दुनिया के इन देशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है होली का त्यौहार, कई बड़े देशों के नाम है शामिल
भारत को देवों की भूमि कहा जाता है. भारत में साल भर में कई तरह के त्योहार मनाये जाते है. हर त्यौहार का अपना एक अलग महत्त्व होता है. इन्ही में से प्रमुख है दिवाली और होली. होली के त्यौहार की धूम इन दिनों भारत में बनी हुई है. यह ऐसा त्यौहार है जिसे हर वर्ग के लोग बड़े ही धूम धाम से मनाते है. इस त्यौहार में लोग अपनी ऊंच-नीच, जाति-धर्म की दीवार तोड़कर सिर्फ मस्ती करते है.
अगर आपको ये लगता है कि आप अगर भारत में नहीं होते तो शायद इस मस्ती भरे और दिलचस्प त्यौहार का कभी आनंद नहीं उठा पाते. लेकिन क्या आपको पता है होली का ये रंगीला त्यौहार सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के कई देशों में मनाया जाता है. हां उनके नाम और तरीके अलग होते है लेकिन त्यौहार का मज़ा और आनंद एक ही होता है.
अमेरिका
दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में भी होली का त्योहार प्रतिवर्ष मनाया जाता है. यह त्यौहार यहाँ पर हर साल हैलोईन नाम से 31 अक्टूबर की रात को मनाया जाता है. इस त्यौहार के दिन बच्चों की टोलियां सूर्यास्त होने के बाद खेलने-कूदने और मस्ती करने के लिए सड़को पर जमा हो जाती है. इस तरह होली का त्योहार सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि अमेरिका में भी अलग नाम से मनाया जाता है.
साइबेरिया
साइबेरिया में भी कुछ इसी तरह का त्यौहार मनाया जाता है. ग्रीष्म ऋतु के आगमन पहले बच्चे घर-घर जाकर लकडिय़ां इकट्ठी करते हैं और फिर उनमे आग लगा दी जाती हैं.इस दौरान यहाँ पर स्त्री-पुरुष एक-दूसरे का हाथ पकड़कर तीन बार अग्नि की परिक्रमा कर उसको लांघते हैं. उन लोगों का मानना है कि इस तरह परिक्रमा करने से वर्ष भर कभी बुखार नहीं आता है.
फ्रांस जैसे देश में भी इसे एक अलग रूप के साथ मनाया जाता है. नारमंडी नामक स्थान में घास से बनी हुई मूर्ति को शहर में घुमाकर गाली तथा भद्दे शब्द कहने के बाद आग के हवाले कर दिया जाता है. बच्चे हो-हल्ला करते हुए इसके चारों और चक्कर भी लगाते हैं. इस तरह होली को फ्रांस में भी मनाया जाता है.
जर्मनी
जर्मनी जैसे देश में ईस्टर के समय में पेड़ों को काटकर जमीं में गाड़ दिया जाता है. इसके बाद उसके चारों और र लकड़ी व घास का ढेर लगा दिया जाता है. इसके बाद उसमे आग लगा दी जाती है. इस दौरान यहाँ के लोग एक-दूसरे के मुंह पर रंग लगाते हैं और कपड़ों पर ठप्पा लगाकर जोरों से हँसते है.
स्वीडन-नार्वे
स्वीडन-नार्वे में सैंट जॉन की पवित्र तिथि पर लोग एक साथ एकत्र होकर अग्नि क्रीड़ा महोत्सव का लुत्फ़ लेते है. इसके बाद शाम को किसी प्रमुख स्थान पर आग जलाकर लोग उसके आस पास नाचते-गाते हैं और इसकी परिक्रमा करते हैं.
ईटली
ईटली में यह उत्सव फरवरी में रेडिका के नाम से मनाया जाता है. इस दौरान यहाँ पर लोग कार्निवल की मूर्ति को एक रथ में बैठाकर तरह-तरह की वेश-भूषा में गाते-बजाते जुलूस के रूप में निकलते हैं. मुख्य चौक पर पहुंचने के बाद सुखी लकडिय़ों को इस रथ में खड़ा करके इसे आग के हवाले कर दिया जाता है. इसके बाद यहाँ से सभी लोग इस त्यौहार का जश्न मनाते है.