बेहद ही चमत्कारी है चिंतामन मंदिर, यहां पर खुद गणेश जी ने आकर की थी अपनी मूर्ति की स्थापना
भगवान गणेश की पूजा करने से दुखों का अंत हो जाता है। जो लोग सच्चे मन से गणेश जी का पूजन करते हैं, उन्हें हर कार्य में सफलता मिलती है। देश भर में कई सारे चिंतामन गणेश मंदिर स्थित हैं। मान्यता है कि जो व्यक्ति चिंतामन मंदिरों के दर्शन करते हैं। उनकी कामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इन मंदिरों से जुड़ी कथा के अनुसार इनकी स्थापना गणेश जी ने स्वयं की थी।
चिंतामन गणेश मंदिर भारत के सिहोर (भोपाल), उज्जैन, गुजरात और रणथंभौर में स्थित है। इन मंदिरों की स्थापना से कई तरह की कहानियां जुड़ी हुई हैं। कुछ लोगों का माना है कि इन गणेश मंदिरों की स्थापना गणेश जी ने खुद से की थी। जबकि कई लोगों का कहना है कि किसी भक्त के सपने में आकर उन्होंने मंदिर की स्थापना करने की बात कही थी। आज हम आपको भोपाल में स्थित चिंतानम मंदिर से जुड़ी कथा बताने जा रहे हैं। कहा जाता है कि राजा विक्रमादित्य ने इस मंदिर को बनवाया था।
मंदिर से जुड़ी कथा
भोपाल के सिहरो में स्थित चिंतामन गणेश मंदिर से जु़ड़ी कहानी के अनुसार इस मंदिर की स्थापना विक्रमादित्य ने की थी। जबकि इस मंदिर में रखी गई गणेश जी की मूर्ति को खुद गणेश जी ने स्थापित किया था। कथा के अनुसार राजा विक्रमादित्य को एक सपना आया था। जिसमें गणेश जी ने उनसे कहा था कि पार्वती नदी के तट पर पुष्प रूप में मेरी मूर्ति मौजूद है। इस मूर्ति को स्थापित करो। सपना आने के फौरन बाद राजा विक्रमादित्य मूर्ति की खोज पर निकल पड़े। सपने में गणेश द्वारा बताई गई जगह पर पहुंचकर विक्रमादित्य ने पुष्य की खोज की।
विक्रमादित्य को नदी के तट पर पुष्प मिल गया। जिसे वो उठाकर अपने राज्य ले जाने लगे। लेकिन रास्ते में ही काफी रात हो गई और पुष्प वहीं गिर गया। जिस जगह पर ये फूल गिरा वहां पर श्री गणेश की मूर्ति स्थापित हो गई। राजा ने इस मूर्ति को निकालने की काफी कोशिश की लेकिन ये मूर्ति जमीन में धंस गई। जिसके कारण ये वहां से नहीं निकली। ऐसे में राजा ने सोचा की वो क्यों न इसी जगह पर मंदिर का निर्माण करा दें। राजा ने यहां पर भव्य मंदिर बना दिया। तब से ही इस मंदिर को चिंतामन मंदिर के नाम से जाना जाने लगा।
बुधवार के दिन इस मंदिर में खासा भीड़ देखने को मिलती है। दूर-दूर से लोग इस मंदिर में आकर गणेश जी की पूजा करते हैं और उन्हें भोग लगाया करते हैं। माना जाता है कि यहां आकर गणेश जी का पूजन करने से दुखों का नाश हो जाता है और जीवन में खुशियां बनीं रहती हैं। इसके अलावा समय-समय पर इस मंदिर में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।