90 के दशक में फाल्गुनी पाठक ने मचाया था तहलका, फिर अचानक हो गई गायब
बॉलीवुड में 90 के दशक में कई ऐसे गायक हुए हैं जो आज भी फैंस के दिलों पर राज करते हैं. उनके आवाज आज भी फैंस को उनका दीवाना बना देती है. इन्हीं में शुमार है गायिका फाल्गुनी पाठक. फाल्गुनी ने संगीत की दुनिया में अपनी एक ख़ास और अलग पहचान बनाई है. 90 के दौर में फाल्गुनी ने कई रोमांटिक गाने गाए थे. आइए आज उनके जन्मदिन के मौके पर आपको उनसे जुड़ी कुछ ख़ास बातें बताते हैं…
फाल्गुनी पाठक का जन्म 12 मार्च 1964 को गुजरात के वडोदरा में हुआ था. संगीत की दुनिया में आज भी फाल्गुनी का नाम बड़े प्यार और सम्मान के साथ लिया जाता है. 90 के दशक में उन्होंने लोगों को अपना दीवाना बना रखा था. मैंने पायल है छनकाई, याद पिया की आने लगी, बोले जो कोयल बागों में और ओ पिया जैसे गानों ने उन्हें अपार सफ़लता दिलाई.
90 के दशक में हर कोई फाल्गुनी के गानों को पसंद करता था. फैंस के बीच में उनकी गानों को लेकर हमेशा से क्रेज रहता था. हर फंक्शन पर लोग बड़े शौक से उनकी गाने बजाया करते थे. अपनी मधुर आवाज और सादगी से गायिका ने फैंस के दिलों में अपनी ख़ास जगह बनाई है.
स्टेज पर भी मचाया धमाल…
फाल्गुनी ने खुद को केवल एल्बम या फिल्मों में गाने तक ही सीमित नहीं रखा. बल्कि वे लाइव परफॉर्मर और म्यूजिक कंपोजर भी हैं. गुजरात में जन्मी फाल्गुनी के गानों में गुजराती संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है. उनकी गायन शैली गुजरात के पारंपरिक संगीत पर आधारित है और उसी से प्रेरित भी है.
1987 में शुरु हुआ करियर…
फाल्गुनी के पेशेवर करियर की शुरुआत साल 1987 में हुई थी. इसके बाद वे निरंतर करियर में ऊंचाईयों को छूती रही. जब एक बार फाल्गुनी से यह सवाल किया गया था कि, उन्होंने गायिकी को ही करियर के तौर पर क्यों चुना? तो उन्होंने बड़ा मजेदार जवाब देते हुए कहा था कि, यह बस हो गया.
फिलहाल लंबे समय से गायकी की दुनिया से फाल्गुनी पाठक गायब है, एक समय था जब वे विदेशों में भी लाइव परफॉर्मेंस देती थी. अपने बैंड ‘ता थैया’ के साथ वे स्टेज पर धूम मचा देती थी. साल 1998 में उनका पहला एल्बम रिलीज हुआ था. अपने करियर में फाल्गुनी कई बॉलीवुड गानों को भी आवाज दे चुकी है. उन्होंने अधिकतर प्यार और रोमांस से संबंधित गानों को ही आवाज दी है.
डांडिया क्वीन के नाम से फेमस…
गुजरात से संबंध रखने वाली फाल्गुनी की लोकप्रियात गुजरात में बहुत अधिक है. यहां अक्सर नवरात्रि के दौरान उन्हें प्रस्तुति देने के लिए बुलाया जाता है. साल 2013 में एक नवरात्रि कार्यक्रम के दौरान उन्हें 2 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि, उन्हें हर दिन के हिसाब से 22 लाख रुपये का भुगतान किया गया था.