कोरोना पॉजिटिव हसबैंड की देखरेख को जाती थी पत्नी, स्टाफ पति के सामने ही करता था गंदा काम
कोरोना वायरस की दूसरी लहर में बहुत से लोगों ने अपनों को खोया है। इनमें से बहुत से लोगों के अस्पताल के अनुभव बिल्कुल भी अच्छे नहीं रहे हैं। अब बिहार के पटना में रहने वाली रुचि को ही ले लीजिए। रुचि के पति नोएडा की मल्टीनेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। होली पर दोनों अपनी फैमिली से मिलने भागलपुर आए थे। यहां 9 अप्रैल को रौशन को सर्दी-बुखार हो गया। जब टेस्ट कराया तो ये कोरोना निकला।
रुचि ने पति को इलाज के लिए एक प्राइवेट अस्पताल में एडमिट कर दिया। रुचि भी कोई न कोई जुगाड़ कर वहां हॉस्पिटल में पति की देखरेख के लिए रहती थी। आरोप है कि पति की देखरेख करने के दौरान हॉस्पिटल के कर्मचारी ज्योति कुमार ने उसके साथ छेड़खानी की। उसकी यह हरकत बीमार पति ने भी देखी थी, लेकिन लाचार और बेबस होने के कारण वह कुछ नहीं कर सका।
सिर्फ छेड़छाड़ ही नहीं बल्कि पैसों को लेकर भी रुचि का शोषण हुआ। वे बताती हैं कि मेरे पति की आंखों में ऑक्सीजन खत्म हो जाने का डर था। अस्पताल प्रशासन ने वहां भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन ब्लैक में बेचने की कोशिश की। रुचि ने अधिक पैसे देकर ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदा भी था। लेकिन इसके बावजूद वह अपने पति को नहीं बचा पाई।
रौशन अस्पताल में 26 दिनों तक भर्ती था। उसकी बीवी ने उसे बहुत हिम्मत दी, लेकिन अफसोस की उसने अपने पति को अपनी आंखों के सामने ही खो दिया। इस दौरान उसके साथ हॉस्पिटल में जो कुछ भी बदसलूकी होती रही वह अपने पति की जान बचाने के लिए सबकुछ सहती रही। अस्पताल पर ये भी आरोप है कि डॉक्टर और नर्स अपने कमरे में लाइट ऑफ कर मोबाइल पर फिल्में देखते रहते थे। वे मरीज को देखने नहीं आते थे।
रुचि की बड़ी बहन ऋचा सिंह ने भी हॉस्पिटल प्रशासन पर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ उन्हें गंदी नजरों से देखता था। वे उनके शरीर को छूने की बार बार कोशिश करते थे। मायागंज अस्पताल में हालत बिगड़ने पर एयर एंबुलेंस द्वारा दिल्ली ले जाने का प्रयास भी हुआ लेकिन एयर एंबुलेंस वक्त रहते हुए मिल नहीं पाई। इस वजह से उन्हें एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा था।
गौरतलब है कि इसके पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जब हॉस्पिटल में एडमिट कोरोना मरीज के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई हो। ऐसी मुश्किल घड़ी में भी लोगों का फायदा उठाने वाले कड़ी सजा के हकदार हैं।