चांदी की अंगूठी में असली मोती पहनने से चमकता है भाग्य, ऐसे करें असली-नकली मोती की पहचान
हिन्दू धर्म में ज्योतिष शास्त्र (Astrology) को अधिक महत्व दिया जाता है। ये ज्योतिष शास्त्र लाइफ की सभी परेशानियों को खत्म करने का दावा करता है। इसमें ग्रहों की शांति के लिए और आपके अच्छे भाग्य के लिए कई उपाय बताए गए हैं। इनमें रत्न शास्त्र का जिक्र भी हमे देखने को मिलता है। Gemstones यानि रत्न को अंगूठी या माला के रूप में पहनने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से आपकी कुंडली में मौजूद दोष शांत होता है और साथ ही अन्य लाभकारी ग्रह बलवान होते हैं। आपको कब कौन सा रत्न पहनना चाहिए ये सलाह किसी जानकार पंडित से लेना चाहिए।
बहुत से लोग मोती (Pearl) को भी ज्योतिषीय लाभ के लिए धारण करते हैं। मोती चंद्रमा (Moon) का रत्न है। जब कुंडली में चंद्र दोष होता है तो मोती धारण किया जाता है। ये पहनने से मन शांत होता है। इससे सेहत भी अच्छी रहती है। कर्क लग्न में पैदा हुए लोग और कर्क राशि वाले जातकों के लिए मोती पहनना अत्यधिक शुभ होता है। ज्योतिषीय सलाह पर हम सभी मोती पहनने के लिए राजी तो हो जाते हैं, लेकिन मोती खरीदते समय बड़ी गलती कर देते हैं।
आजकल बाजार में लोगों को बेवकूफ बनाने और नकली माल बेचते का खेल बहुत चलता है। इसलिए इस बात के चांस भी अधिक होते हैं कि आप मार्केट से नकली मोती खरीदकर ले आएं। ऐसे में आज हम आपको असली मोती की पहचान करने का तरीका भी बताने जा रहे हैं। लेकिन इसके पहले चलिए मोती पहनने के लाभ पर एक नजर दौड़ा लेते हैं।
मोती पहनने के फायदे
1. यदि आपकी आर्थिक स्थिति कमजोर है तो आपको मोती अवश्य धारण करना चाहिए। इससे धन संबंधी समस्या खत्म हो जाती है।
2. यदि आपको बहुत गुस्सा आता है तो मोती अवश्य पहनना चाहिए। इसे पहनने से मन शांत रहता है।
3. यदि आप हमेशा बीमार रहते हैं तो मोती पहनना शुरू कर दें। इससे निकली पॉजिटिव एनर्जी आपको सेहतमंद रखेगी। इसके अलावा घर में नेगेटीव ऊर्जा अधिक हो तो भी मोती पहनने से इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
4. यदि आपको संतान सुख नहीं मिल रहा है तो मोती पहनना लाभकारी हो सकता है। इस स्थिति में ऐसा मोती धारण करना चाहिए जिसके बीच में आसमानी रंग का अर्ध चंद्र दिखता हो।
ऐसे धारण करें मोती
मोती धारण करने का एक सही दिन और तरीका होता है। आपको इसके अधिकतम लाभ के लिए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। मोती को शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार पहना जा सकता है। इसे सिर्फ चांदी की अंगूठी में ही पहनना चाहिए। मोती धारण करने से पहले उसे दूध, दही, शहद, घी और तुलसी के पत्ते से शुद्ध करना न भूलें। ऐसा करने के बाद इसे गंगाजल से साफ करना चाहिए।
ऐसे होती है असली मोती की पहचान
मोती का पूर्ण लाभ तभी मिलता है जब वह असली होता है। जब भी बाजार में मोती खरीदने जाए तो अपने साथ चावल के दाने ले जाएं। दरअसल चावल के दानों पर मोटी को रगड़ने से उसकी चमक और भी बढ़ जाती है। यदि ऐसा होता है तो आपका खरीदा गया मोती असली है। वहीं चावल से रगड़ खाने के बाद मोती की चमक फीकी पड़ जाए तो वह नकली होता है।