पाक ने कबूला – भारतीय जवानों के इस रौद्र रूप से पाकिस्तानी सैनिकों में दहशत!
जम्मू-कश्मीर – जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारत और पाकिस्तान दोनों के बीच हमेशा भारी गोलाबारी होती रहती है। इसी को लेकर सेना के शीर्ष सूत्रों का कहना है कि 1 मई को दो भारतीय जवानों के शवों के क्षत-विक्षत किये जाने के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तानी सेना घबरा गई है। इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि वो डर रहे हैं। शनिवार को पाकिस्तानी सेना की इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया है कि “बॉर्डर पर भारतीय सेना की ओर से अगर किसी भी प्रकार की कार्रवाई होती है तो पाकिस्तान उसका अपनी पूरी क्षमता से जवाब देगा, जिसके परिणाम ठीक नहीं होंगे।” Pakistan worries about India’s response.
भारतीय सेना ने लिया साथियों के शहादत का बदला –
इसी बात को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल जावेद बाजवा ने निकिअल सेक्टर का दौरा किया, जहां पिछले दो हफ्तों में दोनों पक्षों द्वारा भारी गोलाबारी हो रही है। जम्मू और कश्मीर में सेना के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना इस महीने की शुरुआत के बाद से ही हाई अलर्ट पर है। 1 मई को पाकिस्तानी सैनिकों ने नियंत्रण रेखा को पार कर सुरक्षा बलों के दो जवानों की हत्या कर दी और उनके शरीर को विकृत कर दिया था।
सूत्रों ने बताया कि आईएसपीआर का बयान पाकिस्तानी सेना में दहशत को व्यक्त करता है, जो भारतीय सेना द्वारा दो सैनिकों की मौत और उनके शवों के विकृत किये जाने के बदले के लिए किये जा रहे ऑपरेशन से चिंतित है। “इस तरह का बयान बेहद असामान्य है और यह बयान इस क्षेत्र में उनके सेना प्रमुख के दौरे के बाद आया है। इससे स्पष्ट होता है कि वे हमारी प्रतिक्रिया से डरे हुए हैं।”
पाकिस्तानी पोस्टों और बंकरों को सेना ने बनाया निशाना –
लेकिन, सूत्रों ने एलओसी पर भारत की ओर से की जा रही कार्रवाई की निश्चिंतता, प्रकृति या समय के बारे में बात करने से इनकार कर दिया, जिसमें कहा गया है कि “ये ऐसे मामले हैं जिनपर कई कारकों पर विचार करने के बाद निर्णय लिया जाता है। उन्होंने कहा कि हम हमेशा योजना के अनुसार ही काम करते हैं।” सूत्रों ने यह भी कहा कि सेना ने पिछले 14 दिनों में नौशेरा-पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर कड़ा रुख अपनाया है, जिसमें पाकिस्तानी पोस्टों और बंकरों को निशाना बनाने के लिए रॉकेट और अन्य हथियारों से सीधे फायरिंग की जा रही है।
हालांकि, भारत की कार्रवाई पर पाकिस्तान की ओर से भी जवाब दिया जा रहा है, जिसके कारण 1,000 से अधिक ग्रामीणों को अस्थाई शिविरों में जाना पड़ा। 29 अप्रैल को रिपोर्ट में कहा गया कि, इस साल नौशेरा, पुंछ और राजौरी इलाकों में संघर्ष विराम के उल्लंघन में वृद्धि हुई है। जबकि, पिछले साल अप्रैल तक 16 कोर क्षेत्र में युद्ध विराम उल्लंघन केवल दो बार हुए थे, जिसमें इस साल 60 तक बढ़ोतरी हुई है।
युद्धविराम के उल्लंघन में हो रही लगातार वृद्धि –
पिछले वर्ष, पंजाल के दक्षिण में नियंत्रण रेखा पर 226 बार, 2015 में 152 और 2014 में 153 बार युद्धविराम का उल्लंघन हुआ। भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर युद्धविराम 26 नवंबर, 2003 को घोषित किया गया था, और पिछले वर्ष तक इसे बरकरार रखा गया था। युद्धविराम के उल्लंघन के कारण सेना नियंत्रण रेखा पर बाड़ लगाने जा रही है, जिससे आतंकवादी घुसपैठियों से निपटने में भी मदद मिलेगी।
इससे कश्मीर घाटी में आतंकवादियों की घुसपैठ को रोका जा सकेगा और सुरक्षा की स्थिति में सुधार भी होगा। पिछले कुछ सालों में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम के उल्लंघन में वृद्धि और कश्मीर घाटी के अंदर बिगड़ती आंतरिक सुरक्षा दोनों एक साथ बढ़ी है।