कोरोना काल में ओड़िशा सरकार ने किया ऐसा काम कि “लासेंट पत्रिका” कर रही सराहना
ओड़िशा सरकार ने मुश्किल घड़ी में अन्य राज्यों को पहुँचाई संजीवनी रूपी "ऑक्सीजन"
जिस दौर में देश के अधिकतर हिस्सों में ऑक्सीजन को लेकर त्राहिमाम-त्राहिमाम मचा हुआ है। ऐसी स्थिति में सुखद बात यह है कि कुछ राज्य ऐसे हैं जिन्होंने ऑक्सीजन के लिए तरसते राज्यों की काफ़ी मदद की है। ओडिशा राज्य की ही बात करें तो इस राज्य ने कई राज्यो को “लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन” उपलब्ध कराने का सराहनीय कार्य किया है।
जानकारी के लिए बता दें कि बीते 17 दिनों में एक आंकड़े के मुताबिक ओडिशा सरकार ने ऑक्सीजन की किल्लत झेल रहे 11 राज्यों को 473 ऑक्सीजन टैंकर भेजें है। जिसमें कुल 8689.6 मीट्रिक टन ऑक्सीजन थी। ओडिशा की तरफ़ से यह ऑक्सीजन महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश समेत दूसरे अन्य राज्यों को भेजी गई।
गौरतलब हो भले ओडिशा ग़रीब राज्यों की श्रेणी में आता हो, लेकिन ऑक्सीजन देकर मदद करने में वह सबसे आगे रहा। जिसके लिए ओडिशा सरकार की सराहना अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल लासेंट द्वारा की जा रही। लासेंट पत्रिका ने 8 मई को अपने संपादकीय में “भारत की कोविड-19 इमरजेंसी” शीर्षक के तहत लिखा कि कोरोना की दूसरी लहर में ओडिशा ने बेहतरीन काम किया है। ओडिशा ने इतने व्यापक पैमाने पर ऑक्सीजन का उत्पादन किया जिससे उसने दूसरे राज्यों की मदद भी की। इसके अलावा लासेंट पत्रिका ने अपने संपादकीय में केरल राज्य की भी सराहना की, जबकि केंद्र सरकार पर सवाल उठाने का कार्य किया।
कैसे संभव हुआ ओडिशा सरकार द्वारा ऑक्सीजन दूसरे राज्यों को उपलब्ध कराना
जब एक ओर सभी राज्य ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे थे। ऐसे में ओडिशा सरकार ने कैसे इतनी बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन दूसरे राज्यों को भेजी यह समझने लायक बात है। गौरतलब हो जिस दौर में अन्य राज्यों में ऑक्सीजन की कालाबाजारी चल रही थी। ऐसे दौर में पहले तो ओडिशा सरकार ने उद्योगों को दी जाने वालों ऑक्सीजन पर रोक लगाई। इसके अलावा अधिकारियों को रियल टाइम डाटा एकत्रित करने के निर्देश दिए गए। साथ ही साथ लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की तीन स्तरीय निगरानी की गई। जिस वज़ह से मैन्युफैक्चरिंग फिलिंग स्टेशन अस्पताल की तर्ज़ पर यह सफ़लता मिल पाई।
एक विशेष बात यह कि बीते अप्रैल महीने में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कोविड-19 के चिंताजनक हालात पर पीएम मोदी से बात करते हुए कहा था कि ओडिशा अन्य राज्यों की सहायता के लिए ऑक्सीजन उत्पादन में वृद्धि करेगा। जिसकी पुष्टि उस दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा की गई थी।