पुराने मोबाइल-फ़ोन खरीदने बेचने से शुरू हुआ कैरियर आज शामिल हो गए है सबसे कम उम्र के अरबपतियों की सूची में…
आखिर कैसे 100 करोड़ रुपए सैलरी उठाता है यह परिवार, जानिए सबकुछ विस्तार से...
अटल बिहारी जी की एक प्रसिद्ध उक्ति है कि, “लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।” जी हां इसी उक्ति को कहीं न कहीं सच कर दिखाया है निखिल कामथ ने। ऐसा कहते हैं कि निखिल कामथ का मन ट्रेडिशनल पढ़ाई में नहीं लगा तो उन्होंने शतरंज खेलना शुरू कर दिया, 14 साल की उम्र में दोस्त के साथ मिलकर पुराने फोन खरीदने-बेचने का बिजनेस शुरू कर दिया। जिस उम्र में बच्चे अपने माता-पिता से फ़ोन लेने की ज़िद करते हैं। उस उम्र में निखिल ने फ़ोन खरीदने-बेचने का काम शुरू कर दिया था, लेकिन जब उनकी मां को यब पता चला तो उन्होंने यह बिजनेस भी बंद कर दिया।
इसके बाद स्कूल ने जब एग्जाम देने पर रोक लगा दी तो उन्होंने स्कूल ही छोड़ दिया और 8000 महीने पर कॉल सेंटर में नौकरी शुरू कर दी। उस दौरान शायद ही किसी ने सोचा हो कि 8000 रुपए महीने की कमाई करने वाला व्यक्ति कभी एक बड़ी ब्रोकरेज फर्म का मालिक बनेगा, लेकिन कहते हैं न कोशिश करने वालों की हार नहीं होती। वही हुआ निखिल कामथ के साथ। कॉल सेंटर में नौकरी के कुछ समय बाद इन्होंने अपने बड़े भाई नितिन कामत (Nitin Kamath) के साथ मिलकर ब्रोकरेज फर्म जेरोधा (Zerodha) की शुरुआत की और देश के सबसे युवा अरबपति बन गए। ऐसी है देश के सबसे बड़े ऑनलाइन ब्रोकरेज फर्म जेरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर निखिल कामत (Nikhil kamath) की कहानी। निखिल कामत ने अपनी यह लाइफ स्टोरी ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे (Humans of Bombay) के साथ शेयर की है।
ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे को दिए इंटरव्यू में निखिल कामत ने कहा कि उनके पिता बैंक में जॉब करते थे और उनका ट्रांसफर बेंगलुरु हो गया। स्कूल की ट्रेडिशनल पढ़ाई में निखिल का मन नहीं लगता था, इस वजह से वह स्कूल बंद करके शतरंज (Chess) खेलते थे। 14 साल की उम्र में निखिल अपने एक दोस्त के साथ मिलकर पुराने फोन खरीदने-बेचने लगे। यह उनका पहला बिजनेस था।
लेकिन जब मां को इस बात का पता चला तो उन्होंने सारे फोन ट्वॉलेट में फ्लश कर दिया और उनका यह बिजनेस बंद हो गया। बोर्ड एग्जाम से पहले कम अटेंडेंस के कारण स्कूल निखिल को बोर्ड एग्जाम नहीं देने के पक्ष में था और इसलिए उनके पेरेंट्स को स्कूल में बुलाया। इस पर निखिल ने स्कूल ही छोड़ दिया। इस पर उनके पेरेंट्स ने कहा- कोई काम ऐसा मत करना जिससे हमें शर्मिंदा होना पड़े।
