समाजवाद से होने जा रही ममता बनर्जी की शादी, पूरी ख़बर पढ़कर चौंक जाएंगे आप…
यह तो कहते हुए कईयों के मुँह से सुना होगा कि नाम मे क्या रखा है? भले ही नाम मे कुछ नहीं रखा हो, लेकिन कई बार यही नाम लोगों का ध्यान आकर्षित कर लेते हैं। ऐसी ही एक शादी की चर्चा अब आम हो चुकी है। शादी में दूल्हे और दुल्हन का नाम कुछ ऐसा है कि लोग उसकी तरफ़ आकर्षित हो रहें हैं। बता दें कि रविवार को तमिलनाडु के सेलम में एक ऐसी शादी होने वाली है, जो अभी से ही चर्चा का विषय बन गई है। मालूम हो कि तमिलनाडु के सलेम में रविवार को कम्युनिज्म और लेनिनिज्म की उपस्थिति में शादी होगी। कम्युनिज्म और लेनिनिज्म का नाम सुनकर ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस शादी के किरदारों के नाम कितने फ़नी है। जो चीख़-चीख़ कर यह कह रहे कि नाम मे बहुत कुछ रखा है और लोगों के चेहरे पर हंसी ला रहें हैं।
बता दें कि जिसकी शादी है उसका नाम समाजवाद है तो वहीं दुल्हन का नाम ममता बनर्जी है। लोगों के बीच जब शादी का यह निमंत्रण पत्र वायरल हुआ। तो कई लोग कन्फ्यूज होने लगे कि ये कैसे नाम है। इतना ही नहीं दूल्हे के परिवार और रिश्तेदारों के नाम भी बड़े ही रोचक हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव ए. मोहन के बेटे का नाम समाजवाद है। जिसकी शादी होने वाली है। वहीं उनके दो अन्य बेटों के नाम भी काफ़ी दिलचस्प है। जिनमें से एक का नाम साम्यवाद है तो दूसरे का नाम लेनिनवाद।
भाकपा के कट्टर समर्थक है दूल्हे का पिता…
मालूम हो कि दूल्हे का पिता यानी ए. मोहन भाकपा के समर्थक हैं। सो उन्होंने अपने बच्चों का नाम ही उसी के अनुरूप रख दिया। मोहन कहते हैं कि, ” जब वह 18 साल के थे, तभी से भाकपा की रैलियों और विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। बाद में वह भाकपा के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए और अब उनका बेटा भी उन्हीं के नक़्शे क़दम पर चल रहा है।”
वैसे इन दो परिवारों के मिलन की कहानी काफ़ी रोचक है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दूल्हा जहां लेफ्ट विचारधारा वाले परिवार से आता है, वहीं दुल्हन का परिवार कांग्रेस समर्थक है।
ऐसे मिली ममता बनर्जी, दुल्हन के रूप में…
बता दें कि दुल्हन का नाम ममता बनर्जी है। दुल्हन का नाम टीएमसी पार्टी की मुखिया के नाम है, जो कभी एक समय कांग्रेस सदस्य हुआ करती थी। इसलिए दुल्हन का नाम ममता बनर्जी रखा गया। दुल्हन के दादा और माता-पिता सभी कांग्रेस के सदस्य हैं। इस शादी के बारे में बात करते लोग नहीं थक रहे हैं। कई लोग इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि रविवार को होने वाली शादी में मेहमान कौन कौन होगा?
नाम के पीछे की कहानी…
मीडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक दूल्हे सोशलिज्म के पिता मोहन ने बताया कि 1991 में जब सोवियत संघ का विघटन हुआ तो ऐसी खबरें आईं कि कम्युनिज्म खत्म हो गया है और यह विचारधारा दुनिया में अब कहीं नहीं रहेगी। उस वक्त मेरी पत्नी गर्भवती थी और मैंने तभी ठान लिया था कि अगर बेटा हुआ तो उसका नाम कम्युनिज्म रखेंगे। मेरा मानना है कि जब तक मानव जाति है, कम्युनिज्म कभी समाप्त नहीं होगा। इस तरह से मेरे पहले बेटे का नाम कम्युनिज्म पड़ा। इसी तरह लेनिन की याद में मैंने दूसरे बेटे का नाम लेनिनिज्म रखा और तीसरे बेटे का नाम सोशलिज्म रखा। उनका एक पोता भी है जिसका नाम मार्क्सिज्म है। कुल-मिलाकर देखें तो रविवार को होने वाली इस शादी में अनूठा मिलाप होने जा रहा है। जिसको लेकर सभी उत्साहित हैं। वहीं ये सारे नाम इस शादी को और फ़ेमस बना रहे हैं।
दुल्हन ममता बनर्जी के परिवार की बात करें तो वह के. पलानीस्वामी और पी. नीलमबल की बेटी हैं। रविवार 13 जून को सेलम के कट्टूर में अमानी कोंडलमपट्टी क्षेत्र में ममता बनर्जी के साथ समाजवाद की शादी होने वाली है। दुल्हा-दुल्हन के परिवारों में गहरा संबंध है। के. ए. मोहन भाकपा के विल्लुपुरम जिला सचिव रह चुके हैं और वर्ष 2016 में विधानसभा चुनाव पीपुल्स वेलफेयर एलायंस के उम्मीदवार के रूप में लड़ चुके हैं।