यह थी राजेश खन्ना की आख़िरी इच्छा, अक्षय कुमार और डिंपल कपाड़िया ने की थी पूरी
हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार, काका जैसे नामों से पहचाने जाने वाले दिग्गज़ अभिनेता राजेश खन्ना का नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है. बॉलीवुड को कई यादगार और सफल फ़िल्में देने वाले राजेश खन्ना का स्टारडसम एक समय लोगों के सिर चढ़कर बोलता था. कहा जाता है कि, राजेश खन्ना के जैसा स्टारडम बॉलीवुड का अन्य कोई सितारा आज तक हासिल नहीं कर पाया है.
जब भी बॉलीवुड की बायत होती है तो राजेश खन्ना के नाम का जिक्र जरूर होता है. अपनी दमदार अदाकारी और अभिनय के अलग-अलग ढंग से ‘काका’ लोगोंका दिल जीत लिया करते थे. बहुत छोटे से फ़िल्मी करियर में ही राजेश खन्ना को सुपरस्टार का दर्जा प्राप्त हो गया था, लेकिन समय के साथ राजेश खन्ना अपना रूतबा कायम नहीं रख सके. कभी उगते सूरज की तरह उगने वाले राजेश खन्ना बाद में अस्त होता हुआ सूर्य हो गए थे.
करोड़ों दिलों पर राज करने वाले राजेश खन्ना का जन्म 29 दिसंबर 1942 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था. वहीं राजेश खन्ना अपने करोड़ों फैंस का दिल तोड़कर 18 जुलाई 2012 को इस दुनिया को अलविदा कह गए थे. राजेश खन्ना की जिंदगी के अंतिम दिन काफी पीड़ादायी रहे हैं, हालांकि इस दौरान जो उनकी आख़िरी इच्छा थी वह उनके परिवार वालों ने जरूर पूरी की थी.
बता दें कि, राजेश खन्ना कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे. आखिरकार यहीं बीमारी उनकी जान की दुश्मन भी बन गई थी. राजेश खन्ना को जब कैंसर होने की बात पता चली तो इसके बाद भी ‘काका’ ने सिगरेट और शराब से दूरी बनाना उचित नहीं समझा. राजेश खन्ना के दोस्त और करीबी रहे भूपेश रसीन ने मीडिया से इसके बारे में कहा था.
बता दें कि, राजेश खन्ना का कैंसर का इलाज मुंबई के लीलावती अस्पताल में चल रहा था. ‘काका’ अपनी ज़िंदगी के आख़िरी दिनों में इसी अस्पताल में भर्ती थे. भूपेश रसीन ने मीडिया के सामने इस बात का जिक्र किया था कि, राजेश खन्ना यह नहीं चाहते थे कि, वे इस दुनिया को अस्पताल में अलविदा कह दें, बल्कि उनकी चाहत अपने घर में दम तोड़ने की थी. ‘काका’ चाहते थे कि वे अपने बंगले ‘आशीर्वाद’ पर ही आख़िरी सांस लें और उन्होंने अपने परिवार के लोगों को भी इस बात की जानकारी दे दी थी.
राजेश खन्ना की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए उनके परिवार के लोगों ने पहल की. राजेश खन्ना की पत्नी और दामाद अक्षय कुमार ने राजेश खन्ना की अस्पताल से छुट्टी करा दी और वे उन्हें उनके बंगले में ले आए. बाद में काका ने इस दुनिया को मुंबई स्थित अपने बंगले ‘आशीर्वाद’ में अलविदा कहा था.
राजेश खन्ना की यह भी इच्छा थी कि, जब उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाए तो उनके तमाम फैंस उसमें शामिल हो. उनकी अंतिम विदाई एक सुपरस्टार की तरह होनी चाहिए. 12 जुलाई 2012 को ठीक हुआ भी ऐसा जैसा कि राजेश खन्ना चाहते थे. जब उनकी अंतिम यात्रा निकली तो लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा. लाखों की संख्या में लोगों की भीड़ अपने चहेते सुपरस्टार को आख़िरी बार देखने के लिए उमड़ पड़ी.
राजेश खन्ना हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार थे और वे जिए भी एक सुपरस्टार की तरह ही. वहीं जब दुनिया से उनके आख़िरी विदाई हुई तो वो भी एक सुपरस्टार के रूप में ही हुई. देश-दुनिया के लाखों-करोड़ों फैंस ने ‘काका’ को नम आंखों से अंतिम विदाई दी.
साल 1966 में राजेश खन्ना ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की थी. 60 और 70 के दशक में ‘काका’ का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोलता था. बहुत जल्द ही अपनी बेहतरीन अदाकारी के दम पर राजेश खन्ना बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार बन गए थे. उस समय यह कहावत बड़ी प्रचलित थी कि, ‘ऊपर आका नीचे काका’. फैंस उन्हें प्यार से ‘काका’ पुकारा करते थे.