स्कूल से ड्रॉपआउट होने के बाद आगे क्या करना है, उन्हें कुछ सूझ नहीं रहा था। इसके बाद उन्होंने नकली बर्थ सर्टिफिकेट बनाकर 17 साल की उम्र में एक कॉलसेंटर में 8000 रुपये सैलरी पर नौकरी ज्वाइन कर ली। वे कॉल सेंटर मे शाम 4 बजे से रात 1 बजे तक काम करते थे। इस दौरान 18 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार शेयर बाजार में पैसा लगाया। इस दौरान उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला। जिसके बाद फ़िर गाड़ी ने जो पटरी पकड़ी कि आज वह देश के सबसे युवा अरबपतियों में शुमार है।
हाँ एक बात है। आप सभी ने सुना होगा कि रिस्क है तो इश्क़ है। निखिल ने भी रिस्क लिया, लेकिन शेयर मार्केट के क्षेत्र में। एक बार की बात है कि पिता ने उन्हें कुछ पैसे दिए और कहा कि इसे मैनेज करो। पिता को निखिल पर बहुत भरोसा था। इसके बाद निखिल ने कॉल सेंटर के मैनेजर को शेयर बाजार में इंवेस्ट करने के लिए मनाया और मैनेजर के पैसे को भी मार्केट में इंवेस्ट करने लगे। धीरे-धीरे निखिल की क़िस्मत और सूझ-बूझ ने साथ देना शुरू किया और उन्होंने एक बड़ी कंपनी को खड़ा कर दिया। आज लोकप्रिय ट्रेडिंग कम्पनी जीरोधा के फाउंडर्स की सैलरी 100 करोड़ रुपए है जो बड़ी बड़ी कंपनियों के अधिकारियों और प्रमोटर्स को मात देती है।
जीरोधा के फाउंडर नितिन कामथ उनकी पत्नी सीमा पाटिल और नितिन के भाई निखिल कामत की सैलरी 100 करोड़ रुपए है। बैंगलुरू बेस्ड ये ऑनलाइन प्लेटफार्म लोगों को शेयर बाजार से कमाई कराता है। इस प्लेटफॉर्म पर लोग इक्विटी मार्केट पर डिलिवरी और इंट्रा डे दोनों ही ट्रेडिंग कर सकते हैं। 2010 में स्थापित ये कंपनी आज निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय हो चुकी है।
इन दिग्गजों पर पड़े भारी…
बता दें कि जिस निखिल कामथ ने अपने जीवन मे बिजनेस की शुरुआत पुराने मोबाइल-फोन के खरीदने बेचने से किया था। उनके भाई नितिन कामथ और नितिन की पत्नी सीमा पाटिल आज देश के कई बड़ी कंपनियों के प्रमोटर्स की सैलरी पर भारी पड़ रहे हैं। वित्तवर्ष 2020 में इससे पहले सन फार्मा के कलानिथि मारन की सैलरी 87.5 करोड़ रुपए बताई गई थी। वहीं हीरो मोटकॉर्प के पवन मुंजाल की सैलरी 84.6 करोड़ थी। इसके अलावा आमरा राजा के फाउंडर जयादेव गाला की सैलरी करीब 45 करोड़ रुपए आंकी गई थी। हालांकि टेक महिंद्रा के सीईओ सी पी गुरनानी इन सबमें अव्वल हैं। जिनकी सैलरी करीब 146 करोड़ रुपए है।
कंपनी की वैल्यू 2 अरब डॉलर…
केवल 10 साल में जीरोधा ने किस तेजी से तरक्की की है इसका अंदाजा आप कंपनी की वैल्यू से लगा सकते है। महज 10 साल में कंपनी की वैल्यू 2 अरब डॉलर हो चुकी है। बता दें कि अब कंपनी अपने इस ग्रोथ का फायदा अपने कर्मचारियों को देना चाहता है। इसके तहत कंपनी ने अपने शुरूआती कर्मचारियों के लिए शेयर बायबैक करने की योजना भी बना रहा है। आपको बता दें कि जीरोधा की वैल्यू केवल 1 साल में दोगुनी हो गई है। कंपनी के फाउंडर नितिन ने ट्वीट कर जानकारी दी कि कंपनी करीब 2.5 करोड़ डॉलर (150-200 करोड़ रुपए) को एंप्लॉयी स्टॉक ऑप्शन प्लान बायबैक करने की योजना पर काम कर रही है।