अध्यात्म

इन पांच राशियों पर है शनि का प्रकोप किसी पर साढ़ेसाती तो किसी पर ढैय्या, कालभैरव देंगे छुटकारा

शनिदेव एक ऐसा नाम जिसे सुनकर ही सभी लोगों में डर आ जाता है. हर कोई शनिदेव से डरता है. ज्योतिष शास्त्र में भी शनि को एक क्रूर ग्रह कहा गया है. शनिदेव को भी न्याय का देवता कर्म फल दाता कहा जाता है. वो सभी को उनके कर्म का फल देते वक़्त जरा भी दया नहीं करते है. शायद इसीलिए उन्हें क्रूर कहा गया है.

शास्त्रों के मुताबिक शनि को श्राप मिला हुआ है कि जिस पर भी वे अपनी दृष्टि डालेंगे उसके साथ अशुभ होना शुरू हो जाएगा.इसीलिए शनिदेव हमेशा अपनी नज़रे नीचे ही रखते है. शनिदेव शनिवार की पूजा से बेहद प्रसन्न होते हैं. शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित किया जाता है. इसके अलावा हम आपको एक दिन और ऐसा बताने जा रहे है, जिस दिन आप शनि देव को प्रसन्न कर सकते है. आप रविवार की पूजा से भी शनिदेव को प्रसन्न कर सकते है.

कालभैरव की पूजा इस तरह करे
क्या आपको पता है भगवान कालभैरव की पूजा से भी शनिदेव को शांत किया जाता हैं. शास्त्रों में ऐसा माना गया है कि शनि जब अधिक अशुभ फल देने लगें तो इस दौरान कालभैरव की पूजा करने से लाभ होता है. कालभैरव की पूजा करने से शनिदेव विशेष रूप से शांत हो जाते हैं. ज्ञात हो कि कालभैरव भगवान शिव के ही अवतार माने गए हैं. बुधवार, गुरुवार और रविवार का दिन कालभैरव की पूजा के लिए उत्तम माना गया है.


कालभैरव के बारे में जान ले
हमारे पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के मुताबिक काल भैरव का आविर्भाव मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि को प्रदोष काल के दौरान हुआ था. कालभैरव को भगवान शिव का साहसिक युवा रूप माना जाता है. भगवान काल भैरव को भगवान शिव का रुद्रावतार माना गया है.अगर आप कालभैरव की पूजा करते है तो आपको संकट, शत्रु से मुक्ति, कोर्ट कचहरी के मुकदमों में सफलता प्राप्त होती है. इसके साथ ही कालभैरव की पूजा करने से साहस में भी वृद्धि होती है. व्यक्ति का डर ख़त्म हो जाता है. इसके साथ व्यक्ति को अज्ञात भय से भी निजात मिलती है.

शनि के संकट से कालभैरव बचाते है
कालभैरव की विधि विधान से पूजा करने से शनि शांत हो जाते है. इस समय में कई राशियों में शनि का प्रभाव है. जिनमे धनु, मकर और कुंभ राशि है जिन पर शनि की साढे़साती चल रही है. वहीं मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है. इन राशियों के जातक रविवार के दिन कालभैरव के मंदिर में जाकर पूजा करें. बता दें कि काल भैरव की पूजा करने से शनि की अशुभता में कमी आ जाती है. इसके साथ ही उनकी परेशानी और बाधाएं दूर हो जाती है. इस दिन पूजा के बाद मंदिर में जलेबी का प्रसाद चढ़ाए और कुत्तों को भोजन भी कराएं. … काल भैरव का मंत्र
ॐ कालभैरवाय नम:

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