आखिर टूट ही गई सपा, नई पार्टी के अध्यक्ष होंगे मुलायम सिंह यादव!
समाजवादी पार्टी में पड़ी फूट के बाद पार्टी में दो फाड़ होना तय था और यही हुआ. शुक्रवार को सपा के पूर्व नेता और मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव ने नई पार्टी बनाने का एलान कर दिया. शिवपाल यादव ने कहा कि वह एक नई पार्टी बनायेंगे जिसके मुखिया मुलायम सिंह यादव होंगे. शिवपाल ने बताया कि नई पार्टी का नाम समाजवादी सेक्युलर मोर्चा होगा.
नई पार्टी का नाम समाजवादी सेक्युलर मोर्चा होगा :
Senior SP leader Shivpal Yadav tells ANI he is forming a new party 'Samajwadi Secular Morcha', party chief would be Mulayam Singh Yadav pic.twitter.com/KUsPKUh3IP
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 5, 2017
शिवपाल यादव ने कहा कि हम समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के नाम से नई पार्टी गठित कर रहे हैं, इस पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ही होंगे. उन्होंने कहा कि जल्द ही वो नए मोर्चे का एलान करेंगे, जिसका उद्देश्य नेता जी को उनका खोया हुआ सम्मान वापस दिलाना और सभी समाजवादियों को एक साथ लाना होगा. शिवपाल यादव से पत्रकारों ने पूछा कि क्या नेता जी ने पार्टी के लिए हां कर दी है तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि क्या ये नेता जी की राय के बिना ही होगा. उनकी मंजूरी ले ली गई है. उन्होंने बताया कि सामाजिक न्याय के लिए सेक्युलर मोर्चा बनायेंगे.
दो दिन पहले दिया था संकेत :
आपको बता दें कि दो दिन पहले इटावा में शिवपाल यादव ने नई पार्टी बनाने के संकेत दिए थे, उन्होंने कहा था कि मैंने अखिलेश से सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने और मुलायम सिंह यादव को नया अध्यक्ष बनाने को कहा था. मैंने कहा था कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम नई पार्टी बना लेंगे.
उन्होंने राम गोपाल यादव पर भी निशाना साधा था, शिवपाल ने कहा था कि लाखों लोगों के सुख दुःख में भागीदार बनकर नेता जी ने बड़ी मेहनत से पार्टी बनाई थी. लेकिन आज पार्टी के संविधान रचयिता को हमारी सलाह है कि उन शकुनि को अब गीता पढ़नी चाहिए.
गौरतलब है कि लम्बे समय से समाजवादी पार्टी में दो फाड़ की स्थिति बनी हुयी थी. पार्टी दो टुकड़ों में टूटती दिख रही थी. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के पहले से ही पार्टी में टकराव साफ दिखने लगा था. चुनाव नजदीक आते आते पार्टी में तख्तापलट जैसी घटना भी हुई. स्थिति यह थी कि हर रोज पार्टी में नियम बनते और टूटते थे. आये दिन पार्टी में एक एक बाद विरोधाभाषी बयान सुनने को मिल रहे थे. नतीजा यह हुआ कि चुनावों के बाद अब पार्टी के दो फाड़ होने का एलान भी हो चुका है.