मोदी सरकार का एक और बड़ा फैसला, अब बच्चे किताबों में पढ़ेंगे नोटबंदी के बारे में!
नोटबंदी मोदी सरकार की सबसे बड़ी और क्रन्तिकारी घोषणा थी। देश में फैले भ्रष्टाचार, काले धन की समस्या और जाली नोटों के बढ़ते व्यापार पर एक साथ रोक लगाने के लिए मोदी सरकार ने इतना बड़ा फैसला लिया। इस फैसले से देश की जनता को थोड़ी बहुत दिक्कतें भी उठानी पड़ी थी, लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान पूंजीपतियों को हुआ, जिन्होंने काला धन घर में छिपाकर रखा था।
नोटबंदी के बाद लोगों को कैश की समस्या हो गयी थी। सरकार लोगों की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए जल्द से जल्द इसका संधान करने का प्रयास भी तेजी से कर रही थी। सरकार की कड़ी मेहनत और लगन के बाद अब लोगों की समस्याएं पूरी तरह से खत्म हो चुकी हैं। नोटबंदी को लेकर विरोधी दलों ने सरकार पर जमकर निशाना साधने की कोशिश की लेकिन वह नाकाम हो गए।
सरकार का फैसला, किताबों का होगा रिव्यू:
नोटबंदी जैसे बड़े फैसले लेने के बाद मोदी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। मोदी सरकार ने अभी हाल ही में फैसला लिया है कि स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली किताबों का रिव्यू किया जायेगा। किताबों की रिव्यू का यह जिम्मा नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग को सौंपा गया है। काउंसिल के बड़े अधिकारियों ने बताया कि यह रिव्यू इसलिए किया जा रहा है ताकि पिछले 10 साल में देश के अन्दर जो भी बड़ी घटनाएं हुई हैं, बच्चे उसके बारे में जान सकें।
1 से 12वीं तक की किताबों में होगा परिवर्तन:
गौरतलब हो कि यह बदलाव कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक की किताबों में किया जायेगा। मीडिया खबरों के अनुसार नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग के एक अधिकारी ने बताया कि, “हम यह विचार कर रहे हैं कि अगर किताबों में बदलाव हुए तो क्या बदलाव होने चाहिए। हमने इसके लिए एक इंटरनल समूह भी गठित कर दिया है जो इस विषय पर काम कर रहा है।”
नोटबंदी को भी किया जायेगा शामिल:
इससे पहले यह कहा जा रहा था कि जिन-जिन किताबों के खिलाफ सरकार ने शिकायतें की हैं, केवल उन्ही में बदलाव किया जायेगा। नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, “हो सकता है पिछले साल हुई नोटबंदी को भी नई किताबों में शामिल किया जाये।”