अपने पिता के अंतिम संस्कार में भी नहीं पहुंचा था यह अभिनेता, 3 दिन तक शराब के नशे में था चूर
पिछला एक साल कपूर खानदान के लिए बेहद ही खराब रहा है. पिछले साल कोरोना काल में जहां ऋषि कपूर की मौत हुई. वहीं उनके गुजरे एक साल भी नहीं हुआ था कि उनके छोटे भाई राजीव कपूर ने मंगलवार 9 फरवरी को दिल का दौरा पड़ने से दम तोड़ दिया. इसके बाद से ही कपूर खानदान गम में डूबा हुआ हैं. राजीव कपूर की मौत 58 साल की उम्र में हुई थी.
मंगलवार को उन्हे अचानक दिल का दौरा पड़ा इस दौरान उन्हें बड़े भाई रणधीर कपूर तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उनकी जाँच कर उन्हें मृत घोषित कर दिया. अभिनेता रणधीर कपूर ने भाई की मौत के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘मैंने अपने छोटे भाई को खो दिया है. राजीव का निधन हो चुका है. अस्पताल में डॉक्टरों ने अपनी ओर से हर संभव प्रयास किया, लेकिन वह उन्हें बचा नहीं पाए’
राजीव कपूर के करियर के बारे में बात करे तो उन्हें फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ के लिए जाना जाता हैं. उसके बाद उन्होंने एक जान हैं हम’ आदि फिल्मों में यादगार काम किया था. इसके अलावा उन्होने ‘प्रेम ग्रंथ’ फिल्म का डायरेक्शन भी किया था. इस फिल्म में उनके बड़े भाई ऋषि कपूर लीड रोल में नज़र आए थे. इसके बाद अभिनेता राजीव कपूर ने 1984 में आई फिल्म आसमान, लवर बॉय, जबरदस्त और हम तो चले परदेस में भी अपनी कला का प्रदर्शन किया था. उनकी मौत पर उनकी भाभी यानि की ऋषि कपूर की पत्नी नीतू कपूर ने उन्हें इंस्टाग्राम पर श्रद्धांजलि दी हैं. नीतू ने राजीव की तस्वीर शेयर करते हुए RIP कैप्शन दिया हैं.
अभिनेता ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत वर्ष 1983 में आई फिल्म एक जाम है हम से की थी. यह फिल्म सुपरहिट सभीत हुई थी,लेकिन इसके बाद राजीव कपूर एक्टिंग में नहीं चल सके और उन्होंने एक्टिंग छोड़ दी. इसके बाद उन्होंने डायरेक्शन में भी हाथ आजमाया पर यहाँ भी कुछ ख़ास सफलता हासिल नहीं हुई. इसी दौरान राजीव कपूर के अपने पिता राज कपूर से संबंध भी खराब होते गए.
राज कपूर ने राजीव के करियर को बनाने के लिए फिल्म राम तेरी गंगा मैली फिल्म बनाई इस फिल्म में उनके साथ मंदाकिनी लीड रोल में थी. यह फिल्म भी बड़ी हिट साबित हुई, राजीव कपूर की लग रहा था कि यह फिल्म उनकी वजह से हिट हुई हैं. जबकि राज कपूर जानते थे कि यह फिल्म मन्दाकिनी के बोल्ड सीन देने की वजह से हिट हुई हैं. फिल्म हिट होने के बाद भी राजीव कपूर को इसका कोई खास फायदा नहीं मिला था. इसके बाद भी उनकी राज कपूर से दूरिया बढ़ती जा रही थी.
इस फिल्म के बाद जहां मन्दाकिनी बेहद लोकप्रिय होती जा रही थी, वहीं राजीव कपूर सिमट कर रह गए थे. वह इस बात के लिए अपने पिता को जिम्मेदार मानते थे. राजीव ने कई बार राज कपूर से कहा कि वह उन्हें लेकर कोई अच्छी फिल्म बनाये और उन्हें हीरो प्रोजेक्ट करे. पर राज कपूर ने ऐसा कभी नहीं किया. वह राजीव को सिर्फ अपना असिस्टेंट बना कर रखते थे. उनसे वह सारे काम करवाते थे जो एक स्पॉट बॉय करता था.
कुछ रिपोर्ट्स की माने तो राजीव कपूर, अपने पिता से इतने नाराज थे कि उनके निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार तक में नहीं पहुंचे. यही नहीं कपूर परिवार से अलग वो तीन दिन तक शराब के नशे में डूबे रहे.