ये होता है मान सम्मान: फौजी 17 साल बाद गांव आया तो लोगों ने हथेलियां बिछा किया स्वागत – Video
भारतीय सैनिकों की जितनी तारीफ की जाए कम ही है। ये जवान देश की सीमा पर रात दिन तैनात रहते हैं ताकि हम देश के अंदर सुरक्षित रह सकें। वीर जवानों की इस सेवा के बदले हमारा भी फर्ज बनता है कि हम उन्हें वह मान सम्मान दें जिनके वे हकदार हैं। बस ऐसा ही कुछ मध्य प्रदेश के नीमच गांव में हुआ। यहां गांववालों ने सेना से रिटायर हुए सैनिक का ऐसा सम्मान किया कि उसकी आंखें भर आई।
दरअसल बहादुर सिंह पिछले 17 सालों से सेना में अपनी सेवाएं दे रहे थे। हाल ही में वे रिटायर होकर अपने गांव ‘जीरन’ पहुंचे। यहां सभी ने अपनी हथेलियां बिछा फौजी का स्वागत किया। ग्रामीणों को जब जवान के आने की खबर लगी तो उन्होंने उनके स्वागत में हर जगह फूल बिछा दिए।
गांव के हर घर से लोग बाहर निकल उनकी अगवानी करने लगे। सबसे अच्छा नजारा वह था जब गांव वालों ने जमीन पर अपनी हथेलियां बिछाकर जवान को उनपर चलने के लिए कहा। इसके बाद वे सभी फौजी को लेकर गांव के प्रचाीन मंदिर ले गए। यहां जवान ने गाँववालों संग भगवान गणेश के दर्शक कर उनका आशीर्वाद लिया।
गांववालों का ऐसा स्वागत देख फौजी की आंखें नम हो गई। जवान विजय बहादुर ने कहा कि अपना गांव स्वर्ग से भी अच्छा है। मैं अपनी 17 साल की नौकरी में कई जगह गया लेकिन जैसा मान सम्मान और प्यार गांव में मिला है वैसा कहीं देखने को नहीं मिला। आज मुझे एहसास हुआ कि सेना और उनके जवानों के प्रति लोगों के मन में कितना सम्मान है।
जवान ने आगे कहा कि आप सभी के इस प्यार और मान सम्मान को मैं कभी नहीं भूल पाऊँगा। अब से मेरा यही लक्षय रहेगा कि अपने और आसपास के गांव के लोगों को सेना में जाने की ट्रेनिंग दूं। मैं उन्हें पूरी लगन के साथ सेना में जाने के लिए रेडी करूंगा।
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— NaiDunia (@Nai_Dunia) February 4, 2021
उधर बेटे विजय का गांव में इस तरह का सम्मान और स्वागत होता देख पिता लालसिंह भावुक हो गए। उनकी आंखें नम और सीना गर्व से चौड़ा हो गया। उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है कि गांव का हर बेटा सेना में भर्ती हो और अपने पिता एवं देश का नाम रोशन करें।
बताते चलें कि जवान विजय बहादुर अपनी 17 साल की नौकरी में कारगिल, सियाचिन ग्लेशियर, बटालिक, जम्मू कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, जयपुर व शिमला जैसी जगहों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। यहां वे दुश्मनों का डटकर सामना कर देश की रक्षा करते थे।