बारात आते ही शादी के मंडप से प्रेमी संग भाग गई दुल्हन, तो दूल्हे ने रचा लिया छोटी बहन से ब्याह
एक दुल्हन शादी वाले दिन अपने प्रेमी के साथ भाग गई। जिसके बाद दूल्हे ने दुल्हन की बहन के साथ विवाह कर लिया। लेकिन ये विवाह करना दूल्हे को भारी पड़ गया। ये मामला ओडिशा के कालाहांडी जिले का है। जानकारी के अनुसार जयपटना पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में मालपाड़ा गांव की एक लड़की का विवाह मंगलवार को था। लेकिन शादी से कुछ घंटे पहले ही लड़की अपने प्रेमी के साथ भाग गई। वहीं दूल्हा बारात लेकर दुल्हन के घर पहुंच गया। दुल्हन के भागे जाने की खबर जैसे दूल्हे व उसके परिवार के लोगों को लगी, तो उन्होंने दूल्हन की छोटी बहन की शादी करने का फैसला किया और दूल्हे से छोटी बहन की शादी करवा दी।
हालांकि ये विवाह गैरकानूनी था। क्योंकि दुल्हन की बहन नाबालिग थी। पुलिस के अनुसार बाल-विवाह गैरकानूनी है। इसीलिए पुलिस ने लड़की को उसके ससुराल में रहने की अनुमति नहीं दी है। लड़की की आयु 15 वर्षीय की है। बहन के भाग जाने के कारण लड़के ने छोटी बहन से शादी कर ली। अधिकारी ने कहा कि मालपाड़ा गांव में दुल्हन मंगलवार शाम को शादी से कुछ घंटे पहले अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई। दूल्हे की आयु 26 वर्षीय की थी। दुल्हन के भाग जाने के बाद माता-पिता ने उसकी नाबालिग बहन की दूल्हे से शादी करने का फैसला किया। दूल्हे पक्ष ने भी इस फैसले को स्वीकार कर लिया।
कालाहांडी जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुकांति बेहरा ने बताया कि जिस लड़की का विवाह किया गया वो कक्षा 10 की परीक्षा की तैयारी कर रही है। बच्ची को छुड़ाकर उसके भाई को सौंप दिया गया है। दुल्हन के माता-पिता और दूल्हे के परिवार को इस बात की जानकारी नहीं थी कि बाल विवाह गैरकानूनी है। सीडीपीओ ने कहा कि लड़की ने अपने माता-पिता के घर में रहने और परीक्षा में बैठने का विकल्प चुना है।
बेहरा ने बताया कि दोनों परिवारों के लिए एक परामर्श सत्र का आयोजन किया गया था। उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। वे 18 वर्ष की विवाह योग्य आयु प्राप्त करने से पहले लड़की की शादी को गंभीरता से नहीं लेने पर सहमत हुए। जब लड़की के माता-पिता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह साथियों के दबाव के कारण अपनी छोटी बेटी की शादी कराने के लिए सहमत हो गए। उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण अधिकारी और पुलिस के कहने पर उन्होंने बेटी के बालिग होने तक इस शादी को मान्यता नहीं देने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि हमारे देश में लड़की की शादी की आयु की उम्र 18 साल रखी गई है। लेकिन इसके बावजूद देश में बाल विवाह हो रहा है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के अनुसार 15 से 19 साल के बीच जिन लड़कियों की शादी हुई है। उनमें से 30.8 प्रतिशत कभी स्कूल नहीं गईं। जबकि 21.9 प्रतिशत ने प्राथमिक स्तर तक पढ़ाई की है। सेकेंडरी लेवल तक पढ़ाई करने वाली ऐसी लड़कियां जिनकी शादी 18 साल से पहले हुई महज 10.2 प्रतिशत ही हैं। ऐसी लड़कियां जिनकी शादी उच्च शिक्षा के बाद भी 18 साल से पहले हुई मात्र 2.4 प्रतिशत है। इन आकंड़ों से साफ है कि हमारे देश में बाल विवाह का शिकार हुई लड़कियों को शिक्षा नहीं मिल पा रही है।