अध्यात्म
Trending

जानिए कोई व्यक्ति छः उंगलियों वाला क्यों होता है? इसके पीछे का वैज्ञानिक और धार्मिक कारण?

छः उँगलियों वाले व्यक्ति का भविष्य

प्रकृति की माया विचित्र है। किसी के कोई अंग नहीं होता। तो किसी को अतिरिक्त अंग उपलब्ध हो जाते हैं। कई व्यक्तियों के जन्म से ही एक अंगूठा या सबसे छोटी उंगली के पास एक अतिरिक्त उंगली होती है सामान्य बोलचाल की भाषा में जिसे हम “छांगुर” या फिर “छंगा” कहते हैं। अक्सर हमें बहुत से व्यक्तियों के हाथों में छह उंगलियां देखने को मिल जाती हैं। इन्हें लोग ‘छांगुर”, “छांगायौनि” या फ़िर छः उंगलियों वाला कहकर पुकारते हैं। डॉक्टर लोग इन छह अंगों को 6 अंगों को, जींस के प्रबल स्वगुणात्मक हो जाने का परिणाम मानते हैं। उनके अनुसार ऐसा माता-पिता के अंगों के कारण होता है। लिंग चाहे कोई भी हो उनके मतानुसार माता या पिता का आनुवांशिक परिणाम उनकी संतान में जरूर देखने को मिलता है। फिर वह चाहे लड़की हो या लड़का।

कई लोग इसे माता चामुंडा आदि देवियों का प्रसाद भी मानते हैं। परंतु आपने देखा होगा कि कईयों के हाथ में छः उंगलियां होती हैं। कुछ के अंगूठे के साथ छोटा सा लंबाई मोटाई में भी कुछ कम कमजोर सा चाबी रैंच के आकार वाला अंगूठा पाया जाता है। कइयों की कनिष्ठा यानी सबसे छोटी उंगली के बाहर की ओर छोटी सी उंगली पाई जाती है। अक्सर, ज्यादातर छंगा का यही रुप देखने में आता है। परंतु कुछ हाथ ऐसे भी देखने को मिलते हैं जिनमें चार के स्थान पर पांच स्वस्थ उंगलिया तथा छठा पूर्ण और स्वस्थ अंगूठा पाया जाता है। एक बारगी यानी स्वाभाविक रूप से देखने पर या हाथ मिलाने तक भी पता नहीं चलता और ऐसे स्त्री- पुरुषों को कोई असुविधा भी नहीं होती, बल्कि ऐसे लोगों के हाथों में ज्यादा ताकत आ जाती है। अनुवांशिकी व देवीकृपा के पश्चात हमको या छांगुर के हस्तरेखा की बात करें तो पाते हैं जिनके हाथों में अंगूठे के पास छोटा सा अंगूठा या रैंच चाबी की आकृति वाला अंगूठा होता है। वह शुक्र ग्रह के प्रभाव में रहते हैं। कहने का अर्थ यह है कि विपरीत लिंग, सेक्स के प्रति इनका आकर्षण सामान्य व्यक्तियों से कुछ ज्यादा ही होता है। सेक्स में इनकी अधिक रूचि के साथ ही साथ वह सौंदर्यप्रेमी, स्त्री-प्रेमी, प्रकृति, जल, पर्वत और समुद्र प्रेमी होते हैं।

six fingers in hand

स्त्रियां भी पुरुष समागम की ज्यादा इच्छुक होती हैं। छठा अंगूठा यानी अतिरिक्त अंगूठा जितना पुष्ट होगा उतना ही शुक्रजन्य उपरोक्त गुण उनमें अधिक पाया जाएगा। रैंच चाबी वाला अंगूठा अधिक शुक्र (सैक्स) गुण का घोतक है। अगर अतिरिक्त अंगूठा आकार में छोटा कमजोर वह अंगूठे की जड़ के पास या आगे बढ़कर अंगूठे पर चढ़ता दिखाई दे तो उसमें विपरीत लिंग या सैक्स अधिक तो होगा, तुरंत चाबी वाले अंगूठे से काफी कम होगा। यदि कनिष्ठा (बुध) की सबसे छोटी उंगली के साथ छोटी सी अतिरिक्त उंगली पाई जाए तो ऐसे व्यक्ति पर “बुध-ग्रह” का प्रभाव अधिक पाया जाएगा। ऐसा व्यक्ति व्यापारिक वृत्ति, हिसाब किताब रखने वाला व हानि और लाभ का विचार करके ही काम करने वाला होगा। यहां भी इस अतिरिक्त उंगली की पुष्टता व आकार से ही बुध ग्रह का प्रभाव आंका जाएगा।

six fingers in hand

आइए अब हम पूर्ण व स्वस्थ छह उंगलियों पर विचार करें। यदि किसी हाथ के अंगूठे के अतिरिक्त 5 पुष्ट व पूर्ण उंगली “बुध- ग्रह” की, अनामिका सूर्य की, मध्यमा शनि की, तर्जनी गुरु बृहस्पति की मानी जाती है। परंतु पांच पूर्ण विकसित होने पर भी अंगूठे के पास वाली उंगली को तर्जनी या गुरु की ही माना जाएगा, तथा सबसे अंतिम व छोटी उंगली कनिष्ठा यानी बुध की ही मानी जाएगी। अब बुध से अगली अनामिका या सूर्य की तथा तर्जनी से अगली उंगली मध्यमा यानी शनि की उंगली मानी जाएगी।

अब, छंगों (पांच पूर्ण उंगलियों) के हाथों में इस अतिरिक्त उंगली को क्या नाम दिया जाए? या किस ग्रह से संबंधित माना जाए? यह प्रश्न एक जटिल हस्तरेखा विशेषज्ञ के सामने आता है। इसका भी समाधान कहीं ना कहीं है। शेष बची उंगली के प्रथम पर्व पर वैसा ही चिन्ह,यानी शंख, द्वीप व चक्र आदि पाया जाएगा। जैसा कि साथ वाली सूर्य की उंगली या शनि की उंगली पर होगा। यानी इस अतिरिक्त उंगली के प्रथम पोर पर या तो सूर्य की उंगली के चिन्ह में समानता पाई जाएगी या शनि की उंगली के चिन्ह की। विचार करने के पश्चात पता चला कि चिन्ह पहचान के बाद ही, इसे सूर्य की शक्तिदायक उंगली माना जाएगा या शनि की अतिरिक्त शक्तिदायक उंगली मानें। एक अन्य विचार से भी, इस अतिरिक्त उंगली को शनि या सूर्य की उंगली माना जा सकता है। आपने देखा होगा की तर्जनी के बाद की दोनों उंगलियां सामान ऊंचाई की हैं। प्रथम पर्व पर दोनों में ही, शंख के चिह्न हैं। अतः यह दोनों शनि की ही उंगलियां मानी जाएंगी। कनिष्ठा से आगे दोनों उंगलियों की ऊंचाई लंबाई एक समान है तथा दोनों के प्रथम पादों पर चक्र के निशान हैं अतः दोनों उंगलियां सूर्य की मानी जाएंगी। इन्हें द्विगुणित शक्ति वाला ग्रह यानि डबल शनि या डबल सूर्य कहा जा सकता है।

Back to top button
https://ndi.fda.moph.go.th/
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet galaxy7bet https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/ https://b-happyrealisatie.com/ https://b-smartfundering.com/ http://context2.ai/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://www.mmsu.edu.ph/storage/uploads/xgacor/ https://alumni.mmsu.edu.ph/storage/uploads/hitam/ https://sas.mmsu.edu.ph/storage/uploads/thailand/ https://ieg.mmsu.edu.ph/storage/uploads/pulsa/
slot gacor slot thailand slot thailand slot gacor maxwin scatter hitam slot gacor slot demo slot demo https://officialstore.it.com/ https://ecourse-lpug.gunadarma.ac.id/data/ https://unilinkindia.com/