ग्रहों के कारण भी हो जाते हैं आप बीमार, जानें किस ग्रह के भारी होने पर लगता है कौन सा रोग
ज्योतिष शास्त्र में बीमारियों का संबंध ग्रहों से जोड़कर देखा जाता है। जब किसी जातक की कुंडली में कोई ग्रह गलत स्थान पर होता है। तो उस जातक को उस ग्रह से संबंध रखने वाले रोग होने लग जाते हैं। हालांकि अगर ग्रहों से जुड़े उपाय किए जाएं। तो इन रोगों से रक्षा होती है और रोग सही हो जाता है। किस ग्रह से कौन सा रोग जुड़ा हुआ है। इसकी जानकारी ज्योतिष शास्त्र में विस्तार से दी गई है। साथ में ही ग्रह को शांत करने के उपाय भी बताए गए हैं।
जानें किस ग्रह से जुड़ा होता है कौन सा रोग
चंद्र ग्रह
ज्योतिष के अनुसार चंद्र ग्रह का नाता फेफड़ों से होता है और जब ये ग्रह आपके अनुकूल होता है। तो आपको फेफड़ों से जुड़ी बीमारी होने लग जाती है। इसके अलावा चंद्रमा के पीड़ित होने पर व्यक्ति को कफ और मानसिक बीमारी का भी सामना करना पड़ता है। कुंडली में ये ग्रह मजबूत करने के लिए सोमवार के दिन शिवजी की आराधना करनी चाहिए और सफेद वस्तुओं का दान करना चाहिए। ऐसा करने से इस ग्रह से जुड़े रोग नहीं होते हैं।
सूर्य ग्रह
सूर्य ग्रह को सभी ग्रहों का राजा माना गया। जब ये ग्रह किसी की कुंडली में भारी होता है। तो उस वक्ती को आंखों और सिर से संबंधित रोग होने लगते हैं। आंखों की रोशनी कम होना व सिर में अक्सर दर्द रहना, इस ग्रह के प्रकोप का ही असर होता है। कुंडली में सूर्यदेव को मजबूत करने के लिए रोजाना सूर्योदय के समय सूर्य भगवान को जल चढ़ाएं और रविवार को इनकी पूजा करें। लाल रंग की वस्तुओं का दान करें और माथे पर लाल रंग का चंदन जरूर लगाएं।
मंगल ग्रह
मंगल ग्रह के भारी होने पर खून से जुड़े रोग होने लग जाते हैं और जातक को अधिक गुस्सा आने लग जाता है। इसके अलावा बार-बार चोट भी लगती है। इस ग्रह के भारी होने पर कई लोगों के विवाह होने में भी परेशानियां आती हैं। कुंडली में मंगल के अशुभ होने पर हनुमान जी की पूजा करें और इन्हें लाल रंग का फूल अर्पित करें। हो सके तो इस दिन लाल रंग के वस्त्र भी धारण करें। ये उपाय करने से मंगल ग्रह शांत हो जाएगा और किसी तरह का नुकसान सेहत को नहीं पहुंचाएगा।
बुध ग्रह
बुध ग्रह का नाता त्वचा से जुड़ा होता है और जब त्वचा से जुड़े रोग होने लग जाएं। तो समझ लें की ये ग्रह आपकी कुंडली में सही स्थान पर नहीं है। इस ग्रह को अपने अनुकूल बनाएं रखने के लिए बुधवार के दिन बुध ग्रह से जुड़ी कथा को पढ़ें। साथ में ही हरे रंग की चीजों का दान करें। इसके अलावा गाय को हरी घास खिलाएं। ये उपाय कारगर साबित होंगे। इनकी मदद से ये ग्रह शांत हो जाएगा और त्वचा से जुड़े रोग सही हो जाएंगे।
गुरु ग्रह
गुरु का संबंध मोटापे से होता है। इस ग्रह के कुंडली में गलत स्थान पर होने पर व्यक्ति को मोटापा चढ़ने लग जाता है और उदर से संबंधित रोग होने लगते हैं। बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार के दिन केले के पेड़ का पूजन करें और पीले वस्त्र धारण करें। साथ में ही लोगों को केले भी बांटे। याद रखें की इस दिन भूलकर भी केलों का सेवन न करें। केले खाने से ये ग्रह भारी हो जाता है और आपके अनुकूल ही फल प्रदान करता है।
शुक्र ग्रह
शुक्र ग्रह के भारी होने पर यौन संबंधी बीमारियां हो जाती हैं। ये ग्रह मजबूत करने के लिए शुक्रवार के दिन कन्याओं को सफेद रंग की मिठाई खिलानी चाहिए। इसके अलावा शुक्र ग्रह से जुड़ी कथा को पढ़ें और खीर का सेवन करें।
शनि ग्रह
शनि के कमजोर होने पर या इसकी साढ़े साती चलने पर शरीर में कमजोरी रहती है। नाभि से जुड़े रोग होते है और चोट काफी लगती है। इसके अलावा कई लोगों के मन में भय पैदा हो जाता है। ज्योतिष के अनुसार शनि को मजबूत बनाने के लिए जातकों को शनिवार के दिन शनि मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए और इनसे जुड़े मंत्र को पढ़ें।
राहु ग्रह
राहु ग्रह अगर कुंडली में कमजोर हो तो व्यक्ति को बार-बार बुखार आने लग जाता है। मन घबराता है और पैरों में दर्द की शिकायत रहती है। इस ग्रह के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए कुष्ठ रोगी, निर्धन व्यक्ति, सफाई कर्मचारी को पैसे दिया करें या फिर भोजन करवा दें। ऐसा करने से राहु ग्रह से होने वाले रोगों से रक्षा होती है।
केतु ग्रह
केतु ग्रह के कमजोर होने से हड्डियों से संबंधित बीमारियां होने लग जाती हैं और इनमें खूब दर्द रहता है। केतु के दुष्प्रभाव से बचने के बड़े-बुजुर्ग की सेवा करें। कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं। शनिवार को शनिदेव की पूजा करें। हो सके तो शनि देव को लोहे की वस्तु भी अर्पित करें।