बसंत पंचमी के दिन करें ये आसान से उपाय,तेजी से दौड़ने लगेगा कमजोर बच्चों का दिमाग
माता सरस्वती को संगीत और ज्ञान की देवी के रूप में पूजा जाता है. मां सरस्वती का हिन्दू धर्म में एक विशेष स्थान है. हर साल माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को देशभर में धूमधाम से बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है. यह दिन पूर्णतः मां सरस्वती को समर्पित रहता है. इस दिन माता सरस्वती की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.
इस बार बसंत पंचमी आगामी रविवार को यानी कि 16 फरवरी को आ रही है. सुर और ज्ञान की देवी मां सरस्वती को इस दिन प्रसन्न करने के लिए लोग पूरे विधि-विधान के साथ मां की पूजा-अर्चना करते हैं. जिससे कि, उन पर सदैव माँ की कृपा बनी रहे और उन्हें मां का आशीर्वाद प्राप्त होता रहे.
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी कि बसंत पंचमी के दिन विद्यालयों, महावियालयों और विश्वविद्यालयों में भी माता सरस्वती का विशेष पूजन किया जाता है. कहा जाता है कि, ऐसे छात्र जो पढ़ने में कच्चे या कमजोर होते है, वे इस दिन मां का पूजन करते हैं तो इसमें उन्हें काफी लाभ पहुंचता है. आइए आपको बताते हैं कि, बसंत पंचमी के दिन आपको कौन-से उपाय करने चाहिए, जिससे कि आपको फायदा मिल सकें.
1. बसंत पंचमी के दिन नवजात शिशु, जिनकी यह पहली बसंत पंचमी है उनकी जीभ पर चांदी की सलाई की मदद से शहद से ‘ऊँ ऐं’ मंत्र लिख दें. इससे बच्चे को यह लाभ होगा कि, बच्चा बड़ा होने पर मधुर वाणी बोलेगा. जबकि बौद्धिक रूप से भी वह मजबूत होगा. जबकि पढ़ाई-लिखाई में भी वह सदैव आगे रहेगा.
2. इस दिन यदि तीन साल की उम्र तक के बच्चे के हाथ से एक कॉपी पर लाल रंग की स्याही से ‘ऊँ ऐं’ मंत्र लिखवाकर फिर उसके बाद मां की पूजा की जाए तो इससे शिशु दिमागी रूप से स्वस्थ, होशियार और मजबूत होता है
3. मां सरस्वती को वीणा के साथ ही वाणी की देवी के नाम से भी जाना जाता है. अगर ऐसे बच्चे जिन्हें बात करने के दौरान हकलाने, तुतलाने या झिझक महसूस करने जैसी समस्या होती है, बसंत पंचमी के दिन उनकी जीभ पर चांदी की सलाई की मदद से केसर से ‘ऊँ ह्रीं श्रीं सरस्वत्यै नमः’ मंत्र लिख दें. इसका लाभ यह होगा कि, बच्चा इन सभी समस्याओं से मुक्त हो जाएगा. जबकि इसका परिणाम यह भी है कि, बड़ा होकर वह एक बेहतर वक्ता के रूप में जाना जाएगा.