5 साल की बच्ची को जंजीरो बांध कर रखा था बाप ने, भूख की वज़ह से बच्ची की हुई दर्दनाक मौत
आख़िर कोई बाप कैसे रख सकता अपनी छोटी सी बच्ची को जंजीर में बांधकर
भले ही बाल अधिकारों को लेकर दुनियाभर में कई बड़ी संस्थाएं कार्यरत हो, लेकिन सीरिया और कांगो जैसे देशों में बच्चों की स्थिति काफ़ी दयनीय है। सीरिया में जहां करोड़ों लोगों को भरपेट भोजन नहीं मिल रहा है तो वहीं कांगो में विस्थापित बच्चों का भविष्य खतरे में है। इसको लेकर एक रिपोर्ट भी बीते दिनों सामने आई थी। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की दो बड़ी एजेंसियां विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और यूनिसेफ ने सीरिया और कांगो के लोगों के लिए चिंता जाहिर करते हुए एक खुलासा किया था। डब्ल्यूएफपी का कहना था कि वर्षों से गृहयुद्ध की आग झेल रहे सीरिया में सवा करोड़ लोगों को भरपेट खाना तक नहीं मिल पा रहा है। एजेंसी के मुताबिक ये यहां की कुल आबादी का करीब 60 फीसद है।
अब इसी सीरिया के बारे में एक बात बताने जा रहें जो हम सभी के रोंगटे खड़े कर देगी। जी हां वर्षों से गृह युद्ध झेल रहें सीरिया से ही एक छह वर्षीय बच्ची की तस्वीर कुछ महीने पहले वायरल हुई थी। जिस बच्ची का नाम नहला अल ओथमान है। बता दें कि यह बच्ची युद्ध के चलते एक राहत कैंप में अपने पिता के साथ रहती थी। जो अब इस दुनिया मे नहीं रही है। बता दें कि यह मासूम लड़की कुपोषण का शिकार थी। जिसकी अब मौत हो चुकी है। इसी विषय पर कैंप के लोगों का कहना है कि नहला के पिता उसका ठीक से ख़्याल नहीं रखते थे। कहा जा रहा है कि भूखे रहने के चलते उसे हेपेटाइटिस बी और दूसरी बीमारियां हो गईं। जिसके बाद इस बच्ची ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
The Syrian girl Nahla Al-Othman died yesterday.
She’d been handcuffed by her father for all of her short life.
Everyone saw her like this in Faraj Allah camp camp in Idlib ,but no one interfered.
A mural from Idlib by the painter Aziz Asmar reads we all killed Nahla pic.twitter.com/XFZz8VUqBl— Hamza Alheraki (@HerakiHamza) May 6, 2021
सीरिया के रिफ्यूजी कैंप में पिता उसे दिन में अक्सर जंजीर से बांध कर रखते थे। ताकि वो दूसरों के साथ आराम से न खेल सके। कहा तो यह भी जा रहा है कि उसके पिता उसे काफी तकलीफ देते थे। नहला को महीने में सिर्फ एक बार नहाने की इजाजत थी। वो उसे ठीक से खाना भी नहीं देते थे। इसके अलावा बच्ची को मां से भी अलग कर दिया गया था। कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि जल्दी-जल्दी खाने के दौरान गला चोक हो जाने की वजह से उसकी मौत हो गई।
वही इसी मामले में कैंप सुपरवाइजर की मानें तो उन्होंने कई बार बच्ची के पिता से उसे जंजीरों से मुक्त करने और पिंजरे में न रखने के लिए कहा लेकिन वो हमेशा मना कर देता था। नहला की जंजीरों में जकड़ी तस्वीर वायरल होने से हंगामा मच गया था। इस तस्वीर के जरिए लोगों ने देखा कि सीरिया के उत्तर में स्थित शिविरों में रह रहे लाखों लोग कितनी मुश्किल में है। इसके बाद कुछ समय के लिए उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया गया था। नहला अपने परिवार के साथ उत्तर पश्चिमी सीरिया के विद्रोहियों के कब्जे वाले हिस्से में स्थित फरजल्लाह शिविर में रहती थी। ऐसे में कहीं न कहीं कई तरीक़े से बचपन विश्व भर में ख़तरे में फंसा हुआ है, लेकिन बच्चों के अधिकारों के लिए लड़ने वाली संस्थाएं सिर्फ़ कागजों में चलायमान दिखती हैं।