सुबह किया मां का अंतिम संस्कार, शाम को 2100 लोगों की जान बचाई, पुलिसकर्मी ने पेश की मिसाल
देश में कोरोना वायरस के कहर ढ़ा रखा है. केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारें तक इससे परेशान हो चुकी है. तमाम कोशिशों के बाद अब कहीं जाकर स्तिथि कण्ट्रोल में आई है. इससे पहले शासन से लेकर प्रशासन तक कोरोना के सामने लाचार दिखाई पड़ रहा था. ऐसे में देश की दयनीय स्तिथि हो चुकी थी. इस दौरान कई नेता व अभिनेताओं ने अपने स्तर पर आगे आकर मदद की है. कई सेलिब्रिटी ने ऑक्सीजन की मदद की तो कई लोगों ने दवाइयां पहुंचाई.
वहीं देश के हालत देखकर कई अन्य देशों ने भी भारत के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया था. इन सब के अलावा हमरे बिहस ऐसे लोग भी थे जो अपने अपने स्तर पर समाज की मदद कर रहे थे. लेकिन कभी सामने नहीं आए. ऐसे ही एक पुलिसकर्मी की कहानी हम आपको बताने जा रहे है. इस पुलिसकर्मी ने अपना दर्द भूलकर बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद की. साथ ही एक नई मिसाल पेश की है. ये कहानी है ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के उस पुलिसकर्मी की जिसने सुबह अपनी 85 वर्षीय मां का अंतिम संस्कार किया.
ये पुलिसकर्मी ड्यूटी पर लौटते ही बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद में लग गया. इस पुलिसकर्मी का नाम कलंदी बेहरा है वे मार्शघई में तैनात हैं. जब उनकी माता का निधन हुआ उस समय वह वापस अपने थाने पहुंचे. वर्ष 2019 फानी और 2020 में चक्रवात अम्फान के दौरान भी ये पुलिसकर्मी इसी थाने पर तैनात थे. हालिया चक्रवात यास पर भी कलंदी बेहरा लोगों की मदद कर रहे हैं.
ज्ञात हो कि बेहरा की मां का पिछले हफ्ते दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी. इसके बाद उन्होंने जाजपुर में अपने पैतृक गांव बिंझारपुर जाकर अपनी अपनी मां का अंतिम संस्कार किया. उसी दिन शाम को ये अपनी ड्यूटी पर वापस जाने के लिए मार्शाघई लौट आए. बेहरा ने जानकारी देते हुए बताया कि चक्रवात यास की वजह से पांच पंचायतों के निचले इलाकों में बाढ़ आने की आशंका थी. इन गावों में तेरागांव, गडारामिता, पाटलिपंका, अमीपाल और तिखीरी थे. बाढ़ से पहले ही वहां के लोगों को उधर से लें जाना जरुरी था.
तूफान यास की वजह से हुआ भारी नुकसान
बेहरा ने बताया कि यास के कारण पेड़ उखड़ गए और बिजली के खंभे भी अपनी जगह से हिल गए है. इस दौरान मैंने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को मदद की है. मां का अंतिम संस्कार करने के बाद लोगों की मदद में जुट गया था. बेहरा ने अन्य पुलिस अधिकारियों की मदद से इस बाढ़ से प्रभावित गावों के निचले इलाकों में रहने वाले कम से कम 2,100 लोगों तक मदद पहुंचाई है. उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.