न्याय के देवता शनिदेव की धनु, मकर और कुंभ राशि पर है छाया, जानिए कब मिलेगी साढ़ेसाती से मुक्ति
शनि देवता को न्याय का देवता माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति ठीक है तो इसकी वजह से जीवन में शुभ परिणाम मिलते हैं परंतु शनि की स्थिति ठीक ना होने के कारण जीवन में बहुत सी परेशानियां उत्पन्न होने लगती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि ग्रह की गति बहुत ही धीमी बताई गई है। शनि देव एक राशि में ढाई वर्षो तक विराजमान रहते हैं। शनि देव हर मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार ही फल प्रदान करते हैं। इसी वजह से यह न्याय के देवता कहलाते हैं।
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार इस समय के दौरान शनि महाराज अपनी राशि मकर में विराजमान हैं। इसके अलावा मकर और कुंभ राशि शनि देव की राशि होती है। मकर राशि में शनि देव के विराजमान होने की वजह से धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है।
आपको बता दें कि अगर शनि देव किसी एक राशि में गोचर करते हैं तो वह उस राशि में पूरे ढाई साल तक विराजमान रहते हैं। ढाई साल के पश्चात ही शनिदेव अपनी राशि बदलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं।
ज्योतिष गणना के मुताबिक चंद्र राशि से जब शनि बारहवें भाव पहले, भाव तथा द्वितीय भाव से निकलते हैं तो उस अवधि को शनि की साढ़ेसाती के नाम से जाना जाता है। शनि जिस राशि में गोचर करता है, उस राशि चक्र के हिसाब से उस राशि के आगे पीछे वाली राशि पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। इसी प्रकार से अगर शनि किसी राशि में साढ़े सात साल तक रहता है तो उस समय को ही शनि की साढ़ेसाती के नाम से जाना जाता है। जैसे-जैसे शनि आगे की तरफ बढ़ता रहता है, वैसे-वैसे साढ़ेसाती उतरती रहती है।
जानिए धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती कब तक रहेगी
ज्योतिष गणना के अनुसार, मकर राशि में शनि देव का प्रवेश होने की वजह से धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती का आखरी चरण चल रहा है। 12 दिसंबर 2043 से 3 दिसंबर 2049 तक धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती रहने वाली है।
जानिए मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती कब तक रहेगी
ज्योतिष गणना के अनुसार शनि देव मकर राशि में 24 जनवरी 2019 से विराजमान हैं और शनि की राशि मकर राशि भी है। इसकी वजह से मकर राशि वाले लोगों के ऊपर शनि का दूसरा चरण चल रहा है। 29 मार्च 2025 तक मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहने वाला है।
जानिए कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का कब तक रहेगा प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर राशि में शनि का भ्रमण होने के कारण कुंभ राशि वाले लोगों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है। कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 3 जून 2027 तक रहने वाली है।
ये 3 राशियां होती हैं शनिदेव की प्रिय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी ग्रह की कोई ना कोई राशि उच्च और नीच मानी गई है। जब शनिदेव तुला राशि में होते हैं तो यह उच्च रहते हैं। आपको बता दें कि तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह हैं। ऐसी स्थिति में शनि देव तुला राशि के लोगों पर शुभ असर डालते हैं। शनिदेव मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं। इसी वजह से मकर और कुंभ राशि वाले लोगों पर शनिदेव की विशेष कृपा दृष्टि बनी रहती है। शनिदेव की तुला, मकर और कुंभ राशि प्रिय राशियां मानी जाती हैं। इसलिए इन राशि वाले लोगों को शनि देव की विशेष पूजा आराधना जरूर करनी चाहिए, इससे आपको अपने जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होगी और शनि देव का आशीर्वाद बना रहेगा।