स्वास्थ्य

चाय और काफी से मिलने वाली फुर्ती कुछ ही समय में आपके दिल की फुर्ती-स्फूर्ति बिगाड़ सकती है

हम लोग दिन भर काम करते है. इस दौरान कई बार हमें आलसी आ जाती है. या फिर छात्रों को पढ़ते-पढ़ते नींद आने लगती है. इस दौरान हमें सबसे अच्छा और सस्ता उपाए वह सूझता है कि हम चाय या काफी बना कर पी लेते है. इसके बाद हमारे तन बदन में एनर्जी ऊर्जा आ जाती है. इसके अलावा भारत में रोजाना सुबह उठकर चाय पी जाती है. चाय भारत का राष्ट्रीय पेय बन चुका है.

अच्छा आप मे से किसी ने सोचा है जो चाय और काफी हमें झट से तंदुरुस्ती देती है आखिर वह ऐसा क्यों करती है. इसकी वजह है वो कैफीन जो आपकी चाय और कॉफी में पाया जाता है. दुनिया की 80 फीसदी से ज्यादा आबादी चाय या कॉफी के जरिए रोजाना कैफीन का सेवन कर रही है. हम आपको बताते है कैफीन क्या है और यह आपका दिमाग कैसे एक्टिव करता है.

कैफीन यह होता है
कैफीन कॉफी, चाय और कोको प्लांट में पाया जाने वाला स्टीमुलेंट है. यह पेय पदार्थों के जरिए हमारे शरीर में पहुंचता है. इसे पीने के बाद इसका असर सीधे दिमाग के नर्वस सिस्टम पर पड़ना शुरू हो जाता है. इसके बाद आप खुद को काफी रिलैक्स फील करने लगते हैं. बता दें कि कैफीन वाले पेय पदार्थों का चलन 18वीं शताब्दी में शुरू हुआ था, जिसके बाद से यह साल-दर-साल बढ़ता जा रहा है.

शरीर पर इस तरह काम करता है कैफीन
जब भी हम चाय या कॉफी पीते है तो इसके अंदर पहले से मौजदू कैफीन ब्लड में मिलकर पूरे शरीर में फैल जाता है. जिसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे दिमाग पर पड़ता है. दिमाग से जुड़ा एक न्यूरोट्रांसमीटर है एडिनोसिन. एडिनोसिन ही हमारे शरीर के थकने पर हमें बताता है कि आप थक चुके हैं. यह कैफीन एडिनोसिन को ही ब्लॉक कर देता है. इसी वजह से आप अपने आप को फ्रेश महसूस करने लगते है. इसके साथ ही कैफीन डोपामाइन और एड्रेनेलिन न्यूरोट्रांसमीटर की एक्टिविटी बढ़ा देता है. जिस वजह से आप उत्तेजित हो जाते हैं और ध्यान लगाकर काम करने लग जाते है.

कैफीन के बारे मने अन्य बात की जाये तो कैफीन बॉडी में पहुंचने पर भूख कम लगती है. इसी वजह से वजन घटता हैं. आप शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को काफी एनर्जेटिक महसूस कने लग जाते है, इसलिए आप ज्यादा काम कर पाते हैं. आपको थकावट महसूस नहीं होती. शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जानें पर आपकी नींद पर इसक प्रभाव देख जा सकता है. नींद आने में परेशानी आती है. शरीर से यूरिन ज्यादा निकलता है और पानी की कमी हो जाती है.

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