महाराष्ट्र में इन दिनों मनसुख हिरेन की हत्या और सचिन वझे केस को लेकर सियासती ड्रामा जोर पकड़ रहा है। इस मुद्दे को हाल ही में अमरावती लोक सभा सीट से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) ने संसद में भी उठाया था। इस मुद्दे को संसद में तूल देने के बाद नवनीत राणा ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को चिट्ठी लिखी और शिवसेना सांसद अरविंद सावंत (Arvind Sawant) पर आरोप मड़ते हुए कहा कि उन्होंने उन्हें जेल में भेजने और देख लेने की धमकी दी थी। हालांकि इन आरोपों को अरविंद सावंत ने झूठा बताया था।
नवनीत कौर राणा अपनी राजनीतिक लाइफ के अलावा निजी जिंदगी को लेकर भी चर्चा में रही है। गौरतलब है कि नवनीत राजनीति में कदम रखने के पूर्व पंजाबी और साउथ इंडियन फिल्मों में बतौर एक्ट्रेस काम करती थी। उनकी राजनीति में एंट्री पति रवि राणा की वजह से हुई। दोनों ने 2 फरवरी 2011 में शादी रचाई थी। रवि राणा अमरावती के बडनेरा विधान सभा क्षेत्र से विधायक हैं। नवनीत रवि की लव स्टोरी भी बड़ी दिलचस्प है।
आपको जान हैरानी होगी की इस लव स्टोरी की शुरुआत बाबा रामदेव के आश्रम में हुई थी। दोनों यहां एक योगा कार्यक्रम के दौरान मिले थे। यहीं इन्हें आपस में प्यार हो गया। दोनों ने शादी करने का फैसला किया। दोनों की शादी सामूहिक विवाह समारोह में हुई। उनके साथ 3162 जोड़ों ने भी इस विवाह समारोह में साथ में फेरे लिए थे। चुकी तब रवि राणा विधायक थे इसलिए ये शादी बहुत चर्चा में आई थी। इस शादी में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, बाबा रामदेव, सुब्रत रॉय और विवेक ओबेरॉय शामिल जैसे नामी लोग शामिल हुए थे।
3 जनवरी 1986 को मुंबई में जन्मी नवनीत कौर राणा (Navneet Kaur Rana) मूल रूप से पंजाब की रहने वाली हैं। उनके पिता एक आर्मी ऑफिसर थे। नवनीत ने दसवीं पास करते ही मॉडलिंग की दुनिया में कदम रख दिया था। इस दौरान वे कई म्यूजिक एल्बम का हिस्सा भी रहीं। इसके बाद उन्होंने कन्नड़ फिल्म ‘दर्शन’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। फिर वे तेलुगु, मलयालम और पंजाबी फिल्मों में भी नजर आई।
रवि राणा से शादी रचाने के बाद नवनीत ने साल 2014 से लोक सभा चुनाव में भी हाथ आजमाया। वे एनसीपी (NCP) के टिकट पर अमरावती सीट से चुनाव लड़ी। इसमें उनकी हार हुई। वहीं विपक्ष ने उनके कास्ट सर्टिफिकेट पर भी कई सवाल खड़े किए। इतना ही नहीं इस विवाद के चलते कोर्ट ने मुंबई पुलिस को आदेश दिया कि वे नवनीत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच करें। बाद में 2019 में लोक सभा चुनाव के दौरान वह अमरावती सीट से निर्दलीय सांसद के रूप में सिलेक्ट हुई।