बॉलीवुड की इन ख़ूबसूरत हसीनाओं पर आया था राजकुमार का दिल, एक से करने वाले थे शादी, लेकिन..’
‘जानी.. हम तुम्हे मारेंगे, और ज़रूर मारेंगे…लेकिन वो बंदूक भी हमारी होगी, गोली भी हमारी होगी और वक़्त भी हमारा होगा’ जैसे कई यादगार और सुपरहिट डायलॉग देने वाले दिग्गज़ अभिनेता राजकुमार ने फिल्म इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम कमाया है. पुलिस की नौकरी छोड़ अभिनेता बने राजकुमार अपने दमदार व्यक्तित्व, अदाकारी और डायलॉग डिलीवरी से दर्शकों के दिल जीत लिया करते थे.
राजकुमार को दुनिया से विदा लिए हुए करीब 25 साल बीत गए हैं, हालांकि आज भी वे अपने फैंस के दिलों में अपनी अदाकारी, कड़क आवाज और अपने खास अंदाज और अपने किस्सों के चलते जीवित हैं. 8 अक्टूबर 1926 को पाकिस्तान के लाहौर में जन्में राजकुमार अपने बेहतरीन काम के चलते बॉलीवुड के दिग्गज़ कलाकारों में अपना नाम शुमार कराने में सफल रहे हैं.
राजकुमार ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत 26 साल की उम्र में साल 1952 में की थी. इस दौरान उनकी पहली हिंदी फिल्म ‘रंगीली’ रिलीज हुई थी. धीरे-धीरे वे बॉलीवुड में आगे बढ़ते गए और पांच सालों के बाद उन्हें बड़ी सफलता और पहचान मिली. साल 1957 में आई फिल्म ‘नौशेरवां-ए-दिल’ में उनके काम को काफी सराहा गया था. यह फिल्म हट साबित हुई और हिंदी सिनेमा में राजकुमार की किस्मत का सितारा भी चमक उठा.
अपने 40 साल से अधिक लंबे फ़िल्मी करियर में राजकुमार ने कई शानदार फिल्मों में काम किया. उनके काम का हर कोई कायल हुआ करता था. बॉलीवुड को उन्होंने तिरंगा, वक्त, पाकीजा, सौदागर, मदर इंडिया, नीलकमल, बुलंदी, बेताज बादशाह, हमराज, पुलिस और मुजरिम, पैगाम और राज तिलक जैसी कई फ़िल्में दी.
मीना कुमारी पर आया दिल…
अक्सर बॉलीवुड में देखने को मिलता है कि, साथ काम करने के दौरान स्टार अपने को-स्टार को दिल दे बैठते हैं. राजकुमार के साथ भी ऐसा दो बार हुआ था. पहली बार उनका दिल बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा रही मीना कुमारी पर आया था. दोनों कलाकारों ने फिल्म ‘पाकीज़ा’ में साथ काम किया था. यह फिल्म साल 1972 में रिलीज हुई थी. शादीशुदा मीना कुमारी पर राजकुमार अपना दिल हार बैठे, लेकिन मीना कुमारी के शादीशुदा होने के चलते राजकुमार को मीना कुमारी का प्यार नसीब नहीं हो सका और यह प्यार महज एक तरफ़ा बनकर रह गया.
फिर हेमा मालिनी से लगा बैठे दिल…
दूसरी बार राजकुमार को प्यार हुआ अपने समय की मशहूर और ख़ूबसूरत अदाकारा रही हेमा मालिनी से. हेमा मालिनी के साथ फिल्म ‘लाल पत्थर’ में काम करने के दौरान राजकुमार को हेमा से भी प्यार हो गया था. यह फिल्म साल 1971 में आई थी. इससे पहले आपको बता दें कि, फिल्म में पहले राजकुमार के अपोजिट वैजयंतीमाला को कास्ट किया गया था, हालांकि राजकुमार चाहते थे कि फिल्म में वैजयंतीमाला के स्थान पर हेमा मालिनी हो और उन्होंने निर्देशक से भी यहीं बात कही. लेकिन दूसरी और हेमा इसके लिए तैयार नहीं हुई.
हेमा को मनाने पहुंचे राजकुमार…
जब हेमा मालिनी ने फिल्म ‘लाल पत्थर’ में काम करने से मना कर दिया तो राजकुमार खुद उन्हें मनाने के लिए पहुंच गए और जैसे-तैसे हेमा मान गई. शूटिंग के दौरान दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गई. राजकुमार तो हेमा को पसंद करते ही थे, वहीं हेमा भी राज कुमार के खास अंदाज से काफी आकर्षित थीं. लेकिन जब राजकुमार ने रेखा के सामने शादी का प्रस्ताव रखा तो उन्होंने इसे ठुकरा दिया और इस तरह से एक बार फिर राजकुमार का प्यार एक तरफ़ा ही रह गया.
जेनिफर से की शादी…
प्यार में दो बार दिल टूटने के बाद राजकुमार ने जेनिफर उर्फ गायत्री से शादी की. दोनों तीन बच्चों पुरु राज कुमार, पनिनी राज कुमार और वास्तविकता के माता-पिता बने. राजकुमार का 3 जुलाई 1996 को 69 साल की उम्र में मुंबई में निधन हो गया था. वे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे.