जान लेते हैं कि ये नकली बेसन बेचने वाले इसमें किन किन चीजों की मिलावट करते हैं। दरअसल आपको जो बेसन बेचा जाता है उसमें 25 प्रतिशत चने का आटा और 75 प्रतिशत तक सूजी, मटर दाल, चावल पाउडर, मक्के और खेसारी का आटा जैसी चीजें शामिल हो सकती है। ये सभी चीजें चने की दाल की तुलना में सस्ती होती है, यही वजह है कि नकली बेसन बेचने वाले इसमें इनकी मिलावट कर देते हैं।
कुछ लोग तो गेहूं के आटे में क्रत्रिम रंग मिलाकर भी बेसन बेच देते हैं। आप ने भी नोटिस किया होगा कि कुछ ब्रांड के बेसन का कलर बहुत अच्छा होता है। इसे देख हम खुश हो जाते हैं। सोचते हैं कि बहुत अच्छा बेसन है। कितना बढ़िया दिख रहा है। लेकिन इस बात के चांस अधिक हैं कि उसमें क्रत्रिम रंग मिलाकर बेसन को आकर्षक बनाया गया हो।इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप असली और नकली बेसन की पहचान करें।
नकली बेसन खा लें तो क्या होगा?
मिलावटी या नकली बेसन खाना आपकी सेहत के लिए भी हानिकारक हो सकता है। इससे आपको जोड़ों का दर्द, विकलांगता और पेट की बीमारियों सहित कई और गंभीर बीमारियां हो सकती है। असली और नकली बेसन को पहचानने के दो तरीके होते हैं। आज हम इन दोनों तरीकों के बारे में जानेंगे। इसके बाद आप बाजार से कभी नकली बेसन नहीं लाएंगे।
हाइड्रोक्लोरिक एसिड से पहचाने नकली बेसन
हाइड्रोक्लोरिक एसिड की सहायता से असली और नकली बेसन की पहचान की जा सकती है। इसके लिए आप एक बर्तन में दो चम्मच बेसन लें। अब इसमें दो चम्मच पानी मिला दें। इसका एक पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट में दो चम्मच हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालकर 5 मिनट इंतजार करें। कुछ समय बाद यदि बेसन का रंग लाल हो जाता है तो समझ जाइए कि इसमें मिलावट की गई है।
नींबू से करें असली-नकली बेसन की पहचान
नींबू भी आपको असली और नकली बेसन में फर्क बता सकता है। इसके लिए दो चम्मच बेसन में दो चम्मच नींबू का रस मिला दें। अब इसमें दो चम्मच हाइड्रोक्लोरिक एसिड भी मिला दें। इसे कुछ देर ऐसा ही छोड़ दें। यदि आपका बेसन लाल या भूरे रंग का हो जाता है तो समझ जाएं कि आपके बेसन में मिलावट की गई है। ये एक नकली बेसन है।