किसान आंदोलन में आए दो किसान बन गए समधी, धरना स्थल पर ही करवा दिया बच्चों को ब्याह-देखें PICS..
किसान आंदोलन के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की थी। मध्य प्रदेश के रीवा में किसानों द्वारा आंदलोन किया जा रहा है और आंदोलन करने के लिए बड़े पंडाल बनाए गए हैं। जहां किसान आराम से बैठकर ये आंदोलन कर रहे हैं। वहीं इस आंदोलन के एक पंडाल में कृषि कानून के विरोध में नारे लगने की जगह मंगल गीत गाए जाने लगे और देखते ही देखते एक जोड़े का विवाह करवा दिया गया। इतना ही नहीं ये शादी काफी अनोखे अंदाज में की गई और शादी के बाद वर-वधू ने संविधान की शपथ भी ली। खबर के अनुसार धरना देने बैठे एक किसान की बेटी की शादी थी। ऐसे में धरना स्थल से ही बेटी को विदा करने का फैसला परिवारवालों ने लिया। वहीं दूल्हा का पिता भी इसी जगह पर धरना दे रहा है। इसलिए दूल्हा पक्ष भी यहां से शादी करने को राजी हो गया।
ये शादी मध्य प्रदेश किसान सभा के महासचिव रामजीत सिंह के बेटे सचिन सिंह और छिरहटा निवासी विष्णुकांत सिंह की बेटी आसमा की थी। शादी बहुत पहले ही तय कर ली गई थी। लेकिन दोनों के पिता किसान आंदोलन के चलते रीवा की करहिया मंडी में 75 दिन से धरना दे रहे हैं। जिसके कारण शादी करवाने का समय नहीं निकल पा रहा था। ऐसे में किसान नेता रामजीत ने धरना स्थल से ही शादी करने का फैसला किया।
Madhya Pradesh: A farmer leader organised his son’s marriage at a farmers’ protest site in Rewa yesterday.
“We wanted to give a strong message to the government that we will not leave this site until we win this fight,” said Ramjit Singh of Madhya Pradesh Kisan Sabha. pic.twitter.com/s82iHRjHX6
— ANI (@ANI) March 18, 2021
जिसके बाद भव्य तरीक से शादी का मंडप यहां पर लगाया गया। दूल्हा बारात लेकर यहां आया और रीति रिवाज से दोनों की शादी की गई। इस दौरान धरने पर बैठे किसानों ने इन्हें आशीर्वाद भी दिया और धूमधाम से बेटी को विदा किया। शादी होने के बाद वर और वधू के पिता फिर से धरना देने लग गए।
किसान नेता रामजीत ने बताया कि प्रदर्शन की जिम्मेदारी की वजह से वो शादी के लिए समय नहीं निकाल पा रहे थे। ये बात बेटे सचिन और आसमा को पता थी। दोनों ने धरनास्थल पर शादी का सुझाव दिया। ये बात हमने अन्य किसानों से बताई और सब इसके सिए राजी हो गए। वहीं सभी किसानों ने मिलकर बेटी को शगुन दिया। शगुन की इस राशि से आंदोलन को आगे जारी रखा जाएगा। इस मौके पर किसानों ने कहा कि कृषि कानून वापस लेने तक सभी यहीं डटे रहेंगे और पारिवारिक कार्यक्रम भी यहीं करेंगे। ताकि कार्यक्रम समय पर हो सकें और वो धरना भी आसानी से दे सकें।