झारखंड के सीएम ने मोदी को लेकर कहा कुछ ऐसा कि, सोशल मीडिया पर मच गया बवाल?
कोरोना से लड़िए हेमंत सोरेन जी! प्रधानमंत्री की कमी बाद में जगजाहिर कर लेना।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच केंद्र सरकार लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए निगरानी कर रही। इसी के तहत पीएम नरेंद्र मोदी आएं दिन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत भी कर रहें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा और झारखंड के मुख्यमंत्रियों से कोविड की स्थिति को लेकर चर्चा की। इस चर्चा के बाद झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अपनी प्रतिक्रिया दी। जिसके बाद राजनीतिक मिज़ाज गर्म होता दिख रहा।
जिस कोरोना काल में मानवता की रक्षा होना जरूरी। उस दौरान केंद्र को नीचा दिखाने की फितरत राज्य सरकारों में नज़र आ रही। गौरतलब हो झारखण्ड के मुख्यमंत्री से कोरोना की स्थिति को लेकर पीएम मोदी ने बात की। जिसके बाद हेमन्त सोरेन ने ट्वीट करते हुए कहा कि “बेहतर होता की प्रधानमंत्री काम की बात करते और काम की बात सुनते, लेकिन उन्होंने तो अपने सिर्फ़ मन की बात की।”
आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने फोन किया। उन्होंने सिर्फ अपने मन की बात की। बेहतर होता यदि वो काम की बात करते और काम की बात सुनते।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) May 6, 2021
हेमन्त सोरेन के ट्वीट के बाद भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं ने उनपर हमला बोल दिया है। झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर सोरेन के ट्वीट की आलोचना की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “हेमंत सोरेन एक फेल मुख्यमंत्री हैं। गवर्नेंस में फेल है। कोविड से लड़ने में फेल हैं। लोगों को मदद करने में फेल हैं। अपनी असफलता छिपाने के लिए वो अपने ही ऑफिस की मर्यादा कम कर रहें। जाग जाइए और काम करिए, मिस्टर सोरेन! घड़ी की सुई टिक-टिक कर रही है।”
वही सोरेन के ट्वीट के बाद असम भाजपा के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने भी मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि सोरेन ने अपने पद की गरिमा खो दी है। हेमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट करते हुए लिखा, “आपका यह ट्वीट न सिर्फ़ न्यूनतम मर्यादा के खिलाफ है बल्कि उस राज्य की जनता की पीड़ा का भी मज़ाक उड़ाना है, जिनका हाल जानने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी ने फ़ोन किया था।” वही हेमन्त सोरेन के ट्वीट के अलावा टीवी पत्रकार नाविका कुमार ने भी हेमन्त सोरेन के ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “क्या वाकई में इसे अभी आना था? कि महामारी के इस दौर मे प्रधानमंत्री राज्य में कोविड के हालात जानने के लिए सीएम को कॉल करते है तो क्या एक सीएम ये कहता है? क्या उनकी शालीनता मर चुकी है? क्या सम्मान/शिष्टाचार नहीं बचा है? क्या तुच्छ दिखावा ज्यादा मत्वपूर्ण है मानव जीवन से? पीएम को कोसा गया सहायता करने के लिए? चौंका देने वाला है।” इसके अलावा कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की बात करें तो उन्होंने सोरेन के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा कि, “यह एक गम्भीर चिंता का विषय है कि ऐसे नाज़ुक समय में भी प्रधानमंत्री सिर्फ़ बोलना चाहते है, सुनना नहीं।”
बीते दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी की मीटिंग की बातचीत लीक की थी। जिसके बाद उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी थी। ऐसे में बड़ा सवाल यह है क्या कोरोना काल में हमारे देश के जिम्मेदार आपस मे लड़ते नज़र आएंगे? यह स्थिति तो कतई कोरोना की भयंकर मार झेल रहें देश को शोभा नहीं देती। वक्त है आपसी सामंजस्य के माध्यम से देश को बचाने की। फ़िर बेफिजूल की बहसबाजी क्यों? यहां बात झारखंड में कोरोना के मामले की करें तो बुधवार को पिछले 24 घण्टों में कोरोना की वज़ह से 141 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गुरुवार को जारी हैल्थ बुलेटिन के अनुसार राज्य में अभी तक 3346 लोगों की मौत हुई है। जबकि दो लाख 63 हज़ार 115 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। ऐसे में हेमंत सोरेन जी हो सकता प्रधानमंत्री सिर्फ़ मन की बात कर रहें हो, लेकिन आप तो काम करिए, क्योंकि आपके राज्य में मौत का आंकड़ा तेज़ी से बढ़ रहा। उसकी जिम्मेदारी तो लीजिए?