अब गायों का भी होगा आधार नंबर, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से की सिफारिश!
भारत के सबसे अधिक पूजनीय और धार्मिक पशु के रूप में जानी जाने वाली गाय की सुरक्षा और संरक्षण के लिए केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को दी गई एक रिपोर्ट में कहा है कि मनुष्यों की तरह ही गायों के लिए भी अद्वितीय पहचान संख्या यानी कि यूनिक आइडेंटिटी प्रणाली की जरूरत है. केंद्र सरकार द्वारा गठित एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में कुछ ऐसी ही सिफारिशें की हैं.
गायों का भी होगा आधार नंबर :
Centre in its report to Supreme court says “each cow and its progeny across India should get a Unique Identification Number for tracking”
— ANI (@ANI_news) 24 April 2017
यह रिपोर्ट भारत और बांग्लादेश सीमा पर गायों के संरक्षण और पशु तस्करी से सम्बंधित है. केंद्र सरकार ने गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में इस कमिटी का गठन किया था. आपको बता दें कि इस कमेटी की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि भारत और बांग्लादेश के बॉर्डर पर सबसे ज्यादा भारतीय गायों की तस्करी होती है.
भारत बांग्लादेश बॉर्डर पर गायों की सबसे ज्यादा तस्करी :
एक रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश में भारतीय नस्ल की गायों की मांग बहुत ज्यादा है. वहां भारतीय नस्ल की गायों का मांस बहुत महंगा बिकता है. बांग्लादेश में बहुत से लोग भारतीय नस्ल की गायों के लिए मुंह माँगा दाम देने को तैयार रहते हैं. बताया जाता है कि भारत बांग्लादेश बॉर्डर पर गायों की सबसे ज्यादा तस्करी होती है.
इसपर रिपोर्ट में कहा गया है कि मालिकों द्वारा छोड़ दी गयी गायों या पशुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी मख्य रूप से राज्य सरकारों की है. सिफारिशों के मुताबिक हर जिले में 500 जानवरों के लिए शेल्टर होम बनाये जाने की जरूरत है. जिससे आवारा पशुओं की तस्करी रोकने में मदद मिलेगी. साथ ही दूध देने तक की उम्र तक पशुओं की विशेष देखभाल की सिफारिश की गयी है.
इसके अलावा ऐसे प्रावधानों की सिफारिश है जिसके तहत संकट के वक्त भी किसान दूध न देने वाले पशुओं को न बेचें. गाय और बछड़ों की पहचान के लिए यूआईडी जैसी व्यवस्था की मांग भी की गयी है. रिपोर्ट में पशुओं की उम्र, नस्ल, लिंग, और शारीरिक विशेषताओं जैसे ऊंचाई शरीर का रंग, सींग का प्रकार इत्यादि के माध्यम से उनकी अद्यितीय पहचान सुनिश्चित करने की बात कही गयी है.
बॉर्डर सिक्यूरिटी फोर्स के मुताबिक हर साल करीब साढ़े तीन लाख गाय तस्करी करके भारत से बांग्लादेश भेजी जाती है. तस्करी का यह कारोबार सालाना करीब 15 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा का है. बताया जाता है कि साल 2014 और 2015 के दौरान बीएसएस ने 34 गाय तस्करों को मुठभेड़ में मार गिराया था.