सेक्स चेंज ऑपरेशन से पहले फ्रिज किया अपना सिमन, अब बच्चे का मां और बाप दोनों कहलाएगा
डॉ.जेसनूर दायरा (Dr. Jesnoor Dayara) गुजरात की पहली ट्रांसवुमन डॉक्टर (First Transwoman Doctor) हैं। उनका जन्म तप एक पुरुष के रूप में ही हुआ था लेकिन वह खुद को अंदर से एक महिला मानती हैं। उन्होंने महिलाओं की तरह सोच विचार और रहन सहन पसंद है। पहले उन्होंने ये बात घरवालों से छिपाई थी, लेकिन रूस (Russia) एमबीबीएस (MBBS) की डिग्री ली लेने के दौरान उन्हें हिम्मत आई और अब वह अपने अंदर से महिला बनने का खुलासा दुनिया के सामने करने जा रही हैं।
जेसनूर दायरा को बचपन से ही पता लग गया था कि वे पुरुष की बॉडी में कई एक महिला हैं। वे अब अपना जेंडर बदलवाना (Gender Change) चाहती हैं। उनके इस फैसले पर अब धीरे धीरे परिवार और रिश्तेदारों का सपोर्ट भी मिलने लगा है। वे अब एक तरह से अपनी नई पहचान बना लाइफ जीना चाहती है।
हर महिला की तरह डॉ. जेसनूर दायरा को भी माँ बनने का सुख प्राप्त करना है। इसके लिए उन्होंने पूरी प्लानिंग भी कर ली है। अपना सेक्स चेंज (Sex Change) करवाने के पहले उन्होंने अपना सीमन फ्रीज (Semen Freeze) भी करवा लिया है। यादी उनके जेंडर चेंज होने के बाद जब बच्चा पैदा होगा तो वह उन्हीं के सीमन में मजूद स्पर्म (Sperm) से जन्म लेगा। इस तरह जैविक रूप से वह उनकी का बच्चा होगा।
इस काम के लिए वे सरोगेट मां (Surrogate Mother) का सहारा लेंगी। उनके स्पर्म को डोनर एग के साथ मिलाकर सरोगेट मां के गर्भ में प्लांट कर दिया जाएगा। जिन्हें सरोगेट मदर के बारे में नहीं पता उन्हें बता दें कि ये महिलाएं किराए पर अपनी कोख देती हैं। इनके गर्भ में दूसरों के एग और स्पर्म से मिलकर बना भ्रूण ट्रांसफर कर दिया जाता है। फिर 9 महीने से पैसे लेकर बच्चा कोख में रखती हैं और जन्म के बाद उसके जैविक माता पिता को दे देती हैं।
डॉ. जेसनूर दायरा के केस में दिलचस्प बात यह होगी कि उनका स्पर्म इसमें इस्तेमाल होने और बाद में उनका सेक्स चेंज होने से वे बच्चे की माँ भी होंगी और पिता भी रहेंगी। हालांकि इसके लिए उन्हें बहुत पेचीदा कानूनी प्रक्रिया से भी गुजरना होगा। भारत में सरोगेसी विधेयक (2019) (Surrogacy Bill 2019) के अंतर्गत अविवाहित पुरुष, एलजीबीटी कपल (LGBT Couple) या लिव इन (Live In Relationship) में रहने वाले सरोगेसी (Surrogacy) के माध्यम से पेरेंट्स नहीं बन सकते हैं। ऐसे में जेसनूर दायरा दुनिया के अन्य देशों में भी विकल्प खोज रही हैं। मतलब वे भारत में सरोगेट मदर न मिलने पर विदेश में उसे किराए पर रख सकती हैं।