स्वदेशी कोरोना दवा ‘2-DG’ की दूसरी खेप आज होगी जारी, अब बाजारों में भी होगी उपलब्ध
दवा 2-डीजी की दूसरी खेप गुरुवार को जारी कर दी जाएगी। जिसके बाद जल्द ही ये दवा बाजारों में भी उपलब्ध होगी। कोरोना के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली 2-डीजी दवा को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने डॉ. रेड्डीज लैब के साथ मिलकर विकसित किया है। कुछ दिनों पहले ही इस दवा की पहली खेप को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के साथ मिलकर जारी किया था। वहीं आज इसका दूसरा बैच डॉ. रेड्डीज लैब द्वारा जारी किया जाएगा।
समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार दूसरे खेप में भी 10,000 पाउच जारी किए जाएंगे। डीआरडीओ के अधिकारियों ने बताया कि, ‘दवा अब व्यावसायिक रूप से उपलब्ध होगी।’ हैदराबाद में डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज (DRL) के सहयोग से DRDO की एक प्रमुख प्रयोगशाला, इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अलाइड साइंसेज (INMAS) द्वारा दवा के एंटी-कोविड चिकित्सीय अनुप्रयोग को विकसित किया गया है।
दवा एक पाउच में पाउडर के रूप में आती है और इसे पानी में घोलकर लिया जाता है। कोरोना वायरस के मरीजों को पूरी तरह स्वस्थ होने के लिए दवा की दो डोज पांच से सात दिन तक देनी पड़ती है। वहीं दवाई की कीमत पर औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन माना जा रहा है कि इसकी कीमत 500 से 600 रुपये के बीच होगी।
ऑक्सीजन की निर्भरता को कम करती है
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) के क्लीनिकल परीक्षण में पता चला है कि इससे मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता कम होती है। ये दवा लेने से मरीज जल्दी ठीक हो जाते हैं। रक्षा मंत्रालय ने दवा को लॉन्च करते हुए कहा था कि, ‘‘मुझे बताया गया है कि इस दवा के उपयोग से सामान्य अवधि के मुकाबले मरीज दो से ढाई दिन पहले ठीक हो रहे हैं। कोविड रोगियों की ऑक्सीजन पर निर्भरता 40 प्रतिशत कम होगी। पाउडर के रूप में उपलब्ध होने से लोगों का असानी भी होगी। वह इसे पानी में घोलकर आसानी से पी सकेंगे।’’
इस दवा का क्लीनिकल परीक्षण देश के दो दर्जन से भी अधिक सरकारी और निजी अस्पतालों में किया गया था। जबकि अगस्त महीने तक इसके तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण जारी रहेंगे। इस दवा के परीक्षण में 220 मरीजों को शामिल किया जाएगा। दवा का तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण जनवरी में शुरू हुआ था। जबकि दूसरे चरण का परीक्षण पिछले साल जून से सितंबर के बीच हुआ था। जिसमें 110 मरीज शामिल थे।
दूसरे चरण के सफल परीक्षण के बाद इस महीने की शुरूआत में रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआई) ने मध्यम से गंभीर कोरोना वायरस रोगियों में एक सहायक चिकित्सा के रूप में आपातकालीन उपयोग के लिए इस दवा को मंजूरी दे दी है। जिसके बाद आठ मई को इस दवा की पहली खेप जारी की गई थी।