इस वजह से हनुमान जी को चढ़ाया जाता है सिंदूर का चोला, पढ़ें इससे जुड़ी कथा
हनुमान जी का पूजन करने से तमाम तरह के कष्टों और परेशानियों से निजात मिल जाती है और जीवन खुशियों से भर जाता है। किसी भी प्रकार का दुख होने पर बस हनुमान जी की पूजा मंगलवार को कर दें और पूजा करते समय इन्हें सिन्दूर का चोला अर्पित कर दें। ऐसा करने से हनुमान जी एकदम प्रसन्न हो जाएंगे और इनकी कृपा आप पर बन जाएगी।
ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी बहुत जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं। इनकी पूजा पाठ करना बेहद ही सरल है। मंगलवार को महज अमृतवाणी और श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें व हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ा दें। मात्र ये काम करने से हनुमान जी प्रसन्न हो जाएंगे।
क्यों हनुमान जी को चढ़ाया जाता है सिंदूर का चोला ?
हनुमान जी को सिंदूर व सिंदूर का चोला चढ़ाने का जिक्र रामचरितमानस में किया गया है। रामचरितमानस के अनुसार भगवान श्रीराम, सीता और लक्ष्मण अपना 14 सालों को वनवास पूरा करके अयोध्या आए थे। हनुमान जी भी इनके साथ अयोध्या पधारे थे। एक दिन हनुमान जी ने मां सीता को अपनी मांग सिंदूर से भरते हुए देखा। हनुमान जी ने तुरंत मां सीता से पूछा कि आप अपनी मांग में ये सिंदूर क्यों भर रही हैं। इसपर मां सीता ने हनुमान जी से कहा कि ये लगाने से उन्हें श्रीराम का स्नेह प्राप्त होगा और उनकी आयु बढ़ेगी।
ये बात सुनकर हनुमान जी वहां से चले गए और कुछ देर बाद उन्होंने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया। हनुमान जी ने सोचा कि यदि वे सिर्फ मांग नहीं बल्कि पूरे शरीर पर सिन्दूर लगा लेंगे। तो उन्हें भगवान राम का खूब प्रेम प्राप्त होगा और उनके स्वामी कि उम्र भी लंबी होगी। पूरे शरीर में सिंदूर लगाने के बाद हनुमान अवस्था में सभा में चले गए। सभा में भगवान राम, सीता जी और कई सारे लोग मौजूद थे। इन सबने जैसे ही हनुमान को सिंंदूर से रंगा देखा। तो उन्होंने हनुमान से इसका कारण पूछा। हनुमान जी ने सबसे कहा कि उन्होंने ये सिर्फ भगवान राम का स्नेह प्राप्त करने के लिए किया है। ये बात सुन राम जी और सीता जी काफी प्रसन्न हुए। राम जी ने हनुमान को गले लगा लिया।
तभी से हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी मूर्ति को सिन्दूर से रंगा जाता है और सिंदूर का चोला इन्हें चढ़ाया जाता है। ऐसा करने से हनुमान की कृपा बन जाती है और भक्तों की हर कामाना को ये पूरा कर देते हैं। वहीं हनुमान जी पर चढ़ा सिंदूर अगर अपने पास रखा जाएगा। तो भय से निजात मिल जाती है और बुरे सपने भी आना बंद हो जाते हैं।
कब चढ़ाएं सिंदूर का चोला
- अगर आपकी कोई मन्नत है। जो पूरी नहीं हो रही है। तो आप हनुमान जी को सिंदूर का चोला अर्पित कर दें। वहीं मन्नत पूरी होने के बाद भी हनुमान जी को एक चोला जरूर चढ़ाएं या सिंदूर अर्पित करें।
- हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए सिंदूर का चोला इन्हें चढ़ा सकते हैं।
- अगर शनि देव की साढ़े साती, अढैया, दशा, अंतरदशा में कष्ट कम करने हों तो शनिवार के दिन चोला चढ़ाया जाता है।
- नकारात्मक ऊर्जा महसूस होने पर भी इन्हें चोला चढ़ा दें। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा आप से दूर रहती है।
इस प्रकार चढाएं सिंदूर का चोला
हनुमान जी की प्रतिमा पर सिंदूर का चोला मंगलवार के दिन ही चढ़ाए। मंगलवार को सबसे पहले इनकी प्रतिमा को जल से स्नान कराएं। इसके बाद इनके किसी भी पाठ को पढ़ें। पाठ करने के बाद इन्हें सिंदूर का चोला चढ़ा दें। फिर नीचे बताए गए मंत्र का उच्चारण करें। सिंदूर का चोला चढ़ाने के अलावा आप सिंदूर भी इन्हें अर्पित कर सकते हैं। चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर या सीधे प्रतिमा पर हल्का सा देसी घी लगाकर उस पर सिंदूर लगा दें।
मंत्र
सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये।
भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।।