12 फरवरी से शुरू हो रहे हैं गुप्त नवरात्रि, दस महाविद्याओं को प्रसन्न करने के लिए पढ़े ये मंत्र
12 फरवरी से माघ मास के गुप्त नवरात्रि शुरू होने वाले हैं। गुप्त नवरात्रि के दौरान मां आदिशक्ति की दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि में की जाने वाली पूजा को गुप्त रखा जाता है। जिसकी वजह से इन्हें गुप्त नवरात्रि का नाम दिया गया है। मान्यता है कि मां दुर्गा की इन दस महाविद्यायों की पूजा करने से कार्य सिद्धि प्रदान होती है। इन दस विद्यायों के नाम इस प्रकार है- काली, तारा, षोडशी, त्रिपुरसुन्दरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, भैरवी, धूमावती, बगला, मातंगी और कमला है। आइए विस्तार से जानते हैं इन दस विद्यायों के बारे में।
1. माता काली
गुप्त नवरात्रि के प्रथम दिन काली मां की पूजा की जाती है। माता काली का पूजन करने से सारे रोके हुए कार्य पूरे हो जाते हैं और मनचाही चीज की प्राप्ति होती है। माता काली की पूजा करते हुए इन्हें कमल का फूल जरूर अर्पित करें। साथ में ही इनके बीज मंत्र का जाप भी कम से कम 101 बार करें। इनका बीज मंत्र इस प्रकार है-
‘ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं दक्षिण कालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं स्वाहा।
2. तारा देवी
गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिन तारा देवी की पूजा की जाती है। इन्हें तांत्रिकों की मुख्य देवी माना गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सर्व प्रथम महर्षि वशिष्ठ ने देवी तारा की आराधना की थी। जिससे इन्हें सिद्धियां प्राप्त हुई थी। इसके अलावा ये भी माना जाता है कि इनका पूजन करने से आर्थिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आप मां की आराधना करते हुए इस मंत्र का जाप कर दें।
‘ॐ ऐं ओं क्रीं क्रीं हूं फट्।’
3. माता षोडशी या त्रिपुर सुंदरी
गुप्त नवरात्रि के तीसरे दिन माता षोडशी या त्रिपुर सुंदरी का पूजन किया जाता है। इनका पूजन करने से साधक को हर कार्य में सफलता की प्राप्ति होती है। माता त्रिपुर सुंदरी को ललिता, लीलावती, लीलामती, ललिताम्बिका, लीलेशी, लीलेश्वरी, राज राजेश्वरी भी कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि के दौरान मां षोडशी की पूजा करें, साथ में ही मंत्र का जाप करें। मां से जुड़े दो मंत्र इस प्रकार हैं
1. ‘श्री ह्रीं क्लीं ऐं सौ: ॐ ह्रीं क्रीं कए इल ह्रीं सकल ह्रीं सौ: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं नम:।’
2. ऐं ह्नीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नम:
4. भुवनेश्वरी
माता भुवन्श्वरी को शताक्षी और शाकम्भरी मां के नाम से भी जाना जाता है। इनकी पूजा से साधक को ऊर्जा की प्राप्ति होती है। साथ में ही जिन लोगों को संतान नहीं होती है, अगर वो मां का पूजन सच्चे मन से करते हैं, तो उन्हें संतान की प्राप्ति हो जाती है। इनकी पूजा का मंत्र इस प्रकार से ह।
‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं सौ: भुवनेश्वर्ये नम: या ह्रीं।’
5. छिन्नमस्ता
माता छिन्नमस्ता का पूजन पांचवे दिन किया जाता है। मां का पूजन करने से व इनका व्रत रखने से सभी चिताएं दूर हो जाती हैं। इसलिए जो लोग भी चिंता से घिरे हुए हैं, वो मां का पूजा करें। इनका पूजन करने से मन को शांति प्राप्त हो जाएगी औ चिंताओं का अंत हो जाएगा। यही कारण है कि इन्हें चिंतपूरनी भी कहा जाता है। इनकी पूजा करते हुए इस बीज मंत्र का जाप कर दें।
‘श्री ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरायनीये हूं हूं फट् स्वाहा।’
6. भैरवी
भैरवी दस महाविद्याओं में से ये छठी महाविद्या हैं। इनकी उपासना से साधक को बंधनों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। ऐश्वर्य प्राप्ति, रोग से बचने के लिए व आर्थिक उन्नति की बाधाओं को दूर करने के लिए इनकी आराधना करें। इनकी साधना का मूल मंत्र इस प्रकार है।
‘ह स: हसकरी हसे।
7. धूमावती
धूमावती माता की पूजा करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं। ये माता पार्वती का स्वरूप मानी गई हैं। मान्यता है कि इनकी साधना करने से कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है। ऋग्वेद में इन्हें ‘सुतरा’ नाम भी दिया गया है। इनकी आराधना का मंत्र इस प्रकार से है।
‘धूं धूं धूमावती ठ: ठ:।’
8. बगलामुखी
मां बगलामुखी की पूजा करने से शत्रुओं से मुक्ति मिल जाती है। शत्रु का नाश हो जाता है और भय का भी अंत होता है। राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को मां बगलामुखी का पूजन जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि महाभारत युद्ध में विजय प्राप्ति के लिए धर्मराज युधिष्ठिर ने इन्हीं की आराधनी की थी और मां का पूजन करने से उन्हें इस युद्ध में विजय प्राप्ति हुई थी। इसलिए सफलता प्राप्त के लिए आप मां का पूजन जरूर करें और इनके मंत्र का जाप करें।
‘ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिव्हा कीलय, बुद्धिं विनाश्य ह्लीं ॐ स्वाहा।’
9. मातंगी
गुप्त नवरात्रि के नौवें दिन मां मातंगी का पूजन किया जाता है। मां का पूजन करने से जीवन में शांति बनीं रहती है। शीघ्र विवाह हो जाता है और सुख के साथ गृहस्थ जीवन बीत जाता है। इसलिए गृहस्थ जीवन सुखमय बना रहे, इसके हेतु मां का पूजन करें और नीचे बताए गए मंत्र का जाप करें
‘श्री ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा।’
10. कमला देवी
गुप्त नवरात्रि के आखिरी दिन मां कमला की साधना की जाती हैं। ये परम सौभाग्य प्रदात्री हैं। इनकी पूजा करने से समृद्धि, धन की प्राप्ति होती है। इनकी आराधना का मंत्र इस प्रकार है।
‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।